भारतीय ध्यान और योग परंपरा ने सैकड़ों वर्षों से दुनियाभर के लोगों को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहना सिखाया, हमें गर्व कि अपने विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से इस परम्परा को आगे बढ़ा रही है केजरीवाल सरकार-शिक्षा मंत्री आतिशी
हैप्पीनेस सप्ताह के दूसरे दिन केजरीवाल सरकार ने अपने स्कूली बच्चों के लिए माता अमृतानंदमयी के यूथ विंग ‘आयुध’ के साथ योग व मेडिटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया| कार्यक्रम में शामिल बच्चों ने सूर्य नमस्कार का अभ्यास व मेडिटेशन किया| इस कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री आतिशी बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुई और छात्रों को अपने दैनिक जीवन में योग और माइंडफुलनेस अपनाने को प्रेरित किया| इस मौके पर शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि, वर्तमान के चुनौतीपूर्ण माहौल में आमतौर पर बच्चों में स्ट्रेस व एकाग्रता की कमी पाई जाती है| ऐसे में इन समस्याओं से निपटने के लिए योग और मेडिटेशन बेहद कारगार उपाय है| ऐसे में दिल्ली सरकार के स्कूलों में माइंडफुलनेस के साथ अब योग को भी बच्चों की जिन्दगी का हिस्सा बनाया जायेगा|
शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि, भारत में हज़ारों वर्षों से ध्यान और योग का अभ्यास किया जा रहा है। आज हमें गर्व महसूस होता है कि भारतीय ध्यान और योग परंपरा ने सैकड़ों वर्षों से दुनियाभर के लोगों को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहना सिखाया हैं| और अब एक बार फिर हमें इसे अपनी सामान्य जिन्दगी का हिस्सा बनाने की जरुरत है| और हमें गर्व है कि अपने विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से केजरीवाल सरकार इस परम्परा को आगे बढ़ा रही है और लोगों को एक स्वस्थ और खुशहाल जीवनशैली जीना सीखा रही है|
शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि, “बचपन से ही बच्चों के मन में यह विचार घर कर जाता है कि उनके स्कूल आने और पढ़ाई करने का एकमात्र उद्देश्य अच्छे ग्रेड हासिल करना और भविष्य में अच्छी नौकरी हासिल करना है। पूरे शिक्षा प्रणाली का भी फोकस सिर्फ इसी पर होता है| लेकिन बच्चों को ये नहीं सिखाया जाता कि वो दैनिक जीवन की चुनौतियों से कैसे निपटे| ऐसे में अक्सर विद्यार्थियों को स्ट्रेस होता है, उनकी एकाग्रता में कमी आती है और वे अन्य बहुत सी समस्याओं का सामना करते है| ऐसे में इन समस्याओं से निपटने के लिए योग और मैडिटेशन बेहद कारगार साबित होते है|
इस दिशा में हमने अपने स्कूलों में विभिन्न माइंडसेट करिकुलम की शुरुआत की| और इसके साथ अब जब हमारे स्कूलों के बच्चे माइंडफुलनेस के द्वारा अपने दिन की शुरुआत करते है, तो उनका सारा स्ट्रेस दूर हो जाता है और वो पढ़ाई पर फोकस कर पाते है| उन्होंने कहा कि ये सभी पाठ्यक्रम बच्चों के लिए आवश्यक हैं, क्योंकि जहां अच्छे ग्रेड हासिल करना या अच्छी नौकरी पाना महत्वपूर्ण है, वहीं सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वे अच्छे इंसान बनें। एक अच्छा इंसान बनना अच्छे अंक पाने या अच्छी नौकरी से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि, हम माइंडफ़ुलनेस इसलिए करते है ताकि हम ख़ुद को समझ सके। अगर बच्चे अपने पढ़ाई पूरी करके और एक अच्छे इंसान बन के स्कूल से निकलते है और समाज के उत्थान और विकास के लिए अपना योगदान देते है तब सही मायने में उनकी पढ़ाई पूरी होती है।
उन्होंने ने कहा कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चों का सर्वंगीन विकास केजरीवाल सरकार की प्राथमिकता है और इसे सुनिश्चित करने के लिए हम विभिन्न पहल कर रहे है। शिक्षा निदेशालय द्वारा शुरू किए गए योग और ध्यान सत्र भी उसी का हिस्सा हैं। हैप्पीनेस करिकुलम के तहत, दिल्ली सरकार के स्कूलों के छात्र प्रतिदिन माइंडफुलनेस का अभ्यास करते हैं, जबकि इस तरह के योग व ध्यान सत्रों के माध्यम से हमारा उद्देश्य बच्चों में रोजाना योग करने की अच्छी आदत विकसित करना है|