समानता और मानवीय गरिमा के लिए डॉ. अंबेडकर का संघर्ष सदैव रखा जाएगा याद :- उपायुक्त धीरेंद्र खडग़टा

विशेष संवाददाता चिमन लाल

जयंती पर डॉ. अंबेडकर को नमन करते हुए उपायुक्त ने कहा, संविधान निर्माता और सामाजिक न्याय के प्रतीक थे डॉ. अम्बेडकर

रोहतक

उपायुक्त धीरेंद्र खडग़टा ने कहा है कि डॉ. बी आर अंबेडकर का अथक संघर्ष पीढियों को प्रेरित करता रहेगा। डॉ अंबेडकर की जयंती पर उन्हें नमन करते हुए उपायुक्त ने कहा कि उन्होंने समानता और मानवीय गरिमा के लिए लंबा संघर्ष किया। डॉ अंबेडकर संविधान निर्माता और सामाजिक न्याय के प्रतीक थे। उन्हें भारतीय संविधान का शिल्पकार भी कहा जाता है। उपायुक्त ने कहा डॉ. अंबेडकर की जयंती पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा वासियों को दस हजार करोड़ रुपए की परियोजनाओं की सौगात भी दी है।
उपायुक्त धीरेंद्र खडग़टा ने कहा कि डॉ भीमराव अंबेडकर जयंती को समानता दिवस के रूप में जाना जाता है और असमानता को खत्म करने के लिए उनकी प्रतिबद्धता को याद किया जाता है। धीरेंद्र खटखटा ने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने एक ऐसी सामाजिक व्यवस्था की वकालत की, जिसमें किसी व्यक्ति का दर्जा उसकी योग्यता और उपलब्धियों के आधार पर निर्धारित किया जाता है और कोई भी व्यक्ति अपने जन्म के कारण महान या अछूत नहीं होता। उन्होंने देश को सामाजिक रूप से दलित और आर्थिक रूप से शोषित आबादी के साथ तरजीही व्यवहार के लिए तर्क दिया। उनके योगदान बहुआयामी थे, जिनमें कानूनी सुधारों से लेकर सामाजिक सक्रियता और राजनीतिक नेतृत्व तक शामिल थे। उन्होंने कहा कि डॉ बी आर अंबेडकर ने अपना जीवन भारत में सामाजिक न्याय और हाशिए पर पड़े समुदायों के सशक्तिकरण के लिए समर्पित कर दिया। सामाजिक न्याय के लिए उनके प्रयास परिवर्तनकारी थे और उन्होंने भारत में हाशिए पर पड़े समुदायों के सशक्तिकरण और मुक्ति की नींव रखी। उनकी विरासत दुनियाभर में समानता, सामाजिक न्याय और मानवाधिकारों के लिए आंदोलनों को प्रेरित करती रहती है। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब एक दूरदर्शी समाज सुधारक, न्यायविद, अर्थशास्त्री और राजनीतिज्ञ थे, जो भारत के संविधान के मुख्य वास्तुकार थे। डॉ. अंबेडकर ने वंचित समुदायों के हितों की रक्षा की। सामाजिक न्याय, समानता और लोकतंत्र पर उनके विचार आज भी पीढिय़ों को प्रेरित करते हैं।

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