शिव महापुराण को सुनने से मनुष्य सब पापों से मुक्त हो जाता है ; प्रवीण दीक्षित महाराज
अशोक कुमार निर्भय
नई दिल्ली। मादीपुर गांव पक्की चौपाल में शिव महापुराण अमर कथा सप्ताह कलश यात्रा के साथ आरंभ हुआ। सुबह सैंकड़ों महिला श्रद्धालुओं ने श्री श्याम मंदिर मादीपुर से कलश उठाकर परिक्रमा गाजे – बाजे के साथ करते हुए कथा स्थल पर स्थापित किया। कथा के पहले दिन कोकिलावन मथुरा से पधारे प्रवीण दीक्षित जी महाराज ने व्यासपीठ से महापुराण के पूजन के उपरांत अपने आशीर्वचनों में शिवपुराण महाम्त्य पर प्रकाश डालते हुए कहा, भगवान शिव के इस शिव महापुराण को सुनने से मनुष्य सब पापों से मुक्त हो जाता है तथा इस जीवन में बड़े-बड़े उत्कृष्ट भोगों का उपभोग करके अंत में शिव लोक को प्राप्त कर लेता है।
प्रवीण दीक्षित जी महाराज ने बताया, यह शिवपुराण नामक ग्रंथ चौबीस हजार श्लोको से युक्त है। इसकी सात संहिताएं हैं। मनुष्य को चाहिये कि वह भक्ति, ज्ञान और वैराग्य से संपन्न हो, बढ़े आदर से इसका श्रवण करे। सात संहिताओं से युक्त यह दिव्य शिवपुराण परब्रह्म परमात्मा के समान विराजमान है, और सबसे उत्कृष्ट गति प्रदान करने वाला है।
महाराज श्री ने अपने प्रवचन में कहा जो प्रतिदिन आलस्य रहित हो रेशमी वस्त्र आदि के वेष्ठन से इस शिवपुराण का सत्कार करता है, यह सदा सुखी होता है। यह शिवपुराण निर्मल तथा भगवान शिव का सर्वस्व है। जो इहलोक और परलोक में भी सुख चाहता हो, उसे आदर के साथ प्रयत्न पूर्वक इसका सेवन करना चाहिए। यह निर्मल एवं उत्तम शिव पुराण धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष रूप चारों पुरुषार्थो को देने वाला है। अतः सदा प्रेमपूर्वक इसका श्रवण और विशेष पाठ करना चाहिए।
इस अवसर पर आयोजनकर्ता समिति एवं मादीपुर गांव के सभी निवासीगण और सैंकड़ों महिलाएं और युवाओं ने भगवान शिव के जयकारों से पूरा कथा स्थल पंडाल गुंजायमान कर दिया।