बढ़ते पॉल्यूशन पर बड़ा एक्शन, ठोंक दिया 10-10 लाख का जुर्माना

दिल्ली और एनसीआर इलाके में लगातार बढ़ता पॉल्यूशन लोगों की परेशानी का सबब बन रहा है. जिसे लेकर पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने बड़ा एक्शन लिया है. झज्जर के बहादुरगढ़ में कई विभागों पर 10-10 लाख का जुर्माना ठोंक दिया है. सोमवार को बहादुरगढ़ में AQI लेवल 457 दर्ज किया गया. ऐसे में यह लोगों के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी कर रहा है।

बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र यानी एनसीआर में एनजीटी ने ग्रेप-4 की पाबंदियां भी लागू कर दी गई हैं. इतना ही नहीं हरियाणा स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने बहादुरगढ़ में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया, पीडब्ल्यूडी और एचएसआईडीसी पर 10-10 लाख रूपये का जुर्माना लगाया है. यह जुर्माना लगातार बढ़ रहे प्रदूषण की रोकथाम के लिए लागू किए गए नियमों की अवहेलना किए जाने के कारण लगाया गया है. बहादुरगढ़ नगर परिषद और हरियाणा विकास प्राधिकरण को भी प्रदूषण रोकने के लिए उचित उपाय नहीं करने के लिए नोटिस भी थमाया गया है।

बहादुरगढ़ के वातावरण में पीएम 2.5 और पीएम 10 पार्टिकल्स की मात्रा बढ़ गई है. जिसके चलते आम लोगों को सांस लेने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बहादुरगढ़ में आज तापमान में भी गिरावट देखने को मिली है. यहां आज न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ठंडी हवा चल रही है. बढ़ती ठंड के चलते आने वाले कुछ दिनों तक प्रदूषण स्तर और बढ़ाने का अनुमान लगाया जा रहा है. हालांकि, बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए ग्रेप-4 की पाबंदियां लागू कर दी गई हैं. बीएस-4 और इससे नीचे के डीजल से चलने वाले हैवी व्हीकलस की एंट्री राजधानी दिल्ली में बंद कर दी गई है. तमाम तरह के निर्माण कार्य पर भी रोक लगाई गई है. इतना ही नहीं झज्जर जिले के डीसी प्रदीप दहिया आज पांचवी तक के स्कूलों की छुट्टियां करने पर भी फैसला ले सकते हैं।

झज्जर जिले में पराली जलाने के अब तक महज दो मामले ही सामने आए हैं. पराली जलाने वाले किसानों पर मामला दर्ज कर लिया गया है. झज्जर और बहादुरगढ़ में पराली ज्यादा बड़ी समस्या नहीं है. यहां प्रदूषण टूटी हुई सड़कों से उड़ने वाली धूल और निर्माण कार्यों की वजह से उठने वाली धूल से ज्यादा फैल रहा है. इतना ही नहीं औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण फैक्ट्री से दिन-रात उठने वाले धुएं की वजह से भी लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है. ऐसे में जिम्मेदार विभाग ना तो सड़कों पर पानी का छिड़काव करवा रहे हैं और ना ही मैन्युअल स्वीपिंग बंद की गई है।

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