कोर्ट का आदेश आने तक मेयर चलाएगा MCD

दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति के चुनाव को उच्च न्यायालय लेकर जाना भाजपा के लिए उल्टा पड़ता दिखाई दे रहा है। स्थायी समिति गठन का लंबा खिंचना तय है। उच्च न्यायालय में अगली सुनवाई करीब दो महीने बाद होगी।

न्यायालय ने मेयर को जवाब दाखिल करने के लिए 4 हफ्ते का समय दिया है। इसका जवाब 2 हफ्ते और इसके बाद 2 हफ्ते के अंदर रिजॉइंडर भरा जाएगा। ऐसे में इस अवधि के दौराल महापौर और उप-महापौर ही नगर निगम चलाएंगे। इसमें शायद ही किसी प्रकार का अड़चन आए।

आम आदमी पार्टी को जो काम करना होगा, उसे सीधे सदन में लाकर पास कर लेगी। आप के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा को पहले डर था कि आम आदमी पार्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव जीत जाएगी तो स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव नहीं कराएगी। अब जब आम आदमी पार्टी स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव करा रही है तो उसे रुकवाने के लिए भाजपा हाईकोर्ट चली गई है।

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब से सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया है तब से भाजपा कह रही थी कि आम आदमी पार्टी से हमें वादा चाहिए कि महापौर और उप-महापौर के चुनाव के तुरंत बाद स्थायी समिति के चुनाव कराएगी। क्योंकि उनको डर था कि आम आदमी पार्टी महापौर का चुनाव आसानी से जीत जाएगी और स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव नहीं कराएगी। अब जबकि आम आदमी पार्टी स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव करा रही है तो उसे रुकवाने के लिए भाजपा हाईकोर्ट चली गई है।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने शनिवार को एक विशेष सुनवाई में दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति के पुन: चुनाव पर रोक लगा दी, जो 27 फरवरी, 2023 को होने वाला था। न्यायमूर्ति गौरांग कांत की पीठ ने स्थायी समिति के सदस्यों के लिए फिर से चुनाव पर रोक लगाते हुए दिल्ली की नवनिर्वाचित मेयर शैली ओबेरॉय सहित सभी प्रतिवादियों को नोटिस भी जारी किया है।

उच्च न्यायालय ने कहा कि यहां नियमों से यह प्रदर्शित होता है कि दिल्ली के महापौर के पास स्थायी समिति के चुनाव को अवैध एवं अमान्य घोषित करने की शक्ति है। उच्च न्यायालय ने दो याचिकाओं पर निर्वाचन अधिकारी और अन्य को नोटिस जारी किया है। न्यायाधीश ने कहा कि इस बारे में नोटिस जारी किया जा रहा है कि सुनवाई की अगली तारीख तक नए सिरे से चुनाव कराने पर रोक लगी रहेगी।

न्यायमूर्ति गौरांग कांत की पीठ ने कहा कि महापौर द्वारा पिछले मतदान के परिणामों की घोषणा किए बिना पुन: चुनाव की घोषणा करने का निर्णय “प्रथम दृष्टया नियमों का उल्लंघन करता है। पीठ ने मामले की सुनवाई 22 मार्च, 2023 को तय की है। अगली सुनवाई पर ही शैली ओबेरॉय समेत अन्य प्रतिवादियों को जवाब दाखिल करना है। पीठ ने मतपेटी को सुरक्षित रखने के निर्देश भी जारी किए हैं। ज्ञात रहे कि दिल्ली के मेयर ने शुक्रवार को एमसीडी हाउस में हंगामे के बाद 27 फरवरी को सुबह 11 बजे नए सिरे से चुनाव कराने की घोषणा की है। दिल्ली के मेयर द्वारा स्थायी समिति के छह सदस्यों के चुनाव में एक वोट को अवैध घोषित करने के बाद शुक्रवार को बवाल मच गया था।

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