दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-3 के प्रतिबंध फिर से लागू

दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। इस कारण दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-3 के प्रतिबंध लागू करने का फैसला लिया गया है। ग्रैप-3 के तहत निर्माण और तोड़फोड़ से जुड़े कार्यों पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी। इसके अलावा निर्माण सामग्री को ढोने वाले वाहनों पर प्रतिबंध रहेगा। कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) की उप-समिति ने यह फैसला लिया।

13 दिसंबर को जारी संशोधित ग्रैप-3 के नियम लागू होंगे। इसे पूरे दिल्ली-एनसीआर में तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।

इस चरण के तहत निर्माण और तोड़फोड़ से जुड़े कार्यों पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी। इसके अलावा निर्माण सामग्री को ढोने वाले वाहनों पर प्रतिबंध रहेगा। एनसीआर राज्यों से अंतर-राज्यीय बसों को दिल्ली में प्रवेश करने से प्रतिबंधित किया जाएगा। इसमें इलेक्ट्रिक वाहनों, सीएनजी वाहनों को राहत दी गई है।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार सोमवार सुबह दिल्ली का एयर इंडेक्स 351 रहा जो बेहद खराब श्रेणी में है। कई इलाकों का एक्यूआई 400 के आसपास रहा। आइक्यूएयर ने सुबह में दिल्ली का एयर इंडेक्स 348 बताया। सीपीसीबी के अनुसार दिल्ली में अभी दो दिन हवा की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में ही रह सकती है।

ग्रैप तीन में ये प्रतिबंध होंगे लागू

  • ग्रैप तीन में दिव्यांग लोगों को दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर जिले में व्यक्तिगत जरूरत के लिए बीएस तीन पेट्रोल इंजन और बीएस चार डीजल इंजन के हल्के वाहन (कार) का इस्तेमाल की छूट रहेगी।
  • दिल्ली में माल ढुलाई के लिए बीएस चार के डीजल इंजन वाले एमजीवी (मीडियम गूड्स व्हीकल) पर प्रतिबंध रहेगा। इस प्रतिबंध से सिर्फ आवश्यक सेवाओं से जुड़े वाहनों को छूट रहेगी।
  • दिल्ली से बाहर पंजीकृत बीएस चार और उससे कम मानक के डीजल इंजन वाहनों को ग्रैप तीन के दौरान राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश वर्जित रहेगा। पहले ये प्रावधान चौथे चरण में शामिल थे।
  • ग्रैप तीन में दिल्ली एनसीआर के स्कूल पांचवीं कक्षा तक की पढ़ाई हाइब्रिड मोड में करा सकते हैं। अभिभावक अपनी सुविधा के अनुसार ऑनलाइन या ऑफलाइन क्लास का विकल्प चयन कर सकते हैं।
  • ग्रैप तीन में दिल्ली सरकार और एनसीआर से संबंधित राज्य सरकारें सरकारी विभागों और सिविक एजेंसियों के कार्यालय के समय में बदलाव कर सकती हैं।
  • ग्रैप 3 में शामिल नए प्रावधानों का पालन संबंधित एजेंसियों को सुनिश्चित करना होगा।

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