आखिर 21 जून को ही क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

जो करते हैं योग,उन्हें नहीं होता कोई भी रोग- मदन मोहन भास्कर।

भागदौड़ भरी जिंदगी में खुद को स्वस्थ रखने का योग सबसे आसान तरीका है।
योग, संस्कृत शब्द ‘युज’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘जोड़ना’ या ‘एकजुट होना’। योग केवल शारीरिक आसन से कहीं अधिक है,क्योंकि योग स्वास्थ्य के लिए एक समग्र दृष्टिकोण है जो श्वास अभ्यास, ध्यान और नैतिक सिद्धांतों को एकीकृत करता है। योग शास्त्रों के अनुसार योग का अभ्यास व्यक्तिगत चेतना को सार्वभौमिक चेतना के साथ जोड़ता है,जो मन और शरीर, मनुष्य और प्रकृति के बीच पूर्ण सामंजस्य का संकेत देता है।

भारत ने दुनियाभर में योग का प्रचार-प्रसार किया है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर योग को खास पहचान दिलाई है। योग को पूरी दुनिया में फैलाने और योग के फायदों के बारे में लोगों को जागरुक करने के लिए हर साल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। दरअसल इस दिन योग दिवस मनाने के पीछे की एक खास वजह यह है कि 21 जून को साल का सबसे लंबा दिन माना जाता है जिसे ग्रीष्म संक्रांति भी कहते हैं। यह दिन उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लम्बा दिन होता है और योग भी मनुष्य को दीर्घायु बनाता है। इस दिन को योग और अध्यात्म के लिए बेहद खास माना जाता है। यही वजह है कि 21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया गया।

योग दिवस का इतिहास

पहली बार 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने भाषण में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था। 11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र के 177 सदस्यों द्वारा 21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। पहली बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 में मनाया गया था। लाखों लोगों ने दुनियाभर में एक साथ योगाभ्यास किया था।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस क्यों मनाया जाता है?

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस योग के अभ्यास के अनेक लाभों के बारे में दुनिया भर में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। यह इस प्राचीन भारतीय अभ्यास को मान्यता देने का दिन है जो मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर केंद्रित है।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस थीम 2024

21 जून, 2024 को “स्वयं और समाज के लिए योग” थीम के साथ 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में भारत सरकार इस शक्तिशाली अभ्यास के प्रति आपकी प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करने के लिए एक विशेष अवसर प्रदान कर रही है। यह थीम समग्र कल्याण में योग की भूमिका पर जोर देती है और पूरे समाज पर योग के परिवर्तनकारी प्रभाव को बढ़ावा देती है, शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और सामाजिक माध्यमों से सशक्तिकरण पर जोर देती है।

योग दिवस का लोगो किसका प्रतीक है?

लोगो में दोनों हाथों को मोड़ना योग ( मिलान ) का प्रतीक है। यह सार्वभौमिक चेतना के साथ व्यक्तिगत चेतना के मिलन को दर्शाता है। साथ ही मन और शरीर, मनुष्य और प्रकृति के बीच के मिलन का भी प्रतीक है। भूरी पत्तियां पृथ्वी तत्व का प्रतीक हैं।

योग के स्वास्थ्य लाभ

नियमित योग अभ्यास के स्वास्थ्य लाभों में रक्तचाप कम होना, मुद्रा और रक्त संचार में सुधार, तथा बेहतर स्वास्थ्य की भावना शामिल हो सकती है । योग आसनों का अभ्यास करने से ताकत और लचीलापन विकसित होता है, साथ ही आपकी नसों को आराम मिलता है और आपका मन शांत होता है। आसन मांसपेशियों, जोड़ों और त्वचा, और पूरे शरीर – ग्रंथियों, नसों, आंतरिक अंगों, हड्डियों, श्वसन और मस्तिष्क को प्रभावित करते हैं। योग के भौतिक निर्माण खंड आसन और सांस हैं।

योग का उद्देश्य क्या है ?
जो व्यक्ति लगातार योग अभ्यास करता है, वह सुंदर, सफल और शक्तिशाली बन सकता है। आलसी व्यक्ति के लिए योग का कोई महत्व नहीं है। योग हमारी शक्ति, एकाग्रता, कार्यक्षमता को बढ़ाता है और मन को शांत करता है। योग से शरीर स्वस्थ और मन नियंत्रित होता है। योग शरीर और मन को एक साथ लाता है और तीन मुख्य तत्वों – गति, श्वास और ध्यान पर आधारित है। योग से कई शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य लाभ होते हैं जिनमें बेहतर मुद्रा, लचीलापन, शक्ति, संतुलन और शरीर की जागरूकता शामिल है। योग का उद्देश्य व्यक्ति में विवेक, जागरूकता, आत्म-नियमन और उच्च चेतना पैदा करना था। जैसे-जैसे शारीरिक विकास चाहने वालों बनाम आध्यात्मिक विकास चाहने वालों के बीच विभाजन बढ़ता गया है, आंतरिक अनुभव के प्रति जागरूकता और ध्यान की कमी ने अभ्यासकर्ता को उसके शरीर से अलग कर दिया है।

मदन मोहन भास्कर
लेखक एवं पत्रकार
हिण्डौन सिटी, करौली

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