अगर आपके क्रेडिट कार्ड से बिना किसी के लेनदेन करें रुपये निकल गए हैं,तो हो सकता है कि आपका क्रेडिट कार्ड डूप्लिकेट बना दिया गया है। ऐसे में तुरंत ऑनलाईन शिकायत दर्ज करवाएं।
नहीं तो हो सकता है कि कार्ड से बचे कूचे रुपये भी निकल जाए। उत्तर पश्चिम जिला की साइबर थाना पुलिस ने एक ऐसे ही गैंग का पर्दाफाश करके एक बड़े बैंक के कार्ड विभाग की महिला कर्मचारी समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिनके पास से चार मोबाइल फोन भी जब्त किये हैं। आरोपियों की पहचान सीमा,अरुण कुमार,अनुज जिंदल,अर्जुन चौधरी और अमित चौधरी के रूप में हुई है। गैंग के मुख्य मास्टरमाइंड अरुण कुमार ने सह-आरोपी सीमा की मदद से शिकायतकर्ता के नाम पर डुप्लीकेट क्रेडिट कार्ड जारी करवाया और बाद में, उन रुपये को किराने का सामान खरीद लिया। उसने अन्य सहयोगियों की मदद से साढ़े चार लाख रुपये की रकम को आपस में भी बांट लिया था। अभी तक इस तरह से गैंग कितने लोगों से जालसाजी कर चुका है। पूछताछ की जा रही है।
जिला पुलिस उपायुक्त जितेन्द्र कुमार मीना ने बताया कि पिछले साल 19 सितंबर को जिला की साइबर थाना पुलिस को गृह मंत्रालय के साइबर पोर्टल के जरिये से एक शिकायत मिली थी। श्री नगर एक्सटेंशन, अशोक विहार में रहने वाले शिकायतकर्ता नवीन कुमार ने बताया कि वह एक सरकारी कंपनी में नौकरी करता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि उसने कुछ समय पहले अपने क्रेडिट कार्ड की डिटेल निकलवाई थी। जिसमें तीन लाख और डेढ लाख रुपये निकलने की जानकारी मिली। हालांकि उन्होंने ऐसी किसी खरीदारी के लिए अपने कार्ड का इस्तेमाल नहीं किया। पुलिस ने मामला दर्ज किया। एसएचओ विजेन्द्र कुमार की देखरेख में एसआई विनोद, हेड कांस्टेबल मनीष,सोहन,संदीप और महिला कांस्टेबल पुष्पा को आरोपियों को पकडऩे का जिम्मा सौंपा गया।
पुलिस टीम ने शुरूआती जांच में शिकायतकर्ता से उसके बैंक खाते और क्रेडिट कार्ड की डिटेल ली। जांच में पता चला कि छह सितंबर को तीन लाख जबकि अगले ही दिन डेढ़ लाख रुपये की ट्रांजेक्शन हुई थी। दोनों ट्रांजेक्शन एक मॉल से किराना सामान खरीदने में हुई थी। जो अजुन जिंदल के नाम पर रजिस्टर्ड हैं। पूछताछ करने पर पता चला कि उसके जानकार अमित चौधरी ने कार्ड का इस्तेमाल किया था।
कार्ड से शॉपिंग करने की एवज में अमित ने उसे नौ हजार रुपये कमीशन भी दिया था। पुलिस ने अमित को पकड़ा। जिसने बताया कि क्रेडिट कार्ड उसे उसके भतीजे अर्जुन चौधरी ने दिया था। अमित चौधरी और अर्जुन चौधरी दोनों ने इस कार्ड का उपयोग करने के लिए शेयर के रूप में 9 परसेंट यानी 41 हजार रुपये कमीशन के तौर पर दिये थे। पुलिस ने दोनों की निशानदेही पर गैंग के मास्टरमाइंड अरुण कुमार को जौहरीपुर में छापेमारी कर पकड़ा। अरुण से पूछताछ करने पर पता चला कि वह विभिन्न बैंकों के लिए क्रेडिट कार्ड कॉलिंग टीम में नौकरी कर चुका है।
उसको शिकायतकर्ता नवीन कुमार के क्रेडिट कार्ड की डिटेल मिली थी। उसने अपनी साथी सीमा से संपर्क किया। जो एक प्रतिष्ठित बैंक के क्रेडिट कार्ड विभाग में काम करती हैं। उसने आरोपी अरुण कुमार को नवीन कुमार के नाम और डिटेल का उपयोग करके क्रेडिट कार्ड जारी करने में मदद की। उसने इस क्रेडिट कार्ड में आरोपी अरुण कुमार का नया फोन नंबर भी बदल दिया।
जैसे ही उसका फोन नंबर इस कार्ड में अपडेट किया गया, आरोपी अरुण कुमार को कार्ड की पूरी डिटेल मिल गई। जिसके बाद उसने पिन अपडेट किया। उसने क्रेडिट कार्ड से रुपये निकलवाने के लिये कार्ड अपने परिचित अर्जुन चौधरी को दे दिया था। सीमा को पुलिस ने उसके ठिकाने से पकड़ा। जिसके हिस्से में एक लाख रुपये आए थे।