केजरीवाल सरकार के स्कूलों के 45 छात्रों ने जेईई मेन्स में 98 परसेंटाइल से ऊपर अंक हासिल किए हैं, दो  छात्रों ने किए 99.98 पर्सेंटाइल हासिल

मदद मिली है| 

डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया सिसोदिया ने कहा कि आज चर्चा में बच्चों से यह जानकार बेहद ख़ुशी हुई कि उनके शिक्षकों ने तैयारी के दौरान उन्हें बहुत सपोर्ट किया है और स्कूल के टाइम के बाद भी फ़ोन के माध्यम से किसी भी संदेह को ख़त्म करने में उनकी मदद की| साथ ही यह भी बहुत सराहनीय बात है कि हमारे प्रिंसिपलों ने आउट ऑफ़ द बॉक्स जाते हुए अपने स्कूलों में रीडिंग रूम जैसे प्रयास शुरू किए है, जहां छात्र रात 8 बजे तक स्कूल में रहते हुए परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं। 

डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा, जेईई मे 98 पर्सेंटाइल से ज्यादा लाकर दिल्ली सरकार के स्कूलो का नाम रौशन करने वाले बच्चों से मुलाकात की। अरविंद केजरीवाल जी के विजन के तहत बच्चो को अपने स्कूल मे ही शानदार कोचिंग मिल रही है। इसने साबित कर दिया है बच्चो को अब कोटा जाने की जरूरत नही है कोटा ही हमारे स्कूलो मे आ गया है।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, “जब हमारे बच्चे पढ़ लिखकर कामयाब होंगे तो वो देश को भी आगे बढ़ाएँगे। दिल्ली के इन बच्चों की इस शानदार कामयाबी में उनके साथ उनके पैरेंट्स, सभी टीचर्स और दिल्ली की पूरी टीम एजुकेशन की जी-तोड़ मेहनत का भी बहुत बड़ा योगदान है। सभी को बधाई।”

उल्लेखनीय है कि डॉ. बी.आर. अम्बेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस (एएसओएसई) के लिए यह पहला साल था जहाँ स्टेम डोमेन के छात्रों ने जेईई परीक्षा दी थी और उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया| इसपर ख़ुशी जताते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह बेहद गर्व की बात है कि केजरीवाल सरकार द्वारा दो साल पहले शुरू हुए स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस के पहले बैच ने ही जेईई में झंडे गाड़ दिए है। एसओएसई के पहले बैच में से 253 बच्चों ने  जेईई का एग्जाम दिया था, जिसमें से से 109 बच्चों ने जेईई मेंस क्वालीफाई किया है। हमने जिस विजन के साथ इन स्कूलों को शुरू किया गया था, वह छात्रों की इन उपलब्धियों से पूरा हो रहा है।

*डिप्टी सीएम के साथ छात्रों ने साझा किए अपने अनुभव*

इस दौरान छात्रों ने उपमुख्यमंत्री के साथ अपने अनुभव साझा किए। अपने अनुभव साझा करते हुए 99.98 पर्सेंटाइल लाने वाले जीएसबीवी, राधेश्याम पार्क के छात्र आस्तिक नारायण ने कहा कि स्कूल के शिक्षकों और मेरे पिता ने मेरी तैयारी के दिनों में सबसे अधिक योगदान दिया। सरकारी स्कूलों में आज प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए जो सुविधाएं मिल रही हैं, उससे मुझे बहुत मदद मिली है। जहां तक मेरी तैयारी का सवाल है| मैं हमेशा अगले दिन की कार्ययोजना पहले से ही तय कर लेता हूं और उसका पूरी ईमानदारी से पालन करता हूं। आस्तिक ने 8वीं कक्षा में कैलकुलस पर एक किताब भी लिखी है।

