अमर शहीद पुलिस जवानों की शहादत को कभी भुलाया नही जा सकता: डॉ अर्पित जैन आईपीएस, एसपी झज्जर
झज्जर पुलिस के शहीद जवानों के परिजनों का किया गया सम्मान
झज्जर:
झज्जर पुलिस द्वारा आज पुलिस लाईन में पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर शहीद पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों की याद में श्रृद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। स्मृति दिवस के उपलक्ष में विशेष रूप से आयोजित कार्यक्रम के दौरान पुलिस अधीक्षक झज्जर डॉ अर्पित जैन ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इस अवसर पर डीएसपी मुख्यालय झज्जर अनिल कुमार, डीएसपी सिटी झज्जर शमशेर सिंह, डीएसपी बेरी प्रदीप कुमार, डीएसपी बहादुरगढ़ धर्मबीर सिंह, डीएसपी विजय कुमार, डीएसपी गुलाब सिंह, जिला कल्याण निरीक्षक धर्मबीर सिंह, जिला के सभी थाना प्रबंधक, चौकी प्रभारी व अन्य पुलिस जवान मौजूद रहे। पुलिस स्मृति दिवस सभा की अध्यक्षता एवं मंच संचालन उप पुलिस अधीक्षक झज्जर शमशेर सिंह द्वारा किया गया। पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि पुलिस अधीक्षक झज्जर डॉ अर्पित जैन व अन्य पुलिस अधिकारियों ने बीते एक वर्ष के दौरान भारतवर्ष में शहीद हुए पुलिस जवानों को पुष्प चक्र अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि दी। स्मृति सभा के दौरान अपने संबोधन में एसपी डॉ अर्पित जैन ने कहा कि पुलिस जवान जिन्होंने अपने कर्तव्य को निभाते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है, उनकी याद में प्रतिवर्ष पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है। इस दिन पूरे भारतवर्ष में अपने कर्तव्य का पालन करते हुए शहीद हुए पुलिस जवानो की शहादत को याद किया जाता है। देश व समाज सेवा करने का संकल्प लिया जाता है। जिन वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति देकर देश सेवा की है, उनसे प्रेरणा लेकर देश व समाज सेवा करने का प्रण लिया जाता है। पुलिसकर्मी अपनी जान को जोखिम में डालकर लोगों की रक्षा करने का काम करते है। पुलिस के जवान बिना थके बिना रुके समाज की भलाई के लिए कार्य करते हैं। पुलिस का जवान अपनी जान की परवाह ना करते हुए हमेशा अपनी ड्यूटी पर तत्पर रहता है।
उन्होंने कहा कि पुलिस के जवानों की शहादत को कभी भुलाया नही जा सकता। पुलिस स्मृति दिवस कार्यक्रम में शहीद पुलिसकर्मियों को श्रृद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने बताया कि 21 अक्टूबर वर्ष 1959 में लद्दाख में स्थित हाटस्प्रिंग नामक स्थान पर तैनात भारतीय पुलिस कर्मियों की एक टुकड़ी पर चीनी सैनिकों ने अचानक हमला कर दिया था। हमले से अपनी पुलिस पोस्ट की सुरक्षा करते हुए वीर पुलिस जवानों ने अपने प्राणों की आहुति देकर शौर्य की परम्परा व गाथा को कायम रखा। इसीलिए उन महान शहीदों की स्मृति में और उनका अनुसरण करने वाले तथा भारतवर्ष में विभिन्न पुलिस बलों के शहीद अधिकारियों व कर्मचारियों के सम्मान में प्रत्येक वर्ष 21 अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस का आयोजन किया जाता है। प्रत्येक वर्ष भारत के अलग-2 राज्यो से पुलिस जवानों का चयन किया जाता है। चयनित जवानों का दल हाटस्प्रिंग पर जाकर वीर जवानों को सलामी व श्रद्धांजलि देता है।
उन्होंने बताया कि पुलिस में तैनात रहते हुए असामाजिक/आपराधिक तत्वों से लड़ते हुए अपने प्राणों की कुर्बानी देकर पुलिस विभाग का नाम रोशन करने वाले पुलिस कर्मियों को याद किया गया। शहीद जवानों की एक के बाद एक शौर्य गाथा का शब्दों में वर्णन किया गया। शहीद हुए सभी पुलिस कर्मियों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए अपने फर्ज को बखूबी निभाया है। उनके द्वारा दी गयी कुर्बानी कभी नहीं भुलाई जा सकती। पूरे भारतवर्ष में 01.09.2022 से 31.08.2023 तक शहीद हुए 189 पुलिस जवानों की शहादत को याद करते हुए उन्हें श्रृद्धांजलि अर्पित की गई। अपने फर्ज एवं कर्तव्य की राह पर चलकर जिन पुलिसकर्मियों ने अपने प्राणों की आहुति दी उनकी शहादत को सदैव याद रखा जाना चाहिए। जब भी कोई किसी प्रकार की कानून व्यवस्था संबंधित घटना या दुर्घटना होती है तो मौका पर पहुंच कर सबसे पहले पुलिस के जवान ही अपनी जान जोखिम में डालकर आमजन की सुरक्षा करने के लिए तत्पर रहते हैं। प्रत्येक पुलिसकर्मी को अपना कार्य पूरी कर्तव्य परायणता एवं आमजन के साथ मिलकर सेवा भावना से करना चाहिए। बीते एक वर्ष के दौरान भारतवर्ष में शहीद हुए 189 पुलिस जवानों की शहादत को याद करते हुए श्रृद्धांजलि दी गई। पुलिस सशस्त्र गार्द द्वारा शोक सलामी देते हुए दो मिनट का मौन रखा गया। इसके पश्चात जिला पुलिस में तैनात पुलिसकर्मियों द्वारा पुष्प अर्पित कर शहीद हुए पुलिस जवानों को श्रद्धांजलि दी गई।
पुलिस स्मृति दिवस के उपलक्ष में पुलिस लाइन झज्जर में आयोजित श्रद्धांजलि सभा के दौरान पुलिस अधीक्षक झज्जर डॉ अर्पित जैन द्वारा झज्जर जिला से संबंधित शहीद हुए पुलिस जवानों डीएसपी अशोक कुमार, उपनिरीक्षक दिनेश कुमार, मुख्य सिपाही बिजेंद्र सिंह, सिपाही राकेश कुमार, सिपाही संजय कुमार तथा सिपाही शेर सिंह का स्मरण करते हुए उनके परिजनों को सम्मान स्वरूप उपहार भेंट करते हुए सम्मान किया गया।