बृजभूषण सिंह को पॉक्सो केस से रहात मिल गई है, लेकिन अभी भी उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है और जेल हो सकती है। दिल्ली पुलिस की पीआरओ सुमन नलवा ने बताया कि पूर्व WFI चीफ बृजभूषण शरण सिंह और उनके एक सहयोगी विनोद तोमर के खिलाफ एक चार्जशीट फाइल की गई है।
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ IPC की धारा 354, 354डी और 354ए के तहत मामला दर्ज किया गया है, जबकि विनोद तोमर के खिलाफ धारा 354, 506, 109 और 354ए के तहत मामला दर्ज किया गया है। इन धाराओं में अधिकतम 5 साल तक की जेल हो सकती है। उधर वकीलों के मुताबिक इन धाराओं में अगर बृजभूषण सिंह को जेल हो भी जाती है तो उन्हें बेल मिल जाएगी।
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ चल रहे यौन उत्पीड़न के केस में दिल्ली पुलिस ने राउज एवेन्यू कोर्ट में जो चार्जशीट दाखिल की है उसमें 354, 354A, 354D और 506 (I) की धाराएं लगाई गई हैं। धारा 354 किसी महिला का शील भंग करने के इरादे से उसपर हमला करने से संबंधित है। इस अपराध के लिए 1 से 5 साल तक की सजा और आर्थिक दंड का प्रावधान है। इसी तरह 354A यौन उत्पीड़न से संबंधित धारा है, जिसमें किसी महिला को गलत तरीके से छूने या उन्हें जबरन अश्लील सामग्री दिखाने जैसे अपराध आते हैं। इसके लिए 1 से 3 साल तक के लिए कारावास की सजा का प्रावधान है। 354D पीछा करने से संबंधित है। इसके तहत 3 वर्ष तक की जेल और जुर्माने का प्रावधान है। इसके अलावा धारा 506 (I) के तहत केस दर्ज किया गया है जो धमकाने से संबंधित है।
मामले के जानकार वकीलों के मुताबिक ये धाराएं अपने आप में ऐसी धाराएं हैं जिनमें बेल हो सकती हैं, क्योंकि इन धाराओं के साथ अगर वो दोषी भी पाए जाते हैं तो ज्यादा सजा नहीं होती है। वैसे इन धाराओं के तहत भी बृजभूषण सिंह को गिरफ्तार किया जाना चाहिए ताकि सही तथ्य सामने आ सकें। अब दिल्ली की अदालत 22 जून को चार्जशीट पर सुनवाई करेगी।
वहीं दिल्ली पुलिस ने अदालत में कहा गया कि बृजभूषण सिंह पर पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज केस में कोई सबूत नहीं मिला है। नाबालिग महिला पहलवान और उनके पिता के बयान के आधार पर पुलिस ने पॉक्सो का केस रद्द करने की गुहार लगाई है। इस मामले में पुलिस ने 552 पन्नों की कैंसिलेशन रिपोर्ट दी है। अदालत इसपर 4 जुलाई को सुनवाई करेगी।