ईडी ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को जायज ठहराया

ईडी ने आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को जायज ठहराया है। सुप्रीम कोर्ट में एजेंसी ने कहा, आरोपियों ने घोटाले से जुड़े 170 से अधिक मोबाइल फोन बदले या नष्ट कर दिए।

शीर्ष अदालत में दायर हलफनामे में ईडी ने कहा कि सबूतों के आधार पर किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार किया जा सकता है, चाहे वह कितना भी बड़ा क्यों न हो। ऐसी गिरफ्तारी को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव की अवधारणा का उल्लंघन नहीं कहा जा सकता। ईडी ने कहा, यदि इस तर्क को स्वीकार कर लिया जाता है, तो अपराधी राजनेताओं को गिरफ्तारी से छूट मिल जाएगी। एजेंसी ने कहा, केजरीवाल नौ बार तलब किए जाने के बावजूद जांच अधिकारी के सामने उपस्थित नहीं हुए। वे पूछताछ से बच रहे थे।

ईडी ने 700 से अधिक पन्नों के जवाब में यह भी कहा कि घोटाले की अवधि के दौरान 36 व्यक्तियों (आरोपी और अन्य) की ओर से कुल 170 मोबाइल फोन को बदलने या नष्ट करने का निष्कर्ष इस तथ्य पर आधारित है कि ये मोबाइल फोन ईडी की गहन तलाशी के दौरान बरामद नहीं किए गए। फिर इन व्यक्तियों की जांच पर वे इन्हें पेश करने में असमर्थ रहे या उन्हें दुरुस्त अवस्था में पेश नहीं कर सके।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को वैध बताते हुए कहा कि इस मामले में डिजिटल सबूतों को बड़े पैमाने पर नष्ट किया गया। अपराध की आय, मनी ट्रेल के सबूतों को नष्ट किया गया।

केजरीवाल के इस दावे को खारिज करते हुए कि उन्हें चुनाव से ठीक पहले गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है, ईडी ने कहा है कि पीएमएलए, 2002 की धारा 19 के तहत शक्तियों का प्रयोग उचित प्रक्रिया के अनुसार किया गया है। याचिकाकर्ता का चुनाव के नाम पर सुरक्षा पाने का दावा गलत है क्योंकि उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में लिप्त पाए जाने पर गिरफ्तार किया गया था।

ईडी का यह जवाब केजरीवाल की ओर से हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर आया है। सुप्रीम ने केजरीवाल की याचिका पर ईडी को जवाब दाखिल करने के लिए कहा था। हाईकोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को वैध करार दिया था

ईडी पर निशाना साधते हुए आम आदमी पार्टी ने कहा कि एजेंसी झूठ बोलने की मशीन के अलावा कुछ नहीं है। ईडी भाजपा के कहने पर झूठ परोस रही है। ईडी के पास मुख्यमंत्री के खिलाफ एक भी सबूत नहीं है। किसी भी आप नेता से पैसे का कोई लेन-देन नहीं जुड़ा है। आबकारी नीति से जुड़े आरोपी से चंदा लेने का मामला भाजपा से जुड़ा है। भाजपा के खाते में पैसे गए हैं। इसकी जांच ईडी नहीं कर रही है। साफ है कि ईडी का एकमात्र मकसद लोकसभा चुनाव खत्म होने से पहले केजरीवाल को जेल से बाहर आने से रोकना है। पहले चरण के मतदान के बाद भाजपा घबरा गई है।

अदालत ने बुधवार को मुख्यमंत्री केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से जारी समन के खिलाफ उनके दो संशोधनों पर दायर जवाबों पर प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए समय प्रदान किया है। ट्रायल कोर्ट ने ईडी की ओर से दायर दो शिकायतों पर केजरीवाल को समन जारी किया था। राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश राकेश सयाल ने केजरीवाल की ओर से पेश वकीलों की दलीलें सुनने के बाद जवाब दाखिल करने और संशोधन पर बहस के लिए दो सप्ताह का समय दिया है।

मामलों को आगे की सुनवाई के लिए 14 मई को होगी। केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। वे 7 मई तक हिरासत में हैं। राउज एवेन्यू कोर्ट ने 15 मार्च को ईडी की शिकायतों पर केजरीवाल को जारी समन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इससे पहले केजरीवाल के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश गुप्ता ने कहा था कि केजरीवाल ने कोई अवज्ञा नहीं की है। किसी व्यक्ति को तभी बुलाया जा सकता है जब उसकी गैरहाजिरी जानबूझकर की गई हो।

आबकारी नीति मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 7 मई तक बढ़ा दी है। साथ ही, अदालत ने चार्ज फ्रेम शुरू नहीं करने की मांग वाली याचिका पर सीबीआई से जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत में कहा कि केस के जांच अधिकारी ने सुनवाई के दौरान कहा था कि जांच तीन से चार महीने में पूरी हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और जांच अभी तक चल रही है।

अदालत के निर्देश पर गिरफ्तारी हुई और बयान भी रिकॉर्ड किया गया। लिहाजा, अभी इस मामले में चार्ज फ्रेम करने पर सुनवाई शुरू नहीं होनी चाहिए। मामले की सुनवाई के दौरान चार्ज फ्रेम करने पर सुनवाई के दौरान सीबीआई ने जब दलील रखना शुरू किया तो कुछ समय के लिए आरोपियों के कुछ वकील कोर्ट रूम से बाहर चले गए जिस पर न्यायाधीश ने सख्त नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि जैसे आपकी दलील पूरी हुई आप सभी कोर्ट के बाहर चले गए, यह किस तरह का बर्ताव है।

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