एलजी मंदिरों पर बुल्डोजर चलाने के लिए इतने उत्साहित क्यों है? मंदिरों को तोड़ने से पूरी दिल्ली में कानून-व्यवस्था खराब हो सकती है- मनीष सिसोदिया

उपराज्यपाल ने सरकारी स्कूलों में 244 पदों पर प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति की मंजूरी पर रोक लगा दी है और विभाग से कहा है कि वह असेसमेंट स्टडी कराकर यह जांच करें कि स्कूलों में इन प्रधानाध्यापकों की आवश्यकता है या नहीं। यह पद पिछले पांच साल से खाली पड़े थे। यह कैसा मजाक है? यह चौंकाने वाली बात है कि राष्ट्रीय राजधानी के एलजी होने के बावजूद उनके पास ओछी राजनीति करने का समय है, लेकिन सार्वजनिक हित की परियोजनाओं को मंजूरी देने का नहीं।”

*गृह मंत्रालय सात साल से शिक्षा अधिनियम में हमारे संशोधनों को मंजूरी नहीं दे रहा है- मनीष सिसोदिया*

उन्होंने आगे कहा कि यह कोई अकेला मामला नहीं है, 2015-16 में, दिल्ली सरकार ने शिक्षा अधिनियम में संशोधन को मंजूरी के लिए गृह मंत्रालय को भेजा था। अगर संशोधन को मंजूरी दे दी गई होती तो हम निजी स्कूलों को विनियमित करने में सक्षम होते। लेकिन गृह मंत्रालय सात साल से फाइल को दबाए बैठा है। एलजी खुद को दिल्ली का “लोकल गार्जियन” कहते हैं। इसके बाद भी वो गृह मंत्रालय से उस फाइल को मंजूरी क्यों नहीं दिलाते? क्या इसलिए कि वे बच्चों को अच्छी शिक्षा देने से ज्यादा जरूरी धार्मिक ढांचे को गिराना मानते हैं?”

एक अन्य मामले में सरकार ने नीतीश कटारा मामले को देखने के लिए एक वकील नियुक्त किया था, लेकिन एलजी ने उस फाइल को भी रोक रखा है। यह समझ से परे है कि एलजी को इतनी बुनियादी चीजों से भी समस्या क्यों है? वो इन फाइलों को क्लियर क्यों नहीं कर रहे हैं?”

*मेरी एलजी से विनती, जनादेश का अपमान न करें, सरकार को काम करने दे- मनीष सिसोदिया*

डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि उपराज्यपाल और उनके कार्यालय को निर्वाचित सरकार के कार्यों में हस्तक्षेप करना बंद करना चाहिए। एलजी के पास क्लियर करने के लिए दर्जनों फाइलें पेंडिंग हैं, उन्हें इन फ़ाइलों पर गौर करना चाहिए, न कि राजनीति करने के लिए अपने पद का असंवैधानिक इस्तेमाल करना चाहिए। एलजी का यह व्यवहार उनकी प्राथमिकताओं पर सवाल खड़े कर रहा है । दिल्ली के लोगों ने सीएम अरविंद केजरीवाल को अभूतपूर्व जनादेश दिया है। मैं एलजी से हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि आप जनता के जनादेश का अपमान न करें और चुनी हुई सरकार को शांति से काम करने दें।

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