अक्षय तृतीया पर बाल विवाह पर जिला प्रशासन की सख्त निगरानी

विशेष संवाददाता चिमन लाल

बाल विवाह के मामलों में होगी विवाह निषेध अधिनियम 2006, पॉक्सो एक्ट और जेजे एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई

झज्जर

बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई समाज से धीरे-धीरे खत्म हो रही है। इस सामाजिक बुराई को समाज में पूरी तरह से जड़ से खत्म करने के लिए जिला प्रशासन सामाजिक जागरूकता बढ़ाते हुए लगातार गंभीरता से कार्य कर रहा है। एडीसी सलोनी शर्मा ने बाल विवाह के मामलों को रोकने के उद्देश्य से आयोजित मीटिंग के दौरान ये बात कही। एडीसी ने कहा कि उपायुक्त प्रदीप दहिया के दिशा-निर्देशन में कार्य करते हुए अक्षय तृतीया जैसे पारंपरिक विवाह अवसर पर संभावित बाल विवाह की घटनाओं पर लगाम कसने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। मीटिंग में मंदिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों के प्रतिनिधियों भी शामिल हुए व सभी ने एक स्वर में बाल विवाह के मामलों को रोकने के लिए जिला प्रशासन के साथ मिलकर कार्य करने व हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।  बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त ने स्पष्ट संदेश दिया कि झज्जर को ‘बाल विवाह मुक्त जिला’ बनाना है और इसके लिए प्रशासन, धार्मिक संस्थाएं, समाजसेवी संगठन और आम नागरिक—सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि बाल विवाह न केवल एक सामाजिक बुराई है, बल्कि यह बच्चों के भविष्य को अंधेरे में धकेलने जैसा है। इसे जड़ से खत्म करना हमारा सामाजिक दायित्व है।” एडीसी ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति बाल विवाह करता है या उसे प्रोत्साहित करता है, तो उसके खिलाफ बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006, पॉक्सो एक्ट और जेजे एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने जागरूकता कार्यक्रमों में बाल विवाह को लेकर जागरूकता को प्रमुखता से शामिल करें।
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि धार्मिक स्थलों और विवाह स्थलों के प्रबंधकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है ताकि कहीं भी नाबालिग बच्चों का विवाह न होने पाए। उन्होंने सभी से अपील की कि अगर कहीं बाल विवाह की सूचना मिले, तो तुरंत प्रशासन को सूचित करें। यह सामाजिक समस्या सामूहिक प्रयासों से ही जड़ से खत्म होगी व हमें सफलता मिलेगी। बैठक में संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी करमिंदर कौर ने पिछले एक वर्ष में किए गए जागरूकता अभियानों और प्राप्त शिकायतों की जानकारी दी। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग, परियोजना अधिकारी, जामा मस्जिद झज्जर के इमाम, प्रसाद गिरी मंदिर के पुजारी, गुरुद्वारे के प्रतिनिधि, बैंक्वेट हॉल और वाटिकाओं के संचालक तथा विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

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