संवाददाता
नई दिल्ली, 8421 आर्य नगर, पहाड़ गंज में अवैध निर्माण की एक गंभीर घटना ने स्थानीय निवासियों के बीच चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। यहां एक निर्माणाधीन बिल्डिंग के मालिक ने बिजली के खंबे को बिल्डिंग में समेटने का प्रयास किया है, जिससे संभावित बड़े हादसे का खतरा उत्पन्न हो गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह की लापरवाहियों से किसी भी समय अनहोनी घटना घटित हो सकती है, जिसमें उनकी जान भी जा सकती है।इस मामले का एक बड़ा पहलू यह है कि बिल्डर माफिया , जो पहले भी विवादों में रहा है, बाराही माता मंदिर की जमीन पर अवैध कब्जा कर फ्लैट्स का निर्माण कर रहा है। यह तथ्य और भी चिंताजनक है कि इस अवैध निर्माण को लेकर अब तक किसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है। BSES और स्थानीय प्रशासन की चुप्पी इस गंभीर समस्या को और बढ़ा रही है। लोगों का मानना है कि यदि जल्द ही उचित कदम नहीं उठाए गए, तो यह क्षेत्र एक बड़े हादसे का गवाह बन सकता है।इस मामले में जब समाजसेवी मणि आर्य ने अवैध निर्माण की शिकायत की, तो भू माफिया, बिल्डर ने उन पर झूठी मानहानि का दावा किया गया। यह घटना न केवल कानून का मजाक उड़ाती है, बल्कि समाज में न्याय की कमी को भी दर्शाती है। मणि आर्य जैसे समाजसेवियों का लक्ष्य लोगों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा करना है, लेकिन इस तरह की कार्रवाई से उन्हें डराने की कोशिश की जा रही है।हाल ही में, बैंक के माध्यम से कोर्ट द्वारा सील की गई बिल्डिंग के संबंध में यह सामने आया है कि भू माफिया अब भी अपने अवैध फ्लैट्स या होटल के निर्माण में जुटा है। न केवल यह निर्माण अवैध है, बल्कि यहां तक कि सड़क का रास्ता भी बंद कर दिया गया है। स्थानीय निवासी शिकायत कर रहे हैं कि डीजल से चलने वाली लेंटर मशीन का उपयोग खुलेआम किया जा रहा है, जिससे न केवल अव्यवस्था फैल रही है, बल्कि स्थानीय लोगों की जिंदगी भी खतरे में पड़ गई है।स्थानीय निवासियों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए प्रशासन को तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है। लोगों ने कई बार प्रशासन और BSES से शिकायत की है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यह स्थिति इस बात का संकेत है कि स्थानीय प्रशासन की नजर इस गंभीर समस्या पर नहीं है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यदि प्रशासन और बिजली कंपनी अपने कर्तव्यों को नहीं निभाते हैं, तो उन्हें अपने जीवन की सुरक्षा के लिए खुद ही कदम उठाने होंगे।इस गंभीर मुद्दे पर स्थानीय नेताओं और समाजसेवियों की ओर से भी आवाज उठाई जा रही है। उन्हें उम्मीद है कि प्रशासन जल्द ही इस अवैध निर्माण के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा और लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता देगा। इस मामले को लेकर स्थानीय लोग जागरूकता फैलाने के लिए भी प्रयासरत हैं ताकि और लोग इस समस्या के प्रति सजग हों और अपनी आवाज उठा सकें। 8421 आर्य नगर पहाड़ गंज में घटित हो रही इस गंभीर अवैध निर्माण की घटना ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा किया है कि क्या एमसीडी ,प्रशासन और संबंधित विभाग अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में सक्षम हैं? वही एमसीडी का करोल बाग जोन का बिल्डिंग डिपार्टमेंट हमेशा से ही सवालों के घेरे में रहा है ? MCD करोल बाग जोन का बिल्डिंग डिपार्टमेंट के JE,AE द्वारा अभी तक डीएमसी एक्ट के तहत कानूनी कार्यवाही ना करना भी बिल्डर और बिल्डिंग डिपार्टमेंट का आपसी गठजोड़ साफ दर्शाता है, वही बीएसईएस के अधिकारियों का इस भ्रष्टाचार में लिप्त होना भी बिल्डर मोटी वसूली को उजागर करता नजर आता है। इस ओर ध्यान देते हुए स्थानीय निवासियों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है। जब तक इस प्रकार की अवैध गतिविधियों पर रोक नहीं लगाई जाती, तब तक स्थानीय निवासियों का जीवन खतरे में बना रहेगा।