एसओएसई खिचड़ीपुर के छात्र ने अनुभव साझा करते हुए कहा कि मेरे पिताजी मोबाइल रिपेयरिंग की दूकान पर काम करते है| मैं दसवीं के बाद ही जेईई की तैयारी करना चाहता था लेकिन जब मैं कोचिंग के लिए संस्थानों पर पूछने गया तो पता चला कि ये कोचिंग बहुत महंगी है| मैं दिल्ली सरकार को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि जिस कोचिंग के लिए मैं बाहर फीस नहीं चूका सकता था वही कोचिंग आज मुझे मेरे स्कूल में फ्री मिल रही है| 

एक अन्य छात्र अमन ने साझा करते हुए कहा कि, मुझे 10वीं तक जेईई के बारे में कोई जानकारी नहीं थी| पिताजी एक सिक्यूरिटी गार्ड है तो घर में भी इसके बारे में किसी को ज्यादा जानकारी नहीं थी| लेकिन स्कूल में टीचर्स के सपोर्ट-गाइडेंस और लाइब्रेरी से मिले अच्छे स्टडी मटेरियल की बदौलत मैं इतने अच्छे पर्सेंटाइल के साथ मेंस की परीक्षा पास कर पाया| 

गणित में 100 पर्सेंटाइल और कुल मिलाकर 99.98 पर्सेंटाइल लाने वाले सर्वोदय विद्यालय, डॉ. अम्बेडकर नगर सेक्टर V, के छात्र गौरव कुमार, ने कहा, “हम दिन के किसी भी समय शिक्षकों से अपने संदेह पूछ सकते हैं। यहां तक कि अगर हमारे पास जेईई प्रश्नपत्रों के संबंध में कुछ आउट ऑफ सिलेबस प्रश्न थे, तो हमारे शिक्षकों ने इसे हल करना सुनिश्चित किया।

99.51 पर्सेंटाइल हासिल करने वाली मुस्कान ने कहा, ‘पहले जेईई की परीक्षा देने का मेरा कोई इरादा नहीं था। लेकिन फिजिक्स और गणित में मेरे मार्क्स को देखने के बाद, मेरे क्लास टीचर ने मुझे इसके लिए प्रेरित किया। यह मेरा पहला प्रयास था और मैंने बिना किसी कोचिंग के परीक्षा दी। मेरे लिए स्कूल में टीचर्स से मिला सपोर्ट और सेल्फ-स्टडी जेईई मेंस को क्रैक करने के लिए पर्याप्त थे।”

शुभम गुप्ता, सर्वोदय को-एड विद्यालय, सेक्टर-8, रोहिणी ने कहा, “प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए हमारे स्कूल के लाइब्रेरी की हाई-एंड किताबों से मुझे बहुत मदद मिली है| साथ ही हमारे स्कूल में रीडिंग रूम की सुविधा है, जहाँ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र-छात्राएँ शाम को 8 बजे तक रुक कर पढाई कर सकते हैं। स्कूलों से मुझे जेईई की तैयारी के लिए स्टडी मटेरियल और मुफ्त कोचिंग क्लासेज मिली जिससे मुझे 99.78 पर्सेंटाइल हासिल करने में मदद मिली है।”

छात्रों ने उपमुख्यमंत्री के साथ साझा किया कि, एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम जैसे पाठ्यक्रम ने भी उन्हें अपनी परीक्षाओं की बेहतर तैयारी करने में मदद की है। एक छात्र ने साझा किया कि “असफलताओं से पीछे हटना” जो उसने ईएमसी कक्षाओं में सीखा, जिसने उसकी तैयारी के दिनों में सबसे अधिक मदद की है। ईएमसी ने उन्हें विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में भागीदारी बढ़ाने और अपनी पूरी क्षमता का एहसास कराने में मदद की है।

ज्ञात हो कि इन 45 छात्रों के अलावा, दिल्ली सरकार के स्कूलों में ऐसे छात्रों की बहुत बड़ी संख्या है जिन्होंने जेईई मेन्स में 90 पर्सेंटाइल से ऊपर अंक प्राप्त किए हैं और जेईई एडवांस के लिए क्वालीफाई कर चुके है|

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