दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए हमले की वजह अब सामने आ चुकी है। पुलिस जांच में सामने आया है कि गुजरात के राजकोट निवासी आरोपी राजेश खिमजी किसी व्यक्ति को जेल से छुड़वाने की गुहार लेकर सीएम के आवास पर पहुंचा था।
हालांकि, अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि वह किस आरोपी की पैरवी कर रहा था और उसका उससे क्या संबंध है।
बीते सोमवार सुबह सीएम रेखा गुप्ता अपने आधिकारिक आवास पर जनसुनवाई कार्यक्रम में लोगों की समस्याएं सुन रही थीं। उसी दौरान फरियादी के रूप में राजेश खिमजी वहां पहुंचा। पहले उसने एक शिकायती पत्र लहराते हुए सीएम से बात करने की कोशिश की, लेकिन अगले ही पल उसने अचानक आक्रामक रुख अपनाते हुए सीएम पर हमला करने की कोशिश की। पुलिस जांच में पता चला है कि आरोपी मानसिक रूप से अस्वस्थ है और सुप्रीम कोर्ट द्वारा आवारा कुत्तों को सड़कों से हटाने के फैसले से बेहद आहत था।
राजेश की मां ने पुलिस को बताया कि उनका बेटा मानसिक रूप से बीमार है और पिछले कुछ समय से मानसिक तनाव में रह रहा था। कोर्ट के फैसले के बाद वह काफी अस्थिर और चिड़चिड़ा रहने लगा था। राजेश के परिवार की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है– परिवार रिक्शा चलाकर जीवन यापन करता है।राजकोट में रहने वाले उसके पड़ोसी सुरेशभाई ने बताया कि राजेश को वे पिछले 5-6 वर्षों से जानते हैं और उन्होंने कभी उसे हिंसक या आक्रामक नहीं देखा। वह एक सरल और दयालु व्यक्ति है जो जानवरों से बहुत प्रेम करता था। अक्सर वह सड़कों पर कुत्तों और गायों को खाना खिलाते हुए दिखता था।
परिजनो के अनुसार, राजेश, सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को सड़कों से हटाने के आदेश से बेहद आहत हुआ था। उसे लगा कि इससे बेजुबान जानवरों के साथ अन्याय हो रहा है। इसी मानसिक असंतुलन और आक्रोश के चलते उसने सीएम रेखा गुप्ता से मिलने की कोशिश की — लेकिन अपनी भावनाओं पर काबू न रख पाने के कारण उसने जनसुनवाई के दौरान आक्रामक रुख अपना लिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घटना के बाद कार्यक्रम स्थल पर अफरा-तफरी मच गई और सुरक्षा अधिकारियों ने तुरंत आरोपी को काबू में ले लिया। पुलिस उसे हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है और उसके दस्तावेजों की भी जांच की जा रही है।