रोहतक: 02 जुन 2023
रोहतक रेंज के साइबरक्राइम संबंधी मामलों के अनुसंधान के कार्यों में लगे पुलिस कर्मचारियों को एनसीएफएल से संबंधित ऑनलाइन सेवाओं के लिए प्रशिक्षण हेतु महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक में तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। रोहतक रेंज के पुलिस महानिरीक्षक श्री राकेश कुमार आर्य के आदेश अनुसार विशेष रुप से आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला के दौरान साइबर क्राइम थाना, साइबर हैल्प डैस्क व अनुसंधान कर्ताको ऑनलाइन पोर्टल व अन्य ऑनलाइन सेवाओं बारे उपयोगी जानकारी देते हुए प्रशिक्षण दिया गया। कार्यशाला में राष्ट्रीय साइबर फॉरेंसिक लैब के विशेषज्ञों द्वारा रोहतक रेंज के अंतर्गत चारों जिला रोहतक, भिवानी, झज्जर तथा चरखी दादरी के 50 से अधिक पुलिस कर्मचारियों को विशेष रुप से ऑनलाइन पोर्टल व साइबर अपराध की बारीकियों बारे जानकारी देते हुए प्रशिक्षित किया गया। तीन दिवसीय वर्कशॉप के दौरान एनसीएफएल व दिल्ली पुलिस के विशेषज्ञों द्वारा पुलिस कर्मचारियों को साइबर अपराध से संबंधित तकनीकी जानकारी देते हुए मामलों की बारीकी से जांच पड़ताल करने तथा आपराधिक मामलों से संबंधित वैज्ञानिक तथ्यों को एकत्रित करने बारे विशेष रूप से उपयोगी टिप्स दिए गए।
आईजी श्री राकेश कुमार आर्य के आदेश अनुसार आयोजित कार्यशाला के दौरान राष्ट्रीय साइबर फॉरेंसिक लैब तथा दिल्ली पुलिस के विशेषज्ञों द्वारा साइबर अपराध अन्वेषण व अपराधियों को पकड़ने के लिए नई-नई तकनीकों के बारे जानकारी दी गई। साइबर क्राइम की रोकथाम व साइबर क्राइम की जांच पड़ताल के बारे वर्कशॉप में प्रशिक्षण के दौरान मुख्य रूप से मोबाइल फोन व हार्ड डिस्क के अंदर मौजूद डाटा को सॉफ्टवेयर की मदद से रिट्रीव क्लोनिंग करने की विधि, क्रिप्टोकरंसी अपराध से निपटने व अपराधियों को काबू करने के तरीके, व्यक्तिगत ईमेल का डाटा की चोरी का पता लगाने, इंटरनेट प्रोटोकोल व वीपीएन की जानकारियां, अपराध में प्रयुक्त इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को कब्जे में लेते वक्त बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में विस्तृत जानकारियां दी गई। पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग तथा साइबर क्राइम की बारीकियों व मामलों को सुलझाने के लिए तकनीक का इस्तेमाल कैसे किया जाए के संबंध में पुलिस कर्मचारियों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया। रेंज स्तरीय साइबर क्राइम वर्कशॉप के दौरान साइबर क्राइम जांचकर्ताओं को नई नई साइबर तकनीक व साइबर अपराध में प्रयोग होने वाले नए नए सॉफ्टवेयर तथा साइबर अपराध की जांच पड़ताल में आने वाली समस्याओं व उनका समाधान तथा साइबर अपराधियों की धरपकड़ करने के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। साइबर अपराधी आए दिन अपराध के नए-नए तरीके खोजते रहते हैं। इसलिए साइबर अपराध अन्वेषण के कार्यों में लगे पुलिस कर्मचारियों एवं अनुसंधानकर्ताओं को साइबर अपराधियों को पकड़ने में उपयोग होने वाली तकनीक की अपडेट जानकारी होना अति आवश्यक है। विशेष रुप से राष्ट्रीय फॉरेंसिक साइबर लैब से पहुंचे साइबर विशेषज्ञों एस श्रीविष्णु, विकास सिंह , चायल नरेन्द्र कुमार व अन्य ने साइबर अन्वेषण टीमों को फेक ऐप स्कैम के बारे में जानकारी देते हुए स्कैमर्स को ट्रेस करने के बारे में अहम जानकारियां दी तथा इसके तकनीकी पहलुओं के बारे में बताया। इसके साथ ही साइबर एक्सपर्ट ने साइबर अपराधों में इन्वेस्टिगेशन के दौरान विभिन्न प्रकार के सॉफ्टवेयर का प्रयोग करने के बारे में जानकारी दी। जवानों ने साइबर अपराधों की इन्वेस्टीगेशन के दौरान आने वाली समस्याओं बारे अनेक प्रश्न किए। जिनके संबंध में साइबर एक्सपर्ट ने विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए उपयोगी टिप्स दिए।
साइबर वर्कशॉप के समापन अवसर पर पुलिस के अनुसंधानकर्ताओं के रूबरू होते हुए आईजी श्री राकेश कुमार आर्य ने पुलिस कर्मचारियों को नई तकनीकी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए पहुंचे विशेषज्ञों का धन्यवाद किया। उन्होंने पुलिस कर्मचारियों को निर्देश देते हुए कहा कि आज के दौर में साइबर क्राइम की घटनाएं ज्यादा होने लगी है। साइबर क्राइम एक चुनौती के रूप में सामने आया है। भविष्य में उन्हीं अनुसंधान अधिकारियों की महत्ता अधिक रहेगी, जिसे साइबर क्राइम से निपटने व उसकी जांच पड़ताल की तकनीकी बारीकियों का पता होगा। साइबर क्राइम पर अंकुश लगाने के लिए उसकी बारीकियों की जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है। जो पुलिस का जवान साइबर अपराध के प्रति स्वयं को लगातार अपडेट रखेगा, वही आगे चलकर साइबर क्राइम का बेहतर अनुसंधानकर्ता साबित होगा। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य भी यही है कि पुलिस के अनुसंधानकर्ताओं को साइबर क्राइम की तकनीकी बारीकियों से अवगत कराया जाए व तकनीकी जानकारियों से अपडेट किया जाए। कार्यशाला के दौरान विशेषज्ञों द्वारा काफी नई चीजें बताई और सिखाई गई हैं। विशेषज्ञ द्वारा बताई गई नई तकनीकी जानकारियां साइबर अपराध की जांच पड़ताल से जुड़े सभी पुलिस कर्मचारियों के लिए उपयोगी साबित होंगी। सभी जवानों के लिए ऑनलाइन सेवाओं से संबंधित आधुनिक तकनीकी जानकारियों के प्रति अपडेट रहना अत्यंत आवश्यक है। साइबर क्राइम की जांच पड़ताल से जुड़े सभी पुलिस कर्मचारियों का तकनीकी जानकारियों से अपडेट रहना चाहिए। ताकि साइबर क्राइम से बचाव व सुरक्षा के प्रति आमजन को भी जागरूक व सजग किया जा सके। इस दौरान उन्होंने रेंज के चारों जिलों से आए पुलिस कर्मचारियों को साइबर अपराध इन्वेस्टिगेशन में आने वाली समस्याओं बारे पूछा गया। जवानों ने साइबर अपराधों की इन्वेस्टीगेशन के दौरान आने वाली समस्याओं बारे जानकारी दी। जवानों द्वारा बताई गई तकनीकी समस्याओं पर उनके उचित समाधान बारे जरूरी दिशा निर्देश दिए गए। समापन अवसर पर उन्होंने कार्यशाला में पहुंचे राष्ट्रीय साइबर फॉरेंसिक लैब के विशेषज्ञों को स्मृति चिन्ह भेंट करते हुए शुभकामनाएं दीं।इस अवसर पर आईजी श्री राकेश कुमार आर्य की मुख्य मौजूदगी में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रोहतक श्रीमती मेधा भूषण, राष्ट्रीय साइबर फॉरेंसिक लैब के विशेषज्ञ, रेंज साइबर अपराध विश्लेषण शाखा प्रभारी उपनिरीक्षक राजू सिंधु, सहायक उप निरीक्षक त्रिलोचन, मुख्य सिपाही वीरेंद्र सिंह व अन्य पुलिस कर्मचारी मौजूद रहे।