विशेष संवाददाता चिमन लाल
रोहतक
पुलिस लाइन रोहतक मे आज डॉ रमेश वर्मा (प्रोफेसर मेडिसन विभाग पीजीआईएमएस), डॉ राजकुमार (सीनियर रैजिडेंट कम्युनिटी विभाग पीजीआईएमएस), डॉ योगेन्द्र मलिक पीजीआईएमएस व पुलिस लाइन अस्पताल के फार्मासिस्ट हरेन्द्र द्वारा जवानो को सीपीआर तकनीक की ट्रेनिंग दी गई। डॉ रमेश वर्मा की देखरेख मे डॉ. योगेन्द्र मलिक द्वारा जवानो को सीपीआर की ट्रैनिंग दी गई। डॉ रमेश ने बताया कि वर्तमान समय में अव्यवस्थित दिनचर्या, तनाव, गलत खान-पान, पर्यावरण प्रदूषण व अन्य कारणों के चलते हृदय की समस्याएं तेजी से बढ़ी है। छोटी उम्र से लेकर बुजर्गों तक में हृदय से जुड़ी समस्याएं होना अब आम बात हो गई है। डॉ योगेन्द्र मलिक ने जवानो को सीपीआर तकनीक का अभ्यास करवाया गया। उन्होने कहा कि सीपीआर तकनीक बहुत उपयोगी है जिसके बारे मे ज्ञान होना बहुत जरुरी है। जब भी कोई घटना होती है तो सबसे पहले पुलिस मौके पर पहुचती है। इसलिए पुलिस जवानो को सीपीआर तकनीक के बारे मे ज्ञान होना बहुत जरुरी है। कार्डियक अरेस्ट व्यक्ति को कभी भी किसी भी स्थान पर हो सकता है। पार्क में, स्कूल में, बाजार में, सड़क पर चलते समय कभी भी कोई व्यक्ति कार्डियक अरेस्ट का शिकार हो सकता है। अगर आपको सीपीआर तकनीक का ज्ञान है तो आप किसी को जीवनदान दे सकते है। जवानों को सी.पी.आर. व कार्डियक अरेस्ट बारे बताया कि किन-2 तरीकों से हम पीड़ित व्यक्ति की जान बचा सकते है। फार्मासिस्ट हरेन्द्र ने बताया कि यह एक प्राथमिक चिकित्सा तकनीक है जिसका उपयोग आप तब कर सकते है जब किसी व्यक्ति की सांस या हृदय गति रुक गयी हो। इस दौरान जवानो के बीपी व शुगर सम्बंधित जांच की गई। पुलिस जवानो को इस दौरान एक्सीडेंट मे घायल हुये व्यक्तियो को अस्पताल तक पहुंचाने व प्राथमिक उपचार देने बारे बताया गया। उन्होने बताया कि घायल व्यक्ति के मुंह मे खून है तो पहले उसे निकालना चहिये। हेड इंजरी मे घायल हुये व्यक्ति को कंधे के नीचे हाथ लगाकर उठाना चहिये। अगर ब्लीडिंग हो रही है तो उस जगह पर पट्टी बांधे। किसी व्यक्ति की कोई हड्डी टूट गयी है तो किसी फट्टे की मदद से उस जगह को बांध दे और उपचार के लिये अस्पताल मे भर्ती करवाये।