सोशल मीडिया का उपयोग करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाव के लिए जानकारी व जागरूकता होना अत्यंत आवश्यक: भारती डबास, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक झज्जर
फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से होने वाले फर्जीवाड़ा से सजग करते हुए झज्जर पुलिस द्वारा आमजन से सोशल मीडिया का उपयोग करते समय सावधान रहने का आह्वान किया गया है। झज्जर पुलिस द्वारा आम लोगों को साइबर क्राइम से बचाव के प्रति जागरूक करने के लिए पुलिस अधीक्षक झज्जर श्री वसीम अकरम के दिशा निर्देश अनुसार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक झज्जर श्रीमती भारती डबास के मार्गदर्शन में चलाए जा रहे साइबर अपराध के प्रति जागरूकता अभियान के तहत आमजन को साइबर अपराध/ ऑनलाइन ठगी से बचाव के संबंध में सजग करने के साथ-साथ महत्वपूर्ण सुझाव व जानकारी दी जा रही है। अभियान के तहत झज्जर पुलिस द्वारा आम लोगों को साइबर अपराध व ऑनलाइन ठगी के तौर तरीकों की जानकारी देते हुए उनसे बचने व सावधान रहने के लिए लगातार जागरूक किया जा रहा है।
एडिशनल एसपी झज्जर भारती डबास ने बताया कि साइबर अपराधी ठगी करने की नियत से अलग-अलग तरह के तरीके अपनाते रहते हैं। जालसाज अपराधी द्वारा किसी व्यक्ति को झांसा देते हुए ठगी करने के लिए अलग-अलग तरह के प्रलोभन दिए जाते हैं। बढ़ते साइबर अपराध को देखते हुए निम्नलिखित सावधानी बरतने की आवश्यकता है:-
1 साइबर अपराधी फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट के द्वारा ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी करने की वारदात को अंजाम देते हैं। साइबर अपराधी प्रचलित सोशल मीडिया जैसे फेसबुक / इंस्टाग्राम अकाउंट को लक्षित करते हैं। वे किसी अकाउंट से मिलता-जुलता फेक (फर्जी)अकाउंट बनाकर उनके दोस्तों या रिश्तेदारों से किसी मेडिकल इमरजेंसी इत्यादि का बहाना बनाकर पीड़ित के दोस्तों से पैसों की मांग करते है। पीड़ित का दोस्त उसे अपना वास्तविक दोस्त समझ कर पैसा ट्रांसफर कर देता है। जब तक पीड़ित को इसका एहसास होता है, तब तक कई लोग पैसा ट्रांसफर कर ठगी का शिकार बन चुके होते हैं।
2 आजकल लोगों के फोटो वाट्स एप पर लगाकर, उनके जानकर तथा उनके रिश्तेदारों से उनके नाम पर पैसे मांगे जा रहे हैं, ऐसे किसी भी नंबर पर बिना पूरी तसल्ली किए किसी को पैसे ना भेजे।
3 किसी व्यक्ति का फेसबुक अकाउंट हैक करके भी शातिर अपराधियों द्वारा इसी तरह का साइबर अपराध किया जा सकता है। साइबर अपराधी द्वारा पीडित के अकाउंट से मिलता-जुलता फर्जी प्रोफाइल बनाया जाता है। इसके पश्चात् उन लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजा जाता है, जो पीड़ित के वास्तविक अकाउंट में पहले से ही फ्रेंड सूची में जुड़े होते हैं। वास्तविक प्रोफाइल के मित्रों को जोड़ने के पश्चात् मेसेंजर के माध्यम से किसी आपातकालीन स्थिति का बहाना बनाकर तत्काल पैसों की मांग की जाती है और पे.टी.एम. या अन्य किसी अकाउंट में पैसा ट्रांसफर करने के लिए कहा जाता है। अगर कोई व्यक्ति तथ्यों की बिना जाँच किये हुये पैसा ट्रांसफर कर देता है, तो वह साइबर ठगी का शिकार हो जाता है।
4 आजकल लोगों के पास अंजान नंबरों से विडियो काल आ रही हैं, जिससे विडियो काल के बाद अश्लील वीडियो रिकॉर्ड करके जालसाज व्यक्तियों द्वारा वीडियो कॉल रिसीव करने वाले को ब्लैकमेल किया जाता है। इसलिए किसी भी अंजान नंबर से आई विडियो कॉल को रिसीव ना करें।
5 भारत सरकार द्वारा पैन कार्ड तथा आधार कार्ड को लिंक करना जरूरी करने के बाद, शातिर अपराधी इसका फायदा उठा कर लोगों से उनके खाते से संबंधित निजी जानकारी जैसे ओटीपी इत्यादि पूछते हैं। जिससे बाद में वे उनके खाते से पैसे निकाल कर ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं। इसलिए ऐसी किसी भी नंबर पर आई किसी अनजान व्यक्ति की कॉल पर किसी भी तरह की अपनी निजी जानकारी ना दें।
उन्होंने बताया कि फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से होने वाली धोखाधड़ी से बचने के लिए अपने प्रोफाइल के प्राइवेसी के सेटिंग्स में My friends only का चयन करें। फेसबुक मेसेंजर इत्यादि से जब भी कोई पैसे की मांग करें तो इसकी गहन जांच सम्बंधित व्यक्ति से मिलकर या उनके निजी मोबाइल फोन नंबर पर कॉल करने के पश्चात ही पैसों का हस्तांतरण करें। अपने फेसबुक एवं सभी सोशल मीडिया अकाउंट में टू स्टेप सत्यापन को ऑन रखें। अपने अकाउंट से सम्बंधित आई.डी. / पासवर्ड को मजबूत रखे एवं इसकी गोपनीयता को बनाये रखें। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग कर की जाने वाली वित्तीय धोखाधड़ी से सतर्क रहें। किसी भी कारण से संदिग्ध होने पर अनजान कॉल/संदेश/ईमेल आदि का जवाब ना दें और अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा ना करें। उन्होंने बताया कि किसी भी तरह के साइबर क्राइम/ऑनलाइन ठगी होने पर तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें अथवा राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर अपनी शिकायत दर्ज कराएं। उपरोक्त के अतिरिक्त साइबर क्राइम थाना झज्जर अथवा अपने नजदीकी थाने में स्थित साईबर हैल्पडैस्क की मदद भी ले सकते हैं। साइबर क्राइम अथवा किसी भी प्रकार की ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए जरूरी है कि प्रत्येक उपयोगकर्ता इंटरनेट का इस्तेमाल करते समय सतर्क रहे।