पिछले 8 सालों में दिल्ली की शिक्षा प्रणाली में आए बदलाव ने छात्रों और शिक्षकों में केजरीवाल सरकार के स्कूलों को लेकर स्वामित्व और गर्व की भावना विकसित की- शिक्षा मंत्री आतिशी
उन्हें वर्ल्ड क्लास एक्सपोज़र दिया। उन्हें शिक्षा में वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं से अवगत कराया। इससे हमारे शिक्षक सशक्त और प्रेरित हुए तथा उनमें अपने स्कूलों के प्रति समर्पण का भाव जगा जिससे दिल्ली की शिक्षा क्रांति ने नई ऊँचाइयों को छुआ।
शिक्षा मंत्री ने साझा करते हुए कहा कि, दिल्ली सरकार अपने स्कूलों में पैरेंट्स को सक्रिय रूप से सीखने की प्रक्रिया में शामिल करती है और स्कूल तथा पैरेंट्स के बीच के गैप को भरने का काम करती है। इस दिशा में हमने मेगा पेरेंट्स-टीचर मीटिंग्स (मेगा पीटीएम) की शुरुआत की। जिसने पैरेंट्स को शिक्षकों के साथ सीधे बातचीत करने कका मौक़ा दिया। साथ ही स्कूल प्रबंधन समिति(एसएमसी) के सदस्य के रूप में पैरेंट्स दिल्ली सरकार के स्कूलों में कई महत्वपूर्ण निर्णय लेने और विभिन्न पहलों के सफल कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभा रहे है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि, इन परिवर्तनकारी प्रयासों के परिणाम आज पूरे विश्व के सामने है। दिल्ली सरकार के स्कूल पिछले कई सालों से लगातार बोर्ड परीक्षाओं में निजी स्कूलों से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। हर साल हमारे स्कूलों से 1,000 से अधिक छात्र जेईई और नीट जैसी प्रतिष्ठित परीक्षाएँ क्वालीफाई करते हैं और देश भर के टॉप इंजीनियरिंग और मेडिकल संस्थानों में दाख़िला लेते हैं।
उन्होंने साझा किया कि सरकार ने स्टेम, 21st सेंचुरी हाई एंड स्किल्स, परफार्मिंग एंड विज़ुअल आर्ट्स, ह्युमैनिटिज सहित विभिन्न डोमेन के लिए स्कूल ऑफ़ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस की शुरुआत की है। और इस साल केवल 4,400 सीटों के लिए लगभग 92,000 आवेदन आए जो दिल्ली के पैरेंट्स में केजरीवाल सरकार के स्कूलों के लिए बढ़ते विश्वास को दिखाता है।
शिक्षा मंत्री आतिशी ने साझा किया कि सरकार ने शिक्षा के लिए एक समग्र दृष्टिकोण अपनाया और विभिन्न माइंडसेट करिकुलम की शुरुआत की। पिछले चार वर्षों में इसने हैप्पीनेस करिकुलम, एंत्ररेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम और देशभक्ति पाठ्यक्रम लॉन्च किया। एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम के माध्यम से, छात्रों को वास्तविक दुनिया की चुनौतियों का समाधान खोजने, नवाचार को बढ़ावा देने और उद्यमशीलता की भावना पैदा करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। सरकार ने एंटरप्रेन्योरशिप करिकुलम के हिस्से के रूप में बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम भी शुरू किया,और छात्रों को अपने स्टार्ट अप के लिए 2000 रुपये प्रति छात्र के सीड मनी दी ताकि वे अपने बिजनेस आइडियाज को हकीकत में बदल सकें। इन पहलों की उल्लेखनीय सफलता ने कई स्टूडेंट बेस्ड स्टार्टअप को जन्म दिया है, और हमारे स्कूलों से नौकरी माँगने वालों की जगह नौकरी देने वालों की फ़ौज तैयार हो रही है।
दिल्ली के शिक्षा मॉडल को पंजाब ने हाल ही में अपनाना शुरू किया है और केवल एक साल में, राज्य भर के करीब 100,000 छात्र निजी स्कूलों से सरकारी स्कूलों में चले गए हैं। उन्होंने कहा, “दिल्ली और अब पंजाब की शिक्षा व्यवस्था में बदलाव इस बात का उदाहरण है कि अगर सरकारें बदलाव लाना चाहती हैं तो बदलाव निश्चित रूप से संभव है।”
मंत्री आतिशी ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा प्रणालियों के बदलाव के लिए न केवल सुलभ, उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा की आवश्यकता है, बल्कि कक्षाओं के भीतर जो पढ़ाया जाता है उसमें भी बड़े बदलाव की आवश्यकता है। और दिल्ली की शिक्षा क्रांति ने इसे संभव कर दिखाया है।