पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल पर फायरिंग

वक्त सुबह के 9:30 बजे…4 दिसंबर का दिन…जगह पंजाब का अमृतसर शहर… यहां स्वर्ण मंदिर (गोल्डन टेंपल) के परिसर में पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल मौजूद थे। उनके अगल-बगल में तीन बॉडीगार्ड खड़े थे. श्रद्धालुओं मंदिर में आ जा रहे थे. तभी एक भूरी जैकेट, मूंगिया पैंट और नीली पगड़ी पहने अधेड़ उम्र का शख्स भी वहां आया. उसने सुखबीर बादल को देखते ही अपने कदम धीमे कर लिए।

उसकी इस हरकत पर सिक्योरिटी गार्ड्स की भी नजर थी. तभी उस शख्स ने जेब से पिस्टल निकाली और सुखबीर बादल की तरफ गोली चलाई. लेकिन एक सिक्योरिटी गार्ड ने उसी वक्त उसके हाथ हो घुमा दिया और शख्स को पकड़ लिया. इस कारण गोली सुखबीर बादल को न लगकर हवा में चल गई. शख्स ने इसके साथ ही एक और गोली चलाई. वो भी हवा में ही चली.

तभी बाकी के सिक्योरिटी गार्ड्स और मंदिर के सेवादारों ने भी उस शख्स को पकड़ लिया. इस गोलीकांड के बाद मंदिर में हड़कंप मच गया. तत्काल सुखबीर बादल तो घेर लिया गया और सुरक्षा मुहैया कराई गई. सुरक्षाबलों ने स्थिति को कंट्रोल किया और सुखबीर बादल को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया.

गनीमत ये रही कि सुखबीर सिंह बादल को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचा. लेकिन अगर गोली चलने वक्त सिक्योरिटी गार्ड तुरंत उस शख्स पर काबू न पाता तो अनहोनी हो सकती थी. जिस सिक्योरिटी गार्ड ने सबसे पहले गोली चलाने वाले शख्स को पकड़ा उनका नाम जसबीर है. दूसरे सिक्योरिटी गार्ड का नाम परमिंदर है. परमिंदर ने जसबीर के तुरंत बाद गोली चलाने वाले को दबोच लिया था।

उधर, सुरक्षाकर्मियों ने हमलावर को हिरासत में ले लिया. आरोपी की पहचान 68 साल के नारायण सिंह चौड़ा के रूप में हुई. एडीसीपी हरपाल सिंह के मुताबिक, नारायण सिंह पिछले दो दिनों से लगातार दरबार साहिब में मत्था टेकने आ रहा था. उसकी हरकतें संदिग्ध लग रही थीं, जिसके चलते पुलिस ने उस पर पहले से ही नजर बनाए रखी थी. नारायण सिंह गुरदासपुर जिले के चौड़ा गांव का रहने वाला है. आरोपी के खालिस्तानी समर्थक होने का शक जताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि वह बेअदबी मामलों को लेकर सुखबीर बादल से नाराज था।

पुलिस ने कहा कि प्राथमिक जांच में पता चला है कि आरोपी धार्मिक कट्टरता से प्रेरित हो सकता है. इस घटना ने दरबार साहिब में सुरक्षा के मुद्दे को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं. पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि मामले की गहनता से जांच की जाएगी और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी. घटना के बाद दरबार साहिब परिसर और आसपास की सुरक्षा को और कड़ा कर दिया गया है. वहीं, सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलने से पंजाब की राजनीति में हलचल मच गई है. यह घटना सुरक्षा व्यवस्था और राजनीतिक नेताओं की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर रही है.

सिख धर्मगुरुओं की ओर से तनखाह (धार्मिक दंड) सुनाए जाने के एक दिन बाद, अकाली दल के नेता सुखबीर बादल ने कल स्वर्ण मंदिर के बाहर सेवादार के रूप में अपनी सेवाएं दी थी. आज उनकी तनखाह का दूसरा दिन था. कल बादल एक हाथ में भाला थामे, नीले रंग की सेवादार वर्दी पहने अपनी सजा काटते हुए व्हीलचेयर पर स्वर्ण मंदिर के प्रवेश द्वार पर तैनात थे. उनके पैर में फ्रैक्चर है इस वजह से वह व्हीलचेयर का इस्तेमाल कर रहे हैं।

बादल के साथ एक अन्य अकाली नेता सुखदेव सिंह ढींडसा भी व्हीलचेयर पर बैठकर सेवादार की भूमिका निभाई. हालांकि ढींडसा बुजुर्ग होने के नाते व्हीलचेयर पर थे. इनके अलावा पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया और दलजीत सिंह चीमा ने अपनी सजा के तहत बर्तन धोए।

साथ ही सुखबीर बादल और सुखदेव सिंह ढींडसा ने अपने-अपने गले में छोटे-छोटे बोर्ड लटका रखे थे जिसमें उनके गलत कामों को स्वीकार किया गया, लिखा हुआ था. दोनों नेताओं ने करीब एक घंटे तक सेवादार के रूप में काम किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *