दिल्ली सचिवालय में हुई एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए दिल्ली के शहरी विकास मंत्री श्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, कि लगभग 1 साल बीत चुका है, दिल्ली के 10 हजार से भी अधिक नौजवान बेटे बेटियां जो डीटीसी की बसों में बस मार्शल के रूप में कार्य कर रहे थे, दिल्ली की महिलाओं को सुरक्षा देने का काम कर रहे थे और इस बहाने से उन सभी के घरों के चूल्हे भी जल रहे थे, ऐसे 10 हजार दिल्ली के नौजवान बेटे बेटियों को भाजपा शासित केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए LG साहब ने एक झटके में नौकरी से निकाल दिया । पहले एक षड्यंत्र के तहत उन सभी का वेतन रोका गया और बाद में सभी को नौकरी से निकाल दिया गया ।
पत्रकारों को संबोधित करते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पिछले कई महीनो से भारतीय जनता पार्टी के नेता बस मार्शलों को बेवकूफ बनाने का काम कर रहे थे। उन्होंने बताया की लगातार बस मार्शल उनसे संपर्क किया करते थे और वह इस बात को कहते थे कि हमारी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं जैसे विजेंद्र गुप्ता जी, वीरेंद्र सचदेवा जी एवं मनोज तिवारी जी आदि से बात हुई है और भारतीय जनता पार्टी के सभी नेता इस बात को कह रहे हैं कि यदि दिल्ली कैबिनेट के सारे मंत्री बस मार्शलों की दोबारा से बहाली के लिए कह दें, तो उपराज्यपाल महोदय तुरंत प्रभाव से सभी बस मार्शलों को उनके पद पर दोबारा से बहाल कर देंगे । उन्होंने कहा कि जब भारतीय जनता पार्टी के विधायक दिल्ली सचिवालय में मुख्यमंत्री आतिशी जी से मिलने आए थे उस वक्त भी भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता जी ने यही बात कही थी। उन्होंने बताया की विजेंद्र गुप्ता जी और भाजपा के लोगों की बात मानते हुए उसी समय मुख्यमंत्री आतिशी जी की अगवाई में सभी कैबिनेट मंत्रियों ने एक नोट पास किया और उपराज्यपाल महोदय को भिजवाया, परंतु दिल्ली के उपराज्यपाल महोदय ने दिल्ली के बस मार्शलों के हित में कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया ।
इस मामले से जुड़ी एक बहुत ही महत्वपूर्ण खबर पत्रकारों के साथ साझा करते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बताया कि लगभग 10 दिन पहले दिल्ली सरकार के मंत्रियों की कैबिनेट ने दोबारा से एक प्रस्ताव बस मार्शलों की पुनः बहाली के लिए उपराज्यपाल महोदय को भेजा है । उन्होंने बताया कि इस प्रस्ताव में उपराज्यपाल महोदय को दिल्ली कैबिनेट मंत्रियों की ओर से यह सुझाव दिया गया है, कि जब तक आपके कहे मुताबिक बस मार्शलों को पक्का करने के लिए जो पॉलिसी बनाने का काम किया जाना है, नियुक्ति के पैमाने तय किए जाने हैं, पदों की संख्या तय की जानी है, क्योंकि इस कार्य को करने में कई महीनो का समय लग सकता है, तब तक के लिए इन सभी बस मार्शलों को जिस तरह से यह पहले जिन पदों पर तैनात थे, उसी तरह से इन सभी को उनके पुराने पदों पर ले लिया जाए । उन्होंने पत्रकारों को बताया कि उपराज्यपाल महोदय के अधीन आने वाले चीफ सेक्रेटरी साहब और वर्तमान के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर साहब भी इस बात को कह रहे हैं, कि बस मार्शलों को पक्का करने के लिए पॉलिसी बनाने का काम सर्विसेज विभाग के अधीन आता है, जो कि सीधे तौर पर उपराज्यपाल महोदय के अधिकार क्षेत्र में है । परंतु पिछले एक साल से इन सभी बस मार्शलों को भारतीय जनता पार्टी और उपराज्यपाल महोदय के द्वारा केवल और केवल बेवकूफ बनाया जा रहा है । मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के लोग इन सभी बस मार्शलों को केवल और केवल गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं, वह नहीं चाहते कि इन सभी बस मार्शलों को दोबारा से उनके पदों पर बहाल किया जाए । उन्होंने कहा कि केवल दिल्ली के चुनाव होने तक भारतीय जनता पार्टी और उनके द्वारा लगाए गए उपराज्यपाल महोदय इन बस मार्शलों को गुमराह करके इस समय को काटना चाहते हैं । यदि एक बार चुनाव बीत गया उसके बाद यह किसी भी बस मार्शल को दोबारा उसके पद पर नियुक्त नहीं करने वाले हैं ।
उपराज्यपाल महोदय के द्वारा जारी किए गए एक नोट का हवाला देते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इस नोट को जारी करने के बाद भारतीय जनता पार्टी और दिल्ली के उपराज्यपाल महोदय अपने ही बनाए हुए जाल में बुरी तरह से फंस गए हैं और दिल्ली की जनता के सामने बेनकाब हो गए हैं । उपराज्यपाल महोदय के नोट में लिखी बात पत्रकारों के साथ साझा करते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा, कि उपराज्यपाल महोदय बार-बार इस बात को कहते रहे हैं और इस नोट में भी उन्होंने यही लिखा है, कि मैंने बस मार्शलों को मुख्यमंत्री के कहने पर निकला, मैं तो बस मार्शलों को नहीं निकलना चाहता था, मैं उन्हें रखना चाहता था । मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इस बात पर प्रश्न उठाते हुए कहा, कि दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी ने भी कई बार लिखित में उपराज्यपाल महोदय को इन सभी बस मार्शलों को उनके पदों पर दोबारा बहाल करने हेतु लिखा और भारतीय जनता पार्टी की ओर से इन बस मार्शलों की बहाली के लिए जो शर्त दिल्ली सरकार के समक्ष रखी गई, कि यदि सभी कैबिनेट मंत्री एक प्रस्ताव पारित कर दें तो इन बस मार्शलों को दोबारा बहाल कर दिया जाएगा, भारतीय जनता पार्टी के लोगों की इस बात को स्वीकार करते हुए भी दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी जी की अगुवाई में दिल्ली कैबिनेट के सभी मंत्रियों ने वह प्रस्ताव भी पारित करके उपराज्यपाल महोदय को भेज दिया । उन्होंने कहा कि यदि उपराज्यपाल महोदय मुख्यमंत्री की इतनी ही बात मानते हैं तो पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी के कई बार पत्र लिखने के बावजूद भी और दिल्ली की वर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी जी द्वारा कैबिनेट में पास प्रस्ताव को भेजने के बावजूद भी क्यों नहीं उपराज्यपाल महोदय ने इन सभी बस मार्शलों को दोबारा से उनके पदों पर बहाल किया? मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उपराज्यपाल महोदय ने मुख्यमंत्री के कहने पर नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा रचे गए षड्यंत्र के तहत इन सभी बस मार्शलों को नौकरी से निकला था । यही कारण है कि अब बार-बार मुख्यमंत्री के कहने के बावजूद भी उपराज्यपाल महोदय इन सभी बस मार्शलों को दोबारा से उनके पदों पर बहाल करने के लिए तैयार नहीं है।
उप राज्यपाल महोदय द्वारा लिखे गए नोट में बिंदु नंबर 252 का हवाला देते हुए मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इसमें साफ तौर पर यह सिद्ध होता है, कि बस मार्शलों को दोबारा से उनके पद पर बहाल करने का काम उपराज्यपाल महोदय का ही है । उन्होंने कहा दूसरी बड़ी बात यह है कि इस नोट के मुताबिक यदि आप 3 महीने के लिए इन बस मार्शलों को एयर पॉल्यूशन मिटिगेशन एक्टिविटीज के लिए रख सकते हैं, तो इन्हें पहले की तरह से उनके पुराने पदों पर बहाल क्यों नहीं कर सकते? मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब भारतीय जनता पार्टी द्वारा चुने गए उपराज्यपाल महोदय ने इन सभी बस मार्शलों को नौकरी से निकला था, तब उनसे यह झूठ बोला था कि हम आप सभी को होमगार्ड के तौर पर दोबारा नौकरी पर रख लेंगे । उन्होंने कहा कि किसी भी पद पर पक्की भर्ती की प्रक्रिया के लिए आयु सीमा होती है, शैक्षिक योग्यता होती है, कई पैमाने होते हैं । बिना इन नियमों का पालन किए कोई भी पक्की भर्ती नहीं की जा सकती । उन्होंने कहा यही कारण है कि उप राज्यपाल महोदय द्वारा जारी किए गए नोट में बिंदु 253 में लिखी बात के मुताबिक इन सभी सिविल डिफेंस वॉलिंटियरों को होमगार्ड के तौर पर भर्ती करने की प्रक्रिया में 1669 वॉलिंटियर्स में से केवल 263 सिविल डिफेंस वालंटियर ही चयनित हो पाए, बाकी सभी को या तो अधिक उम्र होने के कारण या फिर शैक्षिक योग्यता पर्याप्त न होने के कारण या अन्य किसी ऐसे ही कारण से बाहर कर दिया गया । मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि इन आंकड़ों को देखकर यह बात साबित हो जाती है, कि यदि बस मार्शलों को पक्का करने की प्रक्रिया के तहत इम्तिहान देना पड़ा तो एक भी बस मार्शल इन पैमानों में फिट नहीं बैठेगा और किसी को भी दोबारा से नौकरी पर नहीं रखा जाएगा । उन्होंने कहा यह बिल्कुल वैसा ही होगा जिस प्रकार से गेस्ट टीचरों ने पक्का होने के लिए एक लंबा संघर्ष किया और उनको पक्का करने के लिए बनाए गए पैमाने पर भारतीय जनता पार्टी ने नए लोगों को भर्ती कर लिया और जो पुराने गेस्ट टीचर थे उन सभी को बाहर कर दिया गया ।