देश के ज्यादातर राज्यों के पुलिस स्टेशनों में एफआईआर लिखने के लिए पुलिसकर्मी हिन्दी भाषा के शब्दों के अलावा उर्दू और फारसी भाषा के शब्दों का भी प्रयोग करते हैं, लेकिन अब दिल्ली पुलिस ने इस फॉर्मेट में बदलाव कर दिया है।
दिल्ली पुलिस ने एफआईआर में उपयोग होने वाले शब्दों में बदलाव करने का निर्णय लिया है। दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ने कहा कि अब दिल्ली पुलिस की ओर से लिखी गई किसी भी एफआईआर में केवल हिन्दी और आंग्रोजी भाषा का प्रयोग किया जाएगा। उर्दू और फारसी के शब्दों का प्रयोग करने वाले पुलिसकर्मियों पर सख्त करवाई की जाएगी।
बता दें कि ,एफआईआर में उर्दू व फारसी शब्दों के इस्तेमाल करने से पीड़ित को इसे पढ़ने में परेशानी होती है। कई ऐसे शब्द होते हैं जिसे पीड़ित नहीं समझ सकते हैं। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली पुलिस की ओर से यह निर्णय लिया गया है कि एफआईआर लिखने में उर्दू व फारसी भाषा के शब्दों का प्रयोग नहीं किया जाएगा, ताकि शिकायतकर्ता सहज और आसान शब्दों में लिखे गए एफआईआर को पढ़कर समझ सकें।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, देश में आजादी से पूर्व अदालती कार्रवाई व कागजी कामों के लिए खासकर उर्दू और फारसी भाषा का प्रयोग किया जाता था। ऐसे शब्दों का इस्तेमाल अब पुलिसकर्मी भी FIR लिखने में कर रहे हैं, लेकिन अब दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर दिल्ली पुलिस FIR लिखने में उर्दू व फारसी भाषा के शब्दों का इस्तेमाल नहीं करेगी। इसके तहत दिल्ली पुलिस में लिखे जाने वाले 383 शब्दों को बदला गया है।
बता दें कि इसको लेकर साल 2018 में दिल्ली हाई कोर्ट में जनहित याचिका दी गई थी। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते उर्दू और फारसी भाषा के शब्दों पर FIR नहीं लिखने के आदेश दिए।इसके बाद पुलिस कमिश्नर ने 11 अप्रैल 2023 को सर्कुलर जारी करते हुए उर्दू और फारसी भाषा के शब्दों में शिकायत नहीं लिखने का आदेश जारी किया गया है।