बाल विकास केंद्र का उद्देश्य स्लम में रहने वाले बच्चों की पढ़ने-लिखने की ज़रूरतों को पूरा करते हुए उनका सर्वांगीण विकास करना- महिला एवं बाल विकास मंत्री आतिशी
दिल्ली में वंचित तबकों से आने वाले बच्चों की बेहतरी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए केजरीवाल सरकार ने मॉडल टॉउन विधानसभा में “बाल विकास केंद्र” का शुभारंभ किया। दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (DCPCR) द्वारा शुरू किए गए इस केंद्र का उद्घाटन महिला एवं बाल विकास मंत्री आतिशी ने किया। इस केंद्र का उद्देश्य स्लम में रहने वाले बच्चों की शैक्षिक ज़रूरतों को पूरा करना और उनके सर्वांगीण विकास के लिए हर ज़रूरी सुविधाएँ प्रदान करना है।
इस मौक़े पर महिला एवं बाल विकास मंत्री आतिशी ने कहा कि, डीसीपीसीआर का बाल विकास केंद्र, स्लम बस्तियों में रहने वाले बच्चों के लिए आशा की किरण के रूप में काम करेगा। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल का विज़न दिल्ली के बच्चों को सबसे अच्छी सुविधाएं प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन में दिल्ली के स्कूल बेहतर परिणामों के साथ निजी स्कूलों को भी पछाड़ते हुए विश्वस्तरीय बन गए हैं। अब सरकार का फोकस एमसीडी स्कूलों को विश्वस्तरीय बनाने और बच्चों की सीखने की जरूरतों के मुताबिक उन्हें विकसित करने पर है।
कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्री आतिशी ने माता-पिता से आग्रह करते हुए कहा कि वे अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य को सुनिश्चित करने की दिशा में उनकी पढ़ाई-लिखाई में सक्रिय रूप से भाग लें। उन्होंने कहा कि मैं जब भी स्कूलों में विजिट करने जाती हूं तो बच्चों की एक डिमांड रहती है कि हमे घर पर पढ़ने की जगह नहीं मिल पाती है।
उन्होंने कहा कि एक आम परिवार के घर में इतनी जगह नहीं होती की वो अपने बच्चों की पढ़ाई व खेलने के लिए अलग जगह दे पाए | इसलिए ये बाल विकास केंद्र इन बच्चों के लिए बहुत खास है। बच्चे इस केंद्र पर स्कूल ख़त्म होने के बाद आ सकते है। जहां उन्हें पढ़ने- खेलने और हर दिन कुछ नया सीखने की जगह मिलेगी।
महिला एवं बाल विकास मंत्री आतिशी ने कहा कि ये बाल विकास केंद्र दिल्ली के बच्चों और जनता को समर्पित है। उन्होंने अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि इस केंद्र में उनकी भागीदारी ज़रूरी है इसलिए वे सभी अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए इस केंद्र का इस्तेमाल जरूर करें।
उन्होंने कहा कि अक्सर बच्चों की माएँ कहती है कि वो कम पढ़ी लिखी है, ऐसे में वो अपने बच्चों के पढाई में कैसे भागीदार बन सकती है। तो उन उन सभी माताओं को कहना चाहती हूं कि बेशक वो पढ़ी-लिखी न हो लेकिन रोज़ाना कम से कम अपने बच्चों के लिए आधे घंटे का समय निकाल कर उनसे पूछे कि उन्होंने स्कूल में क्या किया, क्या ऐक्टिविटीज़ की। आपके रोज़ाना के इस आधे घंटे के टाइम से बच्चों पर बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
महिला एवं बाल विकास मंत्री आतिशी ने कहा कि बच्चों को अच्छी शिक्षा देना केजरीवाल सरकार की जिम्मेदारी है। लेकिन अपने बच्चों को समय देना और बच्चे पढाई पर ध्यान दे वो माता -पिता की जिम्मेदारी है | और जब सरकार और आप मिलकर जिम्मेदारी निभाएंगे तो बच्चे को सफल होने से कोई नहीं रोक सकता |
बता दें कि बाल विकास केंद्र में बच्चों को विभिन्न सुविधाएँ मिलेंगी। यहाँ क्रेच भी मौजूद है जिसमें वर्किंग पैरेंट्स दिन के समय अपने बच्चों को बिना किसी डर के एक सुरक्षित वातावरण में रख सकेंगे।साथ ही यहाँ बच्चों को क्वालिटी अर्ली चाइल्डहुड एजुकेशन मिल सकेगी।
सलाम बालक ट्रस्ट के सहयोग से स्थापित किए गए इस बाल विकास केंद्र में बच्चों को शैक्षिक संसाधनों तक पहुँचने, सीखने के लिए ऑनलाइन शिक्षण प्लेटफार्मों का इस्तेमाल करने और डिजिटल साक्षरता कौशल विकसित करने के लिए एक कंप्यूटर रूम भी मौजूद है। इसके अतिरिक्त बच्चों के शारीरिक और मनोवैज्ञानिक विकास के लिए केंद्र में बच्चों के लिए विभिन्न खेलों को भी शामिल किया गया है।