वृंदावन की होली पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। हर साल लाखों लोग यहां होली का उत्सव देखने, खेलने और स्थानीय लोगों के उत्साह को महसूस करने आते हैं।
यहां होली का जश्न एक सप्ताह पहले से ही शुरू हो जाता है, जिसमें देश ही नहीं विदेशी पर्यटक भी बड़ी संख्या में जुटते हैं। इस साल अगर आप भी वृंदावन की होली में शामिल होने की सोच रहे हैं तो हम आपकी मदद कर सकते हैं।
बांके बिहारी मंदिर – अगर आप तीन दिन की यात्रा पर यहां आते हैं तो आप बांके बिहारी मंदिर से होली के दौरान वृंदावन की यात्रा शुरू कर सकते हैं। यहां की होली पूरी दुनिया में मशहूर है और होली की सबसे ज्यादा रौनक भी इसी मंदिर के आसपास दिखाई देती है।
इस्कॉन मंदिर – बांके बिहारी मंदिर के पास स्थित इस्कॉन मंदिर के आसपास भी पर्यटकों का जमावड़ा देखा जाता है. सफेद टाइल्स से बने इस खूबसूरत मंदिर में फूलों की होली होती है। लोग एक-दूसरे पर रंग-बिरंगे फूल और पंखुड़ियां बरसाते हैं और गोपाल भजन के साथ खुशियां बांटते हैं।
प्रेम मंदिर- प्रेम मंदिर को वृंदावन के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक माना जाता है। आप इस मंदिर परिसर से अपनी दूसरे दिन की यात्रा शुरू कर सकते हैं। सफेद संगमरमर से बने इस खूबसूरत मंदिर परिसर में भगवान कृष्ण के सभी रूपों को प्रदर्शित किया गया है। यहां लाखों सैलानी मंदिर के बाहर होली मनाते नजर आते हैं।
गोविंद देव जी मंदिर – गोविंद देव जी मंदिर यहां के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। यह मंदिर सात मंजिल का है जो पत्थरों से बना है। हालांकि, यहां सिर्फ 3 फ्लोर ही बचे हैं। यहां भी होली धूमधाम से मनाई जाती है।
कृष्ण जन्मस्थली – अंतिम दिन आपको कृष्ण जन्मस्थली का भ्रमण अवश्य करना चाहिए। यहां भी होली के कई दिन पहले से रौनक नजर आने लगती है और गली-गली में लोग रंग गुलाल खेलते नजर आते हैं। आप एक पर्यटक के रूप में भी आंतरिक परिसर में प्रवेश कर सकते हैं और यहां होली खेल सकते हैं। यह जगह रेलवे स्टेशन के काफी करीब है।