केंद्र सरकार ने 7 मई को मॉक ड्रिल करने का किया ऐलान, देशभर में हमले की चेतावनी वाला बजेगा सायरन

यह अभ्यास सिविल डिफेंस रूल्स 1968 के तहत किया जाएगा। 2 मई को ही मॉक ड्रिल और रिहर्सल के आदेश जारी हो गए थे, लेकिन देशवासियों को इसकी जानकारी 5 मई को दी गई।

मॉक ड्रिल, सिविल डिफेंस रिहर्सल और प्रैक्टिस का मकसद सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सिविल डिफेंस सिस्टम की तैयारी को परखना है। सिस्टम को और ज्यादा मजबूत और प्रभावी बनाना है। लोगों को यह सिखाना है कि अगर पाकिस्तान से युद्ध हुआ तो देशवासी खुद को हमले से कैसे बचा सकेंगे‌? मॉक ड्रिल, प्रैक्टिस, रिहर्सल इसलिए की जा रही है, ताकि युद्ध के दौरान लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। युद्ध के समय लोगों को अफरा तफरी से बचाना। उनकी घबराहट को कम करना और हमले से एक दूसरे की जान बचाना है। देशसेवा का जज्जा उनमें भरना है।

गृह मंत्रालय के आदेशानुसार, मॉक ड्रिल का मतलब यह है कि अगर पाकिस्तान के साथ युद्ध छिड़ जाए तो इमरजेंसी में, एयर स्ट्राइक या हमला होने पर लोग और प्रशाासन कैसे रिएक्ट करेंगे और कितनी जल्दी रिएक्ट करेंगे? इस दौरान हवाई हमले के सायरन बजेंगे तो न घबराते हुए एक दूसरे की मदद करनी है। हमले से अपनी-दूसरों की सुरक्षा करनी है।

बिजली बंद करके ब्लैकआउट किया जाएगा तो क्या करेंगे? ब्लैकआउट होने का मतलब हमला होगा तो अंधेरे में खुद को सुरक्षित कैसे रखेंगे? मॉक ड्रिल में स्थानीय प्रशासन, सिविल डिफेंस वार्डन, होम गार्ड्स, नेशनल कैडेट कोर (NCC), नेशनल सर्विस स्कीम (NSS), नेहरू युवा केंद्र संगठन (NYKS) और स्कूल-कॉलेजों के स्टूडेंट्स हिस्सा लेंगे।

मॉक ड्रिल के स्कूलों, ऑफिसों और कम्युनिटी सेंटर्स में वर्कशॉप्स लगाई जाएंगी। मॉक ड्रिल में सायरन बजाया जाएगा। ब्लैकआउट किया जाएगा। लोगों को फैक्ट्रियों, कारखानों, ऑफिसों, अस्पतालों, स्कूलों को छिपाना सिखाया जाएगा। भीड़ वाली जगहों को खाली कराना और लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाना सिखाया जाएगा। छिपने की जगहों के बारे में बताया जाएगा।

किसी के घायल होने पर फर्स्ट एड देना और खुद को मानसिक रूप से मजबूत रखना सिखाया जाएगा। बिजली बंद करके शहरों, स्कूलों, ऑफिसों, अस्पतालों, फैक्ट्रियों, कंपनियों, पावर प्लांट, बिजली घरों को दुश्मन के हमले से छिपाया जाएगा। छिपने और छिपाने के दौरान आने वाली बाधाओं के बारे में और उनसे निपटने के तरीके बताए जाएंगे।

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