केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में आज सड़क पर उतारी 400 नई बसें

दिल्ली की सड़कों पर अब 7135 बसों में से 800 इलेक्ट्रिक बसें दौड़ रही हैं, जो पूरे देश में सबसे ज्यादा हैं- अरविंद केजरीवाल*

सीएम अरविंद केजरीवाल के प्रयासों से दिल्ली इलेक्ट्रिक बसों के मामले में अब देश भर में नंबर-1 बन गई है। मंगलवार को आईपी स्टेट डिपो से सीएम अरविंद केजरीवाल ने एलजी के साथ 400 नई इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाकर दिल्ली की जनता को सौंप दिया। इस अवसर पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ये बसें सब्सिडी स्कीम की 921 बसों में शामिल हैं। इन बसों के लिए केंद्र सरकार की तरफ़ से 417 करोड़ की सब्सिडी दी गई है, जबकि दिल्ली सरकार द्वारा 3674 करोड़ रुपए खर्च किया है। दिल्ली की सड़कों पर अब 800 इलेक्ट्रिक बसें दौड़ रही हैं, जो पूरे देश में सबसे ज्यादा हैं। सीएम ने कहा कि हमारा लक्ष्य 2025 के आखि़र तक दिल्ली की सड़कों पर 8 हज़ार इलेक्ट्रिक बसें उतारने का है। इसके बाद दिल्ली में 10 हज़ार से ज्यादा बसें हो जाएंगी, जिसमें से 80 फीसद यानि कि 8280 इलेक्ट्रिक बसें होंगी। इसके बाद पूरे विश्व में दिल्ली को इलेक्ट्रिक बसों के लिए भी जाना जाएगा।

मंगलवार को सुबह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एलजी वीके सक्सेना के साथ आईपी स्टेट बस डिपो से 400 नई लो फ्लोर एसी इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाई। इस दौरान परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत और परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यात्रियों के लिए ई-बसों में उपलब्ध सुविधाओं का भी जायजा लिया। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने एक-एक कर सभी सुविधाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। 

*दिल्ली की सड़कों पर पहले से दौड़ रही हैं 400 ई-बसें- अरविंद केजरीवाल*

इसके बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रेस वार्ता कर दिल्ली की सड़कों पर उतारी गई 400 नई लो फ्लोर एसी ईलेक्ट्रिक बसों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आज दिल्ली के लोगों के लिए बहुत खुशी का दिन है। आज मैंने और एलजी साहब ने 400 ई-बसों को हरी झंडी दिखाई है। आज से दिल्ली की सड़कों पर 400 और ई-बसें उतरी हैं। जबकि पहले से ही 400 ई-बसों दिल्ली की सड़कों पर चल रही थीं। अब आधुनिक और वातानुकूलित 800 ई-बसें दिल्ली की सडकों पर चलने लगी हैं। इसी के साथ दिल्ली देश का वो शहर बन गया है, जहां सबसे ज्यादा ई-बसें चल रही हैं। 

*सवा दो साल में 800 से दस गुना ज्यादा 8 हजार ई-बसें हो जाएंगी- अरविंद केजरीवाल*

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिसंबर 2023 तक दिल्ली सरकार की 1900 ईलेक्ट्रिक बसें सड़कों पर आ जाएंगी। 800 ई-बसों के साथ दिल्ली देश का सबसे ज्यादा ई-बसों वाला शहर हो गया है और 1900 ई-बसें आने के बाद दुनिया के उन चुनिंदा शहरों में दिल्ली का नाम आएगा, जहां ज्यादा ईलेक्ट्रिक बसें चलती हैं। 1900 ईलेक्ट्रिक बसों के आने के बाद हम हर साल 1.07 लाख टन कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी आएगी। हमारा लक्ष्य है कि दिसंबर 2025 तक दिल्ली की सड़कों पर कुल 10480 बसें होंगी। इसमें से 80 फीसद यानि 8280 ईलेक्ट्रिक बसें होंगी। यह काफी महत्वाकांक्षी लक्ष्य है और यह किसी भी क्रांति से कम नहीं है। लगभग सवा दो साल बाद दिल्ली सरकार के पास करीब 8280 इलेक्ट्रिक बसें होंगी। यानि सवा दो साल बाद करीब दस गुना अधिक ई-बसें होंगी। ये बसें जीरो प्रदूषण करती हैं और एक बार चार्ज होने के बाद 225 किलोमीटर चलती हैं। 

सभी आधुनिक सुविधाएं से लैस हैं ये ईलेक्ट्रिक बसें- अरविंद केजरीवाल*

सीएम अरविंद केजरीवाल ने बसों की खासियत बताते हुए कहा कि ये ईलेक्ट्रिक बसें सभी आधुनिक सुविधाएं से लैस हैं। सारी बसें वातानुकूलित हैं। दिव्यांग जनों के लिए रैम्प बना हुआ है। किसी दिव्यांग व्यक्ति को चढ़ाने के लिए जरूरत पड़ने पर पूरी बस झुक जाती है। बसों की स्टेपलेस बॉडी है, जिससे लोगों को सहूलियत होती। हर बस में तीन-तीन सीसीटीवी कैमरे हैं। महिलाओं की सुरक्षा के लिए पैनिक बटन है। कंट्रोल रूम के साथ हर बस का दोतरफा कम्युनिकेशन है। हर बस में लाइन ट्रैकिंग करने के लिए जीपीएस यूनिट है। हर बस में डिस्क ब्रेक, फायर डिटेक्शन के साथ सप्रेशन सिस्टम है। उन्होंने कहा कि कुछ बसों की उम्र पूरी हो गई थी, उनको हटा दिया गया है। इसके बाद आज की तारीख में दिल्ली में 7135 बसें हैं। इसमें 800 ई-बसें हैं और 6335 सीएनजी बसें हैं।

*8280 ई-बसों में से 1200 बसें केंद्र की सब्सिडी से मिलेंगी और बाकी दिल्ली सरकार खरीदेगी- अरविंद केजरीवाल*

सीएम अरविंद केजरीवाल ने इन बसों की वित्तीय स्थिति के आंकड़े भी रखे। सीएम ने बताया कि केंद्र सरकार की 921 बसों पर सब्सिडी मिल रही है। हर बस पर लगभग 45 लाख रुपए प्रति बस सब्सिडी मिलेगी। 921 बसों पर केंद्र से 417 करोड़ रुपए की सब्सिडी मिल रही है। हर बस की लाइफ करीब 12 साल है। इस तरह इन 921 ई-बसों पर कुल खर्च 4091 करोड़ रुपए है। इसमें से 417 करोड़ रुपए केंद्र सरकार से मिल रहा है। यानि केंद्र सरकार से 10 फीसद और बाकी 90 फीसद खर्च का वहन दिल्ली सरकार कर रही है। इस प्रकार दिल्ली सरकार का 8280 ई-बसों का जो कुल लक्ष्य है, उसमें से 1200 ई-बसें केंद्र सरकार की सब्सिडी से मिल रही है और बाकी ई-बसें दिल्ली सरकार अपने पैसे से खरीद रही है। हमारी केंद्र सरकार से अपील है कि जिस तरह 1200 बसों पर सब्सिडी दे रही है, वैसे ही बाकी बसों पर भी सब्सिडी दे तो और अच्छा रहेगा। हम उम्मीद करते हैं कि केंद्र सरकार बाकी बसों पर भी सब्सिडी देगी।

*दिल्ली सरकार 182.51 करोड़ रुपए से 1500 ई-बसों के लिए डिपो तैयार किया है- अरविंद केजरीवाल*

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि केवल ई-बसें खरीदने से काम नहीं चलेगा। इसके लिए पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना पड़ता है। क्योंकि अलग किस्म का बस डिपो बनते हैं, जहां ई-बसों को चार्ज किया जाता है। अभी तक दिल्ली सरकार 182.51 करोड़ रुपए खर्च करके 1500 ई-बसों को खड़ा करने के लिए डिपो का इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर लिया है। मंगलवार को सड़क पर उतारी गई 400 ई-बसें टाटा मोटर्स की हैं। ये बसें मायापुरी, नेहरू प्लेस, रोहिणी-1 व 2 और बंदा बहादुर मार्ग डिपो से संचालित की जाएंगी। इसके अलावा 3980 ई-बसों का भी कांट्रैक्ट दे दिया गया है। इन बसों पर जीरो सब्सिडी है। ये बसें भी जल्द ही आना चालू हो जाएंगी। एक तरह से दिल्ली में ईलेक्ट्रिक बसों में बदलाव के लिए क्रांतिकारी कदम उठाए जा रहे हैं। अगले दो साल मे ंहम दुनिया के नक्शे पर होंगे, जहां सबसे ज्यादा ई-बसें दिल्ली में होंगी।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘‘माननीय उपराज्यपाल महोदय के साथ मिलकर आज 400 नई इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाकर दिल्ली की जनता को सौंपा। ये बसें सब्सिडी स्कीम की 921 बसों में शामिल हैं, जिनके लिए केंद्र सरकार की तरफ़ से 417 करोड़ की सब्सिडी दी गई है और दिल्ली सरकार 3674 करोड़ रुपए खर्च करेगी। दिल्ली की सड़कों पर अब कुल 800 इलेक्ट्रिक बसें हो गई हैं, जो पूरे देश में सबसे ज्यादा हैं। हमारा लक्ष्य 2025 के आखि़र तक दिल्ली की सड़कों पर कुल 8 हज़ार इलेक्ट्रिक बसें उतारने का है। उस वक्त दिल्ली में 10 हज़ार से ज्यादा बसें होंगी, जिसमें 80 फीसद बसें इलेक्ट्रिक होंगी। बहुत जल्द पूरे विश्व में दिल्ली को अपनी शानदार इलेक्ट्रिक बसों के लिए भी जाना जाएगा।

*परिवहन सिस्टम को प्रदूषण मुक्त बना रही केजरीवाल सरकार*

केजरीवाल सरकार अपने सार्वजनिक परिवहन सिस्टम को प्रदूषण मुक्त और मजबूत बना रही है। सरकार दिल्ली इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पॉलिसी के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए लगातार ई-बसों को डीटीसी के बेड़े में शामिल कर रही है। इसलिए नई खरीदी जाने वाली बसों में कम से कम 50 फीसद इलेक्ट्रिक बसें शामिल की जा रही हैं, ताकि दिल्ली में वायु और ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके। इसी के तहत मंगलवार को डीटीसी की बेड़े में 400 ई-बसें शामिल की गई हैं।

*डीटीसी बेड़े में ई-बसों की संख्या हुई 800*

डीटीसी द्वारा पहले से ही 300 ई-बसें और डीआईएमटीएस द्वारा 100 ई-बसें शामिल की जा चुकी हैं। इसके साथ ही मंगलवार को डीटीसी ने 400 और बसों को बेड़े में शामिल कर लिया है। इस तरह अब 800 ईलेक्ट्रिक बसें डीटीसी के बेड़े में शामिल हो चुकी हैं।

*अब पूरे देश में दिल्ली में सबसे अधिक इलेक्ट्रिक बसें*

दिल्ली के बस बेड़े में अब 7135 बसें हो गई हैं। इसमें डीटीसी की 4088 और क्लस्टर की 3047 बसें शामिल हैं। इन 7135 बसों में 800 ईलेक्ट्रिक बसें हैं, जो पूरे देश के किसी भी राज्य की तुलना में सबसे ज्यादा है। इसमें डीटीसी की 700 और 100 क्लस्टर की ई-बसें हैं। वहीं, 7135 में सीएनजी की 6335 बसें हैं। इसमें डीटीसी की 3388 और 2947 क्लस्टर की बसें शामिल हैं।

आठ हजार ई-बसें आने से हर साल 4.67 लाख टन कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन में आएगी कमी*

केजरीवाल सरकार के निर्धारित लक्ष्य के अनुसार 2025 तक दिल्ली में कुल 10,480 बसें हो जाएंगी। इसमें से 80 फीसद (8280) बसें इलेक्ट्रिक की होगी। इससे दिल्ली में हर साल 4.67 लाख टन कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी आएगी। जबकि दिसंबर 2023 तक दिल्ली में 1900 ई-बसें हो जाएंगी। इससे दिल्ली हरी-भरी, स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त होगी।

*नई शामिल इलेक्ट्रिक बसों की प्रमुख खासियत*

– सभी बसें प्योर इलेक्ट्रिक हैं। इनसे बिल्कुल भी प्रदूषण उत्पन्न नहीं होता है।

– एक बार चार्ज करने के बाद ये बसें 225 किलोमीटर तक चल सकती हैं।

– सभी बसें वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग सिस्टम से लैस हैं।

– दिव्यांग जनों के लिए फोल्डेबल रैंप है, जिससे उन्हें बस में चढ़ने में सहूलियत मिलती है।

– यात्रियों का बस में चढ़ना-उतरना आसान काफी आसान है।

– सुरक्षा के मद्देनजर सीसीटीवी कैमरे, हूटर के साथ पैनिक बटन और आपातकालीन स्थिति में लाइव वीडियो स्ट्रीमिंग की सुविधा।

– कंट्रोल रूम के साथ दो-तरफा संचार की सुविधा।

– बस की लाइव ट्रैकिंग के लिए जीपीएस यूनिट है।

– रियर इंजन के साथ पूरी तरह से स्वचालित ट्रांसमिशन

– डिस्क ब्रेक

– आग का पता लगाने और सप्रेशन सिस्टम की व्यवस्था

*डिपो के विकास पर 182 करोड़ रुपए किए खर्च*

केजरीवाल सरकार ने ई-बसों के चार्ज करने और रखने को लेकर इलेक्ट्रिक बस डिपो में काफी पूंजी निवेश किया है। सरकार ने इलेक्ट्रिक बस डिपो को विकसित करने में 182.51 करोड़ रुपए खर्च किया है, जिन्हें डीटीसी द्वारा 1500 ई-बसों के संचालन के लिए अपग्रेड किया गया है।

*इन बस डिपो से संचालित होंगी ये ई-बसें*

मंगलवार को सड़क पर उतारी गई 400 ई-बसों का निर्माण टाटा मोटर्स द्वारा किया गया है। ये बसें मायापुरी, नेहरू प्लेस, रोहिणी-1 व 2 और बंदा बहादुर मार्ग डिपो से संचालित की जाएंगी। 

*केजरीवाल सरकार ने 3980 ई-बसों का दिया कांट्रैक्ट*

दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय ई-बस कार्यक्रम (एनईबीपी) के तहत 3,980 इलेक्ट्रिक बसों को शामिल करने का कांट्रैक्ट दिया है। इसमें 1900 (12एम) और 2080 (9एम) की इलेक्ट्रिक बसें हैं। इन बसों के संचालन की पूरी लागत दिल्ली सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।

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