विशेष संवाददाता चिमन लाल
राजस्व में होगी वृद्धि व्यापारिक गतिविधियों को मिलेगी गति
झज्जर
डीसी प्रदीप दहिया ने बताया कि लंबे समय से जीएसटी मामलों में उलझे कारोबारियों को राहत देने के उद्देश्य से सरकार ने जीएसटी एमनेस्टी 2025 योजना शुरू की है, जिसके तहत व्यापारियों को केवल बकाया टैक्स जमा करना होगा, जबकि ब्याज और जुर्माने से पूरी तरह छूट दी जाएगी। यह योजना न केवल व्यापारियों को आर्थिक दबाव से बाहर निकालेगी, बल्कि उन्हें अपने व्यवसाय को सुचारू रूप से चलाने का एक नया अवसर भी देगी।
योजना के अनुसार जीएसटी एक्ट के सेक्शन 73 के तहत जीएसटी मामलों में अब केवल मूल कर राशि जमा करनी होगी। योजना के तहत पात्र करदाताओं को ब्याज व जुर्माना राशि से राहत प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि यह योजना उन करदाताओं पर लागू होगी जिन पर वित्त वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए हरियाणा जीएसटी अधिनियम- 2017 की धारा 73 के तहत बकाया कर की देनदारी है। योजना के तहत आवेदन करने की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन और सरल है। व्यापारियों को जीएसटी पोर्टल पर लॉगिन कर एमनेस्टी योजना के तहत आवेदन करना होगा। योजना का लाभ उठाने के लिए 31 मार्च तक आवेदन किया जा सकता है। इससे योजना से कर राजस्व में वृद्धि होगी और व्यापारिक गतिविधियों को नई गति मिलेगी। विभाग द्वारा योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए व्यापारियों से आह्वान किया गया है।
ब्याज और जुर्माने की छूट से व्यापारियों का वित्तीय बोझ कम होने से आर्थिक दबाव से राहत मिलेगी। पुराने विवाद व कानूनी उलझनों से छुटकारा मिलने से व्यापारियों को व्यवसाय में ध्यान देने का अवसर मिलेगा। जिन कारोबारियों के टैक्स मामले अटके थे, वे अब बिना किसी अतिरिक्त बोझ के आगे बढ़ सकते हैं। आबकारी एवं कराधान विभाग/जीएसटी और व्यापारियों के बीच बेहतर तालमेल से पारदर्शिता बढ़ेगी।