नगर निगम की ओर से घरों से कूड़ा उठाने के बदले यूजर चार्ज वसूलने के मामले में सियासत गरमाई

अब दिल्ली में अब घर का कूड़ा सियासत का सामान बन गया है। नगर निगम की ओर से घरों से कूड़ा उठाने के बदले यूजर चार्ज वसूलने के मामले में राजधानी में सियासत गरमा गई है। आप और भाजपा आमने-सामने हैं।आप ने इस मामले पर सड़कों पर उतरने की बात की है।

बीते मंगलवार को आप ने निगमायुक्त से चार्ज लागू करने की अधिसूचना को तत्काल वापस लेने की मांग की, जबकि भाजपा पार्षदों ने मेयर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर यूजर चार्ज का विरोध किया। दोनों ही दल एक-दूसरे पर जनता पर बोझ डालने और भ्रम फैलाने के आरोप लगा रहे हैं। आप का आरोप है कि भाजपा सरकार बिजली-पानी और स्कूलों के नाम पर पहले ही जनता को परेशान कर रही है, अब एमसीडी के जरिये नया टैक्स थोप रही है।

एमसीडी में नेता प्रतिपक्ष सरदार राजा इकबाल सिंह के नेतृत्व में पार्षदों ने मेयर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि यूजर चार्ज एमसीडी की आप सरकार के निर्देश पर लगाया गया है, जो जनता पर बोझ डालने की तैयारी में है। जब एमसीडी में भाजपा सरकार थी तो यूजर चार्ज लागू नहीं होने दिया गया था। अब आप सरकार जाते-जाते जनता पर अतिरिक्त टैक्स थोप रही है। भाजपा पार्षदों ने चेतावनी दी है कि यदि तीन दिन में यूजर चार्ज वापस नहीं लिया गया तो वे सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे।

आप ने नगर निगम आयुक्त से कूड़ा उठाने पर यूजर चार्ज लेने के लिए जारी अधिसूचना को तत्काल वापस लेने की मांग की है। मंगलवार को आयोजित प्रेसवार्ता में आप के एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि मेयर ने कमिश्नर को विस्तृत आदेश दिया है कि वे तत्काल यूजर चार्ज