वरिष्ठ पत्रकार अशोक कुमार निर्भय
नई दिल्ली। रविंद्र भवन भोपाल में क्रीड़ा भारती द्वारा आज राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित जिजामाता सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा। इस महत्वपूर्ण आयोजन में उन माताओं का सम्मान किया जाएगा, जिन्होंने अपने बच्चों को अंतरराष्ट्रीय खेल जगत में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित किया। यह समारोह मातृत्व, प्रेरणा और बलिदान को समर्पित होगा, जिसमें विभिन्न खेलों के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा प्राप्त खिलाड़ियों की माताओं को सम्मानित किया जाएगा।
समारोह में भाला फेंक खिलाड़ी और ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता श्री नीरज चोपड़ा की माता श्रीमती सरोज देवी को विशेष सम्मान दिया जाएगा। साथ ही, त्रिपुरा की प्रसिद्ध जिमनास्ट सुश्री दीपा कर्मकार की माता श्रीमती गौरी कर्मकार, असम की मुक्केबाज सुश्री लवलीना बोरगोहेन की माता श्रीमती मोनी देवी, केरल के हॉकी खिलाड़ी और गोलकीपर श्री पीआर श्रीजेश की माता श्रीमती उषा कुमारी, राजस्थान की पैरा शूटर सुश्री अवनी लेखरा की माता श्रीमती श्वेता जी, और मध्यप्रदेश के इटारसी के हॉकी मेडलिस्ट श्री विवेक सागर प्रसाद की माता श्रीमती कमाल देवी को भी यथोचित सम्मान प्रदान किया जाएगा।
इस भव्य समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय जी होसबले मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहेंगे। इसके अतिरिक्त, भारत सरकार के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री मनसुखभाई मांडविया और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहनजी यादव इस आयोजन की गरिमा को बढ़ाएंगे। खेल मंत्री श्री विश्वास सारंग भी इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।
यह कार्यक्रम माताओं की भूमिका को रेखांकित करने और उन्हें समाज में एक विशेष स्थान देने का प्रयास है। खिलाड़ियों की सफलता के पीछे उनकी माताओं की मेहनत, प्रेरणा और त्याग को मान्यता देने के उद्देश्य से यह सम्मान समारोह राष्ट्रीय स्तर पर एक नई परंपरा स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
कार्यक्रम के दौरान सभी चयनित माताओं को विशेष प्रतीक चिन्ह और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा। यह आयोजन केवल माताओं को सम्मानित करने का एक अवसर नहीं है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनेगा।
भोपाल में आयोजित इस विशेष समारोह ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान आकर्षित किया है। खेल जगत में योगदान देने वाली माताओं का यह सम्मान उनके अथक प्रयासों और समर्पण को मान्यता देने का प्रतीक है। आयोजकों ने इसे एक ऐतिहासिक पहल के रूप में प्रस्तुत किया है, जो मातृत्व की महत्ता और खिलाड़ियों की सफलता में उनके योगदान को समाज के समक्ष उजागर करता है।