हमारा लक्ष्य पानी उत्पादन क्षमता को 1200-1300 एमजीडी तक ले जाना है, इसके बाद दिल्लीवालों को पानी की कमी नहीं होगी,अधिक भूजल स्तर वाले इलाकों में बड़े स्तर पर लगाए जा रहे ट्यूबवेल्स, इनकी मदद से काफी मात्रा में पानी निकाल पाएंगे- अरविंद केजरीवाल
नई दिल्ली,
दिल्लीवालों को अगले एक से डेढ़ साल बाद पानी की कमी से दो-चार नहीं होना पड़ेगा। सीएम अरविंद केजरीवाल के निर्देशन में दिल्ली जल बोर्ड द्वारा कई पहल किए जा रहे हैं, जिनकी बदौलत पानी की कमी खत्म होने की उम्मीदें काफी हद तक बढ़ गई है। इस संबंध में सीएम अरविंद केजरीवाल का कहना है कि पानी की कमी को ख़त्म करने के लिए कई नए और महत्वकांक्षी कदम उठाए जा रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि दिल्ली के लोगों के साथ और आशीर्वाद से हम ज़रूर कामयाब होंगे। अभी दिल्ली करीब एक हजार एमजीडी पानी का उत्पादन कर रही है। हमे इसे बढ़ाकर 1200-1300 एमजीडी तक ले जाना चाहते हैं। अगर हम इस लक्ष्य को हासिल कर लेते हैं तो फिर दिल्लीवालों को पानी की कमी नहीं होगी।
दिल्ली सचिवालय में मंगलवार को प्रेसवार्ता के दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 2015 में जब हमारी सरकार बनी थी, उस समय दिल्ली करीब 850 एमजीडी पानी का उत्पादन करती थी। इसमें डब्ल्यूटीपी और भूजल दोनों शामिल है। हमारी सरकार ने पानी के उत्पादन को लेकर कई सारे कदम उठाए और अब इसे बढ़ाकर करीब एक हजार एमजीडी तक पहुंचा दिया है। हमारा लक्ष्य दिल्ली में पानी उत्पादन की क्षमता 1200 से 1300 एमजीडी तक ले जाना है। अगर हम 1200 से 1300 एमजीडी पानी का उत्पादन करने लगे तो फिर दिल्ली वालों को पानी की कमी नहीं होगी। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए दो बड़े कदम उठाए जा रहे हैं।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पहले कदम के तहत, नॉर्थ दिल्ली और ट्रांस यमुना का ईस्ट दिल्ली में जल स्तर बहुत ऊपर है। हम पानी के ऊपर बैठे हैं और पानी के लिए ही रो रहे हैं। जबकि जमीन खोदते ही पानी मिल रहा है। इस पर बहुत बड़ी योजना चल रही है और उसकी मैं हर 15 दिन में बैठक ले रहा हूं। ऐसे एरिया, जहां हर साल प्राकृतिक रूप से वाटर रिचार्ज होता है। यमुना हर साल बाढ़ ग्रस्त होती है। उसकी वजह से पूरी ईस्ट दिल्ली अपने आप रिचार्ज हो जाती है और सारे बाढ़ क्षेत्र रिचार्ज हो जाते हैं। हम बहुत बड़े स्तर पर ट्यूबवेल्स लगा रहे हैं। हमें उम्मीद है कि इन ट्यूबवेल्स से हम काफी पानी निकाल पाएंगे। अगले साल वो फिर रिचार्ज हो जाएगा।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इसके अलावा हम एसटीपी से सीवर को ट्रीट कर करीब 590 एमजीडी पानी निकालते हैं और यह सारा पानी यमुना में बहा देते हैं। इसलिए इसका कोई फायदा नहीं होता है। हमारे 35 एसटीपी हैं, जिनके अपग्रेडेशन का काम चल रहा है। ताकि यहां से ट्रीट होने वाला पानी बहुत अच्छा साफ किया जा सके। इसे 10/10 कटेगरी कहते हैं। अभी एसटीपी से निकलने वाला पानी 30/30 कटेगरी का निकलता है और यह पानी गंदा माना जाता है। इसे हम 10/10 पर लाने का प्रयास कर रहे हैं। एसटीपी से निकलने वाले इस पानी को हम झीलों के अंदर डालेंगे। इसके लिए दिल्ली में ढेर सारी झीलें बना रहे हैं। ये साफ पानी होता है। इसके बदबू नहीं होती है। इस पानी को झीलों में डालने से वहां का वातावरण काफी हरा-भरा हो जाता है और पिकनिक स्पॉट बन जाता है। पिछले छह-सात महीने में द्वारका में करीब तीन-चार वर्ग किलोमीटर के एरिया में पानी का स्तर पांच मीटर ऊपर आ गया है। जब आसपास के इलाके में जल स्तर ऊपर आ जाएगा और कानून के मुताबिक हम वहां आसपास ट्यूबवेल लगा देंगे। फिर ट्यूबवेल्स के जरिए जमीन से पानी निकालेंगे, जिसे आरओ प्लांट में भेजेंगे। हम बड़े-बड़े आरओ प्लांट लगा रहे हैं। आरओ से उस पानी को साफ करेंगे और फिर यूजीआर तक लेकर जाएंगे। मुझे लगता है कि इन दो कदमों से एक-डेढ़ साल में दिल्ली में पर्याप्त पानी होगा।