दिल्ली के पहाड़ गंज में भू माफिया पर करोल बाग जोन बिल्डिंग डिपार्टमेंट के जूनियर इंजीनियर खास मेहरबान। आपसी मिलीभगत के चलते डीएमसी एक्ट के तहत नहीं करते कोई कानूनी कार्यवाही।

दिल्ली के वार्ड 82 पहाड़ गंज में करोल बाग जोन बिल्डिंग डिपार्टमेंट के जूनियर इंजीनियर की बिल्डर्स पर खास मेहरबानी है। मजाल हो कि JE पहाड़ गंज में बिल्डर्स के किसी अवैध निर्माण पर डीएमसी एक्ट के तहत कोई कानूनी कार्यवाही कर भी दे। बल्कि आम आदमी के निर्माण कार्य को JE साहब कानून का डर दिखा कर बार बार तोड़ने पहुंच जाते है। जबकि भू माफिया के अवैध निर्माणों पर लिखित शिकायत के बाबजूद उन साइट्स पर जाने से भी डरते है या फिर आपसी मिलीभगत के चलते उन अवैध निर्माण को ना तो वर्क स्टॉप नोटिस देने, ना बुक करने , ना डिमोलिशन ऑर्डर पास कराने, ना सील करने की कानूनी कार्यवाही की जरूरत समझते है।

ऐसा ही ताज़ा मामला मंटोला का है जहां सभी नियमों को ताक पर रखकर दिल्ली के पहाड़ गंज में प्रॉपर्टी संख्या 851 मंटोला चौक पर अवैध निर्माण बेरोकटोक चल रहा है। वही दूसरा मामला प्रॉपर्टी संख्या 8421 आर्य नगर पहाड़ गंज का है, जहा बेरोकटोक अवैध निर्माण चल रहा है। या यू कहे कि पहाड़ गंज वार्ड 82 में बिल्डर पर करोल बाग जोन बिल्डिंग डिपार्टमेंट के जूनियर इंजीनियर खास मेहरबान हैं। इस मामले में करोल बाग जोन के डिप्टी कमिश्नर को भी अवगत कराया गया लेकिन लगता है कि जूनियर इंजीनियर वर्मा डिप्टी कमिश्नर के आदेशों की परवाह किए बिना बस बिल्डर को संग्रक्षण दिए बैठे हैं। जहां साफ तौर पर दिल्ली हाई कोर्ट, NGT, दिल्ली सरकार के आदेशों की सरे आम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। MCD के कमिश्नर से लेकर डिप्टी कमिश्नर तक आंखे बंद किए बैठे हैं। वही करोल बाग जोन ,बिल्डिंग डिपार्टमेंट के JE, AE भू माफिया से आपसी गठजोड़ के चलते प्रशासन को ठेंगा दिखाते नजर आ रहे हैं।

अब देखना है कि क्या भू माफिया के इन अवैध निर्माणों और करोल बाग जोन बिल्डिंग डिपार्टमेंट के जूनियर इंजीनियर के विरुद्ध कोई कानूनी कार्यवाही होती भी है या नहीं ?

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