रोहतक मंडल आयुक्त पीसी मीणा ने खेतों में फसल गिरदावरी का किया निरीक्षण

विशेष संवाददाता चिमन लाल

डीसी ने टैब में दर्ज डेटा का खेतों में खड़ी फसल से किया मिलान

झज्जर

रोहतक मंडल आयुक्त पीसी मीणा ने जिला में गेहूं व सरसों फसलों की गिरदावरी का निरीक्षण किया और सजरा से फसलों का मिलान भी किया। इस दौरान डीआरओ प्रमोद चहल व संबंधित राजस्व अधिकारी भी मौजूद रहे। उन्होंने राजस्व विभाग एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि फसलों की गिरदावरी का कार्य बेहद गंभीरता के साथ किया जाए। क्योंकि फसल गिरदावरी रिपोर्ट किसानों की हित में नीति निर्माण में एक अहम रिपोर्ट होती है। उन्होंने कहा कि गिरदावरी कार्य अनुदान आधारित कृषि योजनाएं बनाने, खरीद प्रक्रिया और भंडारण की समुचित व्यवस्था करने के लिए महत्वपूर्ण है सरकार फसलों के उत्पादन का अनुमान लगाकर किसानों के हित में कृषि एवं आर्थिक नीति तय करती है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं अथवा किसी अन्य कारणों से किसानों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचता है, तो इस स्थिति में किसानों को आर्थिक मदद देने के लिए भी फसल गिरदावरी का कार्य किया जाता है। मंडल आयुक्त ने बताया कि गिरदावरी खेती से जुड़ी एक अहम प्रक्रिया है, जो साल में दो बार रबी और खरीफ की फसल के दौरान की जाती है। गिरदावरी का कार्य पटवारी द्वारा किया जाता है। इसमें फसल से संबंधित जानकारी को राजस्व विभाग में दर्ज किया जाता है, जैसे कितने रकबे में कितनी और कौन सी फसल की बुआई की गई है। पटवारी अपने एरिया के किसानों के पास जाकर जानकारी को इकठ्ठा करके गिरदावरी रिपोर्ट को तैयार करता है। पहले खेत से जुड़ी हुई जानकारी को कागज पर लिखते थे, लेकिन अब सरकार द्वारा पटवारियों को टैब उपलब्ध करवाए गए हैं और पटवारी मौके पर जाकर टैब से गिरदावरी का कार्य करके डाटा एकत्रित करता है। उन्होंने कहा कि पटवारी द्वारा की गई गिरदावरी की जांच उन्होंने मौके पर जाकर की है और मिलान किया है।

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