हाई वोल्टेज बिजली के तारों की सुरक्षा को नजर अंदाज कर बिल्डर ने किया अवैध निर्माण* 

विक्रम गोस्वामी /मणि आर्य 

नई दिल्ली। आर्य नगर पहाड़गंज में प्रॉपर्टी संख्या 8421 के आसपास हाई वोल्टेज बिजली के तारों की सुरक्षा को नजर अंदाज करते हुए एक बिल्डर ने अवैध निर्माण किया है, जिससे स्थानीय निवासियों के लिए खतरा बढ़ गया है। यह मामला तब और गंभीर हो गया जब इस बिल्डर के खिलाफ पहले से ही शिकायतकर्ता को जान से मारने की धमकी देने का केस दर्ज है। इसके बावजूद, बिल्डर अपनी गतिविधियों से बाज नहीं आ रहा है और इलाके में खतरनाक स्थिति उत्पन्न कर रहा है।इस अवैध निर्माण की वजह से आसपास के लोगों की जान को खतरा हो सकता है। स्थानीय निवासियों में डर और चिंता का माहौल बना हुआ है, लेकिन प्रशासन, जिसमें दिल्ली नगर निगम और बिजली विभाग शामिल हैं, पूरी तरह से मौन बना हुआ है। उनकी इस लापरवाही से लोग नाराज हैं और समझ नहीं पा रहे हैं कि उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए किस पर भरोसा करना चाहिए।समाजसेवी और “क्राइम हिलोरे” समाचार पत्र के प्रबंध संपादक मणि आर्य ने इस मुद्दे पर आवाज उठाई है। उन्होंने बिल्डर के खिलाफ जांच की मांग की है और लोगों को जागरूक करने की कोशिश की है। मणि आर्य के प्रयासों के बाद बिल्डरों ने उन्हें धमकी देना शुरू कर दिया, लेकिन उन्होंने अपनी आवाज को दबने नहीं दिया। इसके अलावा, बीएसईएस से भी उन्हें प्रलोभन मिलने की सूचना है, लेकिन मणि आर्य ने भ्रष्टाचार के खिलाफ खुलकर बोलने का संकल्प लिया है।स्थानीय निवासियों ने भी मणि आर्य के समर्थन में आवाज उठाई है और उन्होंने एकजुट होकर प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है। लोगों का कहना है कि जब तक इस बिल्डर के खिलाफ ठोस कदम नहीं उठाए जाएंगे, तब तक उनकी जान और संपत्ति को खतरा बना रहेगा। मणि आर्य ने सरकार और संबंधित विभागों से अनुरोध किया है कि वे इस मामले को गंभीरता से लें और अवैध निर्माण को रोकने के लिए तुरंत कार्रवाई करें।इस मामले ने स्थानीय समुदाय में एकजुटता को बढ़ावा दिया है, और लोग अब जागरूक हो रहे हैं कि उन्हें अपने अधिकारों के लिए आवाज उठानी चाहिए। मणि आर्य ने कहा कि यह सिर्फ उनका अकेला मामला नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज की समस्या है। उन्होंने सभी से अपील की है कि वे इस मुद्दे पर ध्यान दें और मिलकर संघर्ष करें।इस मामले ने यह भी दिखाया है कि जब भ्रष्टाचार और अवैध निर्माण की बात आती है, तो प्रशासन की लापरवाही से लोगों की जान को खतरा होता है। अब देखना यह है कि क्या प्रशासन और संबंधित विभाग इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान देंगे और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। मणि आर्य की पहल और स्थानीय निवासियों की एकजुटता से यह उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इस मामले में उचित कार्रवाई होगी। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो स्थानीय लोग सड़कों पर उतरने को मजबूर हो सकते हैं, और यह स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।

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