प्रत्येक सुहागिन अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं और इसी कामना से करवा चौथ का व्रत रखा जाता हे. यह व्रत हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन रखा जाता है और इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत करती हैं.
यानि दिनभर पानी भी ग्रहण नहीं करती. (Karwa chauth Importance) यह व्रत पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है और इस दिन चंद्र देवता और करवे का पूजन किया जाता है. आइए जानते हैं इस साल कब रखा जाएगा करवा चौथ का व्रत और इस दिन का महत्व?
हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन करवा चौथ का व्रत रखा जाता है. हिंदी पंचांग के अनुसार इस साल यह तिथि 31 अक्टूबर को रात 9 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 1 नवंबर को रात 9 बजकर 19 मिनट पर होगा. ऐसे में इस साल करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर 2023, बुधवार के दिन रखा जाएगा.
करवा चौथ के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 45 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 32 मिनट तक रहेगा. इस दौरान पूजा करने के साथ ही व्रत कथा भी अवश्य पढ़नी चाहिए. क्योंकि बिना व्रत कथा कोई भी व्रत पूरा नहीं माना जाता. इसके बाद चंद्रोदय होने पर चंद्रमा के दर्शन करें और फिर व्रत का पारण करें.
Karwa chauth vrat को लेकर कई धार्मिक मान्यताएं व पौराणिक कहानियां समाज में प्रचलित हैं. इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत कर अपने पति की लंबी उम्र और दांपत्य जीवन में खुशहाली की कामना करती हैं. कहते हैं कि करवा चौथ का व्रत बहुत ही कठिन होता है और इसके प्रभाव से मनोकामना पूरी होती है. साथ ही करवा चौथ का व्रत रखने से करवा चौथ मैया घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली का भी आशीर्वाद देती हैं. यह व्रत खासतौर पर दिल्ली, एनसीआर, उत्तर भारत और राजस्थान में रखा जाता है. डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं. India.Com इसकी पुष्टि नहीं करता. इसके लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.