यदि कोई लाइट ख़राब हुई तो कंट्रोल रूम के जरिए अपने आप पता चल जाएगा और उसे तुरंत बदल दिया जाएगा- अरविंद केजरीवाल
नई दिल्ली,
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में महिला सुरक्षा के मद्देनजर बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत दिल्ली सरकार द्वारा पूरी दिल्ली में स्मार्ट स्ट्रीट लाइटें लगाकर सभी डॉर्क स्पॉट को खत्म करेगी। इन लाइटों को सेंट्रलाइज्ड नियंत्रित किया जाएगा। अब अगर कोई भी स्ट्रीट लाइट खराब हुई तो उसकी सेंट्रलाइज्ड निगरानी की जाएगी। इससे बिजली की खपत भी कम होगी। कैबिनेट मंत्री आतिशी ने मंगलवार को दिल्ली सचिवालय में स्मार्ट स्ट्रीट लाइट पॉलिसी को सीएम अरविंद केजरीवाल के सामने पेश किया, जिसे सीएम ने अपनी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि महिला सुरक्षा की दिशा में दिल्ली सरकार बड़ा कदम उठा रही है। पीडब्ल्यूडी की सभी सड़कों पर स्मार्ट-स्ट्रीट लाइट योजना लागू की जाएगी। इसकी निगरानी के लिए एक कंट्रोल रूम बनेगा। कोई लाइट ख़राब हुई तो अपने आप पता चल जाएगा और उसे तुरंत बदल दिया जाएगा।
दिल्ली सचिवालय में मंगलवार को हुई बैठक के दौरान पीडब्ल्यूडी विभाग ने सीएम अरविंद केजरीवाल के समक्ष स्मार्ट स्ट्रीट लाइट योजना को लेकर प्रेजेंटेशन दिया। पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने योजना के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए अवगत कराया कि वर्तमान में मौजूदा स्ट्रीट लाइट्स की टेक्नॉलॉजी आउटडेटेड होने के चलते स्पेयर पार्ट्स आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाते है। वहीं, ऊर्जा की बेहद ज्यादा खपत होती थी। ऐसे में ज्यादा खपत से बिजली के बिलों में काफी ज्यादा खर्च आता था। इसके अलावा मौजूदा स्ट्रीट लाइट्स की मॉनिटरिंग मैनुअल तरीके से की जाती है और रियल टाइम मॉनिटरिंग न होने के कारण शिकायतों का निस्तारण उचित समय पर नहीं हो पाता। इसलिए दिल्ली के विभिन्न इलाकों में 90,953 स्मार्ट स्ट्रीट लाइट्स लगाई जाएगी। इससे दिल्ली में डार्क स्पॉट खत्म होंगे और महिलाओं के साथ अंधेरी जगहों पर वारदातों को खत्म करने में यह योजना कारगर साबित होगी।
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले कुछ समय में महिला संबंधी काफी अपराध सामने आए हैं। ऐसे में महिला अपराध को रोकने में दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में जितने भी काम है, वो सारे काम किए जा रहे हैं। महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध दिल्ली सरकार स्मार्ट स्ट्रीट लाइट्स के जरिए डॉर्क स्पॉट्स खत्म करेगी। दिल्ली सरकार ने स्मार्ट स्ट्रीट लाइट पॉलिसी के लिए एनर्जी सर्विस कंपनी (ईस्को) मॉडल को अपनाया है। इसके तहत स्मार्ट लाइटों को सेंट्रलाइज्ड नियंत्रित किया जाएगा। इससे फायदा यह होगा कि किसी लाइट के खराब होने पर कंट्रोल रूम को पता चल जाएगा और उसे फौरन ठीक कर दिया जाएगा। कई सड़कों पर दिन में भी लाइट जलती रहती है। इस योजना के लागू होने पर बिजली की बर्बादी भी रुकेगी। वहीं, दिल्ली की विद्युत मंत्री आतिशी का कहना है कि पूरी दिल्ली में अब एलईडी स्मार्ट स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएंगी। इन लाइटों को सेंट्रलाइज्ड नियंत्रित किया जाएगा। अब अगर कोई भी स्ट्रीट लाइट खराब हुई तो उसकी सेंट्रलाइज्ड निगरानी की जाएगी। इसके बाद दिल्ली में कोई भी ब्लैक स्पॉट नहीं बचेंगे।
ईस्को मॉडल से सरकार को होंगे ये फायदे*
एनर्जी सर्विस कंपनी (ईस्को) मॉडल के तहत पीडब्ल्यूडी की ओर से भुगतान किए गए बिजली बिल में करीब 50 फीसद की कमी होगी। बिजली बिल में बचत और मेंटेनेंस लागत का हिस्सा कन्सेशनर के साथ साझा किया जाएगा। कुल 90,953 स्मार्ट एलईडी स्ट्रीटलाइट्स में से 59,572 पारंपरिक लाइटों को स्मार्ट एलईडी लाइटों से बदला जाएगा और 31,381 मौजूदा एलईडी लाइटों को स्मार्ट स्ट्रीट लाइट बनाया जाएगा। ईस्को एजेंसी ही 7 वर्षों के लिए रखरखाव का खर्च वहन करेगी।
*कंट्रोल रूम से की जाएगी निगरानी*
स्मार्ट मॉनिटरिंग के लिए सेंट्रलाइज्ड कंट्रोल मॉनिटरिंग सिस्टम और इंडिविजुअल लाइट मॉनिटरिंग सिस्टम की स्थापना की जाएगी। कमांड सेंटर में ऑपरेशनल स्टेटस, बिजली की खपत, फिसी फॉल्ट का पता लगाना, लाइट की इंटेसिटी, ऐतिहासिक डेटा लॉगिंग, भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) एकीकरण आदि की मॉनिटरिंग की जाएगी। टाइमर और शेड्यूलिंग, डिमिंग कंट्रोल, अलार्म सूचनाओं की भी जानकारी मिलेगी। बता दें कि भारत के अंदर महाराष्ट्र के ठाणे नगर निगम, पश्चिम बंगाल में कोलकाता नगर निगम और नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) सहित कई अन्य छोटे शहरों ने भी इस्को मॉडल को अपनाया है।
*ईस्को मॉडल के तकनीक के फायदे*
इस मॉडल के तहत नवीनतम तकनीक इस्तेमाल कर इंडस्ट्री की बेस्ट प्रेक्टिसिज को अपनाया जाएगा, जिससे रियायतग्राही को फायदा होगा। साथ ही रियल टाइम मॉनिटरिंग की जाएगी। एलईडी लाइट्स फिक्चर के साइज में वृद्धि के बिना उच्च रोशनी का स्तर प्रदान करेगी। ये सेंसर बेस्ड लाइट्स जरूरत के हिसाब से ऑटोमेटिकली चालू या बंद होगी। इनके लगने के बाद बिजली के बिलों में भारी कमी की उम्मीद है। क्योंकि ऊर्जा की कम खपत इस्को मॉडल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके अलावा आईओटी और जीपीएस के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि स्मार्ट लाइट हमेशा कनेक्टेड रहें और सेंट्रलाइज नेटवर्क को डेटा और स्थिति की रिपोर्ट करें।