पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (19 सितंबर) को सभी पार्टियों के सांसदों के साथ पुराने संसद भवन से नई संसद भवन इमारत की तरफ मार्च किया। पुरानी संसद को अब संविधान सदन के नाम से जाना जाएगा।
इसके बाद पीएम ने लोकसभा को संबोधित किया। उन्होंने इस दौरान कहा कि इस पावन दिवस पर हमारा ये शुभारंभ संकल्प से सिद्धि की तरफ एक नए विश्वास के साथ यात्रा प्रारंभ करने का है। नए संसद भवन में सदन की पहली कार्यवाही आरंभ हुई।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि प्रत्येक देश की विकास यात्रा में ऐसे पत्थर के मील आते हैं, जब वो गर्व से कहता है कि आज के दिन हम सबने नया इतिहास रचा है। उन्होंने कहा कई नए सदन के प्रथम सत्र के प्रथम भाषण में वो बड़े विश्वास और गर्व से कह रहे हैं कि आज का ये क्षण, आज का ये दिवस इतिहास में अंकित होने वाला है। उन्होंने कहा कि केवल महिलाओं के विकास की बात पर्याप्त नहीं है, हमें मानव जाति की विकास यात्रा में नए पड़ाव को यदि प्राप्त करना है, राष्ट्र की विकास यात्रा में नई मंजिलों को अगर पाना है, तो ये जरूरी है कि ‘Women Led Development’ को हम बल दें।
पीएम मोदी ने बताया कि किस तरह महिला सशक्तिकरण की उनकी सरकार ने प्रत्येक योजना ने महिला नेतृत्व करने की दिशा में काफी सार्थक कदम उठाए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि ईश्वर ने पवित्र कार्य के लिए उन्हें चुना है। उन्होंने कहा कि, ‘अनेक वर्षों से महिला आरक्षण पर काफी सारी चर्चाएँ और वाद-विवाद हुए हैं। 1996 में पीएम देवेगौड़ा की सरकार में इससे संबंधित बिल पहली बार पेश हुआ था। पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में कई बार महिला आरक्षण बिल सदन में रखा गया, मगर उसे पास कराने के लिए आँकड़े नहीं जुटा पाए। जिसके चलते वो सपना अधूरा रह गया।’ इसके बाद मनमोहन सरकार ने भी इस बिल को पारित करने का प्रयास किया, उस समय यह राज्यसभा में तो पास हो गया, लेकिन लोकसभा में RJD, JDU और सपा के विरोध के कारण अटक गया। जब 15वीं लोकसभा भंग हुई, यानी मनमोहन सरकार गई, तो यह बिल भी रद्द हो गया। इसके बाद आज फिर सरकार ने नए संशोधनों के साथ महिला आरक्षण से संबंधित विधेयक को सदन में रखा है।
इसको लेकर पीएम मोदी ने कहा कि इसका उद्देश्य लोकसभा और विधानसभाओं में नारी शक्ति का विस्तार करना है। उन्होंने ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ को संसद में पेश किए जाने का ऐलान भी किया। उन्होंने इसके लिए देश की सभी माताओं-बहनों-बेटियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि इस बिल को कानून बनाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने सभी सांसदों से अनुरोध किया कि वो सर्वसम्मति से पास किया जाए। उन्होंने कहा कि जब ये विधेयक कानून बनेगा तो सभी महिलाओं को इसका फायदा होगा।
नए संसद भवन में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने पेश किया। जिसे ध्वनिमत के जरिए लोकसभा से पारित किया गया। दोनों सदनों से इस बिल के पारित होते ही संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसद आरक्षण निर्धारित हो जाएगा। यह बिल कानून बनने के बाद 15 वर्षों तक लागू रहेगा। हालांकि, संसद की सहमति से आरक्षण की समयसीमा बढ़ाई जा सकती है। बिल को पेश करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कानून बनने पर संसद में महिला सांसदों की संख्या 82 से 181 हो जाएगी।
इससे पहले पीएम मोदी ने कहा कि आज आधुनिक भारत और हमारे लोकतंत्र के प्रतीक नए संसद भवन का शुभारंभ हुआ है और सुखद संयोग है कि आज गणेश चतुर्थी का शुभ दिन है। उन्होंने बताया कि किस तरह भारत के नेतृत्व में G20 का असाधारण आयोजन, दुनिया में इच्छित प्रभाव के अर्थ में अद्वितीय उपलब्धियाँ हासिल करने वाला एक अवसर बना। उन्होंने कहा कि ये अवसर कई मायनों में अभूतपूर्व है। बकौल पीएम मोदी, आजादी के अमृतकाल का ये ऊषाकाल है और भारत अनेक सिद्धियों के साथ नए संकल्प लेकर, नए भवन में अपना भविष्य निर्धारित करने हेतु आगे बढ़ रहा है।