शिक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है, इसलिए एमसीडी स्कूलों के प्रिंसिपलों को ट्रेनिंग के लिए आईआईएम भेजा गया- अरविंद केजरीवाल*
नई दिल्ली,
दिल्ली के सरकार स्कूलों की तरह ही अब दिल्ली नगर निगम के स्कूलों में भी शिक्षा क्रांति की शुरूआत हो चुकी है। आईआईएम अहमदाबाद से सात दिवसीय ट्रेनिंग लेकर लौटे एमसीडी स्कूलों के 50 प्रिंसिपलों से बुधवार को सीएम अरविंद केजरीवाल ने संवाद किया। आईआईएम में प्रिंसिपलों को लीडरशीप, बच्चों को अच्छी शिक्षा देने और पैरेंट्स को भागीदार बनाने समेत कई महत्वपूर्ण टिप्स सीखने का अवसर मिला और उन अनुभवों को उन्होंने मुख्यमंत्री से साझा किया। सीएम अरविंद केजरीवाल ने प्रिंसिपलों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार के स्कूलों की तरह ही हम एमसीडी के स्कूलों को भी शानदार बनाएंगे। अब इस अभियान की शुरूआत हो चुकी है। शिक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। इसलिए हम लोगों ने एमसीडी स्कूलों के प्रिंसिपल को भी ट्रेनिंग के लिए भेजा। आईआईएम से लौटे प्रिंसिपलों के चेहरे पर जो जोश है, वही हमारी सबसे बड़ी जीत है। अभी तक सभी स्कूल अलग-अलग काम कर रहे थे, लेकिन अब एक परिवार बन जाएंगे और सभी एक मिशन के लिए काम करेंगे।
*आईआईएम से लौटे प्रिंसिपल अपने स्कूल में जो काम करेंगे, उसकी खुश्बू चारों तरफ फैलेगी- अरविंद केजरीवाल*
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आईआईएम से लौटे सभी प्रिंसिपल को उनके पड़ोसी स्कूल के प्रिंसिपल, टीचर्स और बच्चे सब देख रहे हैं। आप सभी को अब बहुत अच्छा करके दिखाना है, नहीं तो आईआईएम का नाम बदनाम हो जाएगा। अब आप अपने स्कूल में जो काम करेंगे, उसकी खुश्बू चारों तरफ फैलेगी और उसकी चर्चा चारों तरफ होगी। हालांकि पहले बैच में केवल 50 प्रिंसिपल ही गए थे लेकिन इसकी चर्चा पूरे स्कूलों में होगी कि उस स्कूल में बदलाव आने लग गए। आप न सिर्फ अपने, बल्कि आसपास के सभी स्कूलों में बदलाव के एजेंट बनने जा रहे हैं। आपको अपने आसपास के वातावरण के अंदर बदलाव लाना है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एमसीडी का पूरा सिस्टम बहुत हताश था। एमसीडी के सिस्टम के अंदर चारों तरफ अभी निराशा थी। उसे आशा में बदलना है। आज एक सबसे बड़ा बदलाव यह देखने को मिल रहा है कि सभी के चेहरे पर खुशी और जोश से भरे हुए हैं। यह एक बड़ी शुरूआत है। आप जो सीख कर आए हैं, वो बहुत महत्वपूर्ण है।
*हमें दिल्ली के एजुकेशन सिस्टम को दुनिया का सबसे बेहतरीन सिस्टम बनाना है- अरविंद केजरीवाल*
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कुछ लोगों ने कहा कि इतना खर्चा क्यों करते हैं? प्रिंसिपल और टीचर्स को आईआईएम भेजने की क्या जरूरत है? अभी तो हम प्रिंसिपल और टीचर को ट्रेनिंग के लिए विदेश भी भेजेंगे। दिल्ली सरकार के प्रिंसिपल को हम लंदन, सिंगापुर, फिनलैंड भेजते हैं। फिनलैंड का शिक्षा प्रणाली दुनिया भर में सबसे अच्छा माना जाता है। हम चाहते हैं कि हमारे प्रिंसिपल-टीचर्स दुनिया का सबसे अच्छा एजुकेशन सिस्टम देख कर आएं। क्योंकि हमें दिल्ली के एजुकेशन सिस्टम को भी दुनिया का सबसे बेहतरीन सिस्टम बनाना है। सरकार के अंदर इस बात पर विस्तार से चर्चा हुई कि इतना खर्चा करके प्रिंसिपल-टीचर्स को फिनलैंड और आईआईएम भेजने की क्या जरूरत है? आईआईएम के दो प्रोफेसर को दिल्ली बुलाकर ट्रेनिंग दिलवा दो। लेकिन इसमे जमीन-आसमान का फर्क है। आईआईएम में चार फैकल्टी ने यहां से गए प्रिंसिपल को पढ़ाया। अगर उन चार फैकल्टी को एमसीडी के स्कूलों में पढ़ाने के लिए भेज देते तो कुछ फायदा नहीं मिलता। प्रिंसिपल को वो एक्पोजर और अनुभव नहीं मिलता, जो बहुत महत्वपूर्ण है। उस अनुभव को सिर्फ महसूस किया जा सकता है, शब्दों में बया नहीं कर सकते हैं। आईआईएम जाकर वहां के टीचर्स, स्टूडेंट्स से मिले। फिर हमने कहा कि हम तो अपने प्रिंसिपल-टीचर्स को वहीं भेजकर ही ट्रेनिंग कराएंगे। भले ही पांच-सात दिन के लिए ही कराएं।
सभी बच्चों को अच्छीे से अच्छी शिक्षा देना सरकार की जिम्मेदारी है- अरविंद केजरीवाल*
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं जानता हूं कि सभी प्रिंसिपल-टीचर्स बहुत ही विपरित परिस्थितियों में काम कर रहे हैं। एमसीडी के स्कूलों की हालत बहुत खराब है। इंफ्रास्ट्रक्चर काफी खराब है। ऐसी परिस्थितियों में काम करना आसान नहीं है। सबसे बड़ी बात ये है कि अभी तक किसी ने स्कूलों की तरफ देखा ही नहीं। किसी भी सरकार में शिक्षा को महत्व नहीं दिया गया। आज तक कभी किसी ने ये नहीं कहा कि शिक्षा उसकी सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में से एक है। एमसीडी के प्रिंसिपल को आइआइएम भेजने के पीछे हमारा एक मकसद ये भी जताना है कि शिक्षा हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। हमने इंजीनियर या हार्टिकल्चर वालों को आईआईएम नहीं भेजा, बल्कि प्रिंसिपल को भेजा। इसलिए प्रिंसिपल और टीचर्स हमारी पहली प्राथमिकता है। सभी बच्चों को अच्छीे से अच्छी शिक्षा देना सरकार की जिम्मेदारी है। हम लोग इस विचारधारा में विश्वास करते हैं। अगर गरीब का बच्चा हमारे देश में पैदा हुआ है तो वो भी भारत का नागरिक है। उसके प्रति भी सरकार की जिम्मेदारी है कि उसको अच्छी शिक्षा मिले। गरीब परिवार में कोई बच्चा पैदा हो गया, तो उसमें उसका क्या कसूर है? इसलिए हम लोग चाहते हैं कि हमारे प्रिंसिपल और टीचर्स को अच्छा एक्सपोजर मिले।
*आईआईएम भेजने के बाद एमसीडी के एजुकेशन सिस्टम में बड़ा बदलाव आएगा- अरविंद केजरीवाल*
सीएम अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा कि आईआईएम भेजने के बाद एमसीडी के पूरे एजुकेशन सिस्टम के अंदर बड़ा बदलाव आएगा। धीरे-धीरे हम लोग एक परिवार बनते जाएंगे। आने वाले दिनों में इस प्रकार के ढेरों कार्यक्रम होंगे और हम सभी मिलकर एक टीम भावना से मिशन मोड में काम करेंगे। दो दिन पहले मैंने आईआईटी में पढ़ने गए दिल्ली सरकार के स्कूलों के बच्चों से मिला था। लगभग 1391 बच्चों ने नीट क्लीयर किया है। 723 आईआईटी जेईई के पेपर क्लीयर किए हैं। यह बहुत बड़ी बात है। वहां अपना अनुभव साझा करने वाला हर बच्चा सबसे पहले यही कहता था कि मेरे शिक्षक ने मेरी बहुत मदद की। हम तो शिक्षक को कुछ अतिरिक्त नहीं दे रहे हैं।
*आईआईएम से लौटे प्रिंसिपल एक बड़ी क्रांति का हिस्सा बनने जा रहे हैं- अरविंद केजरीवाल*
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारे टीचर्स के अंदर जो जज्बा पैदा हो गया है, वो अब धीरे-धीरे बहुत प्रभावशाली हो गया है। कई टीचर्स हैं, जो गरीब परिवार के बच्चों को अपने पैसे से किताब दिला देते हैं। अपने बच्चों को आगे बढ़ते देखने का जो संतोष है, उसको बया नहीं कर सकते हैं। आज भी मुझे मेरे टीचर्स के नाम याद हैं। बच्चे अपने टीचर को जिंदगी भर याद रखते हैं। टीचर्स को भी बच्चों से बहुत लगाव हो जाता है। मैं आज चुनौती के साथ कह सकता हूं कि जो संतोष हमारे दिल्ली सरकार के टीचर्स को मिल रहा है, मुझे नहीं लग रहा है कि किसी बड़े प्राइवेट स्कूल के टीचर्स को मिल रहा होगा। आईआईएम से ट्रेनिंग लेकर लौटे सभी प्रिंसिपल एक बहुत बड़ी क्रांति का हिस्सा बनने जा रहे हैं। इसके लिए सभी को ढेर सारी शुभकामनाएं हैं। हम उम्मीद करते हैं कि बहुत जल्द ही प्रिंसिपल को विदेश भी ट्रेनिंग के लिए भेजेंगे।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘‘दिल्ली सरकार के स्कूलों की तरह अब एमसीडी स्कूलों को भी शानदार बनाएंगे। अभियान की शुरुआत हो चुकी है, आज एमसीडी स्कूलों के उन सभी प्रिंसिपल से मुलाक़ात की, जो आईआईएम अहमदाबाद से ट्रेनिंग लेकर लौटे हैं।
*एमसीडी स्कूलों में गरीब परिवार के बच्चे पढ़ते हैं, ऐसे में प्रिंसिपलों की ज़िम्मेदारी और भी बढ़ जाती है- आतिशी*
प्रिंसिपल कल्पना राज ने कहा कि दिल्ली सरकार ने हमें सेलिब्रिटी बना दिया है। लोग हमसे पूछ रहे हैं कि हम वहां क्या सीख कर आए हैं। मैंने दो प्रमुख चीजें सीखी हैं। पहला, अपने स्कूल में मुझे बच्चों के पैरेंट्स को 100 फीसद भागीदार बनाना है। दूसरा, टीचर की क्षमता को पहचान कर उनके बीच काम को बांटना है, ताकि सभी अपना पूरा योगदान दे सकें।
*एमसीडी के स्कूल को प्राइवेट से भी अच्छा बनाना है- कृपाल सिंह*
प्रिंसिपल कृपाल सिंह यादव ने बताया कि वहां हमने अनुशासन सीखा। बच्चों और टीचर को प्रेरित करने को लेकर एक लीडरशिप प्रोग्राम सीखा है। इसे मैं अपने स्कूल में लागू करूंगा। मैं चाहता हूं कि एक साल में मेरे स्कूल में सुधार दिखाई देने लगे और पैरेंट्स को विश्वास दिलाना है कि अब एमसीडी के स्कूल प्राइवेट से भी अच्छे हैं।
*पहले हम कोई पहल करने से डरते थे, पर अब डर नहीं है- राम बाबू शर्मा*
प्रिंसिपल राम बाबू शर्मा का कहना है कि आईआईएम की ट्रेनिंग से हमारे अंदर बहुत ज्यादा आत्म विश्वास बढ़ा है। अब कोई भी पहल करने से पहले डरेंगे नहीं। अब हमें विश्वास है कि हमें पीछे से हमेशा सपोर्ट मिलेगा। पहले हम कोई भी पहल शुरू करने में डरते थे, लेकिन अब हमें कोई डर नहीं है। अब हमारा एक ही उद्देश्य बच्चों का उज्वल भविष्य बनाना है।
*हमने अब तक जो काम किया है, उसको कार्य रूप देना सीखा- राजेश्वर प्रसाद*
प्रिंसिपल राजेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि आईआईएम जाकर हमने अब तक जो काम किया था, उसको एक शब्द रूप देना सीखा है। जो हम लोग पढते थे, उसको एक कार्य रूप देना सीखा है। मैने वहां सीखा कि सबसे कमजोर और सबसे अच्छे बच्चे पर कैसे काम किया जाए। साथ ही पैरेंट्स पर कैसे काम करना है, जो उस भी काम करना सीखा।