दिल्ली सरकार ने पीडब्ल्यूडी, दिल्ली जल बोर्ड और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों की छुट्टियों पर 15 सितंबर तक लगाया प्रतिबंध

दिल्ली सरकार ने आगामी मानसून की तैयारी के लिए पीडब्ल्यूडी, दिल्ली जल बोर्ड और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों की छुट्टियों पर 15 सितंबर तक प्रतिबंध लगा दिया है। सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) के आदेश के अनुसार, मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर 15 सितंबर तक जूनियर इंजीनियर और उससे ऊपर के किसी भी स्तर के अधिकारी की किसी भी तरह की छुट्टी स्वीकृत नहीं की जाएगी।

आदेश में कहा गया है कि मानसून के नजदीक आने के कारण नालियों से गाद निकालने, जलभराव और बाढ़ को रोकने, सड़कों की मरम्मत करने तथा शहर भर में सड़कों और नालियों से मलबा और गाद हटाने के लिए युद्ध स्तर पर काम किया जाना है। पिछले कुछ वर्षों में अधिकारियों ने राष्ट्रीय राजधानी में 400 से अधिक जलभराव वाले स्थानों की पहचान की है।

भाजपा सरकार ने दावा किया है कि दिल्ली को जलभराव मुक्त बनाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। पुरानी नालियों और गाद के जमाव सहित कई कारणों से मानसून के दौरान यह समस्या बार-बार सामने आती है। पिछले साल दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर में तीन छात्रों की मौत भी इसी कारण हुई थी, जब वे एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने के बाद फंस गए थे।

दिल्ली के जल एवं पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा है कि लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत आने वाले सभी 1400 किलोमीटर नालों की सफाई 31 मई तक कर दी जाएगी। अन्य एजेंसियां ​​भी अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले नालों की सफाई के लिए काम कर रही हैं।

वर्मा ने यह भी कहा कि लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत चिन्हित जलभराव वाले लगभग 345 स्थानों पर जलभराव न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए इंजीनियरों को प्रभारी नियुक्त किया गया है। उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम में भारी बारिश की स्थिति में जलभराव से निपटने के लिए स्वचालित पंपों की तैनाती की गई है। इनके ऑपरेटर शिफ्ट में ड्यूटी पर तैनात रहेंगे। दिल्ली में मानसून आधिकारिक तौर पर हर साल जून के अंत से शुरू होता है।

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