विशेष संवाददाता चिमन लाल
झज्जर
जिलाधीश प्रदीप दहिया ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिला में फसल अवशेष जलाने पर रोक लगा दी है। यह कदम फसल अवशेष जलाने से होने वाली आग की घटनाओं, पर्यावरण प्रदूषण, और स्वास्थ्य समस्याओं को रोकने के लिए उठाया गया है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो चुके हैं व आगामी 24 मई तक (दो महीने) के लिए प्रभावी रहेंगे। आदेशों के अनुसार फसल कटाई के बाद खेतों में फसल अवशेष जलाने की घटनाओं से अनियंत्रित आग लगने की घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है, जिससे मानव सुरक्षा के साथ साथ खड़ी फसलों को भी नुकसान होने की संभावना बढ़ जाती है। फसल अवशेष जलाने से मिट्टी की उर्वरता नष्ट होती है, क्योंकि इसमें मौजूद कार्बन, सूक्ष्म पोषक तत्व, और सूक्ष्म जीव नष्ट हो जाते हैं, जिससे उत्पादन और मुनाफे में कमी आती है। इसके अलावा, इससे निकलने वाला धुआं फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है, जिससे खांसी, दम घुटने, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और हृदय व फेफड़ों की बीमारियों का खतरा बढ़ता है। यह पर्यावरण में ऑक्सीजन की कमी और वायु प्रदूषण का कारण भी बनता है, साथ ही फसल के बचे हुए अनाज और मूल्यवान अवशेष भी जलकर नष्ट हो जाते हैं। इन खतरों के मद्देनजर हुए जिलाधीश ने किसानों और खेतिहर मजदूरों को कंबाइन मशीन से फसल कटाई के बाद या हंसिया से काटने के बाद फसल अवशेष जलाना सख्त मनाही है। इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत कार्रवाई की जाएगी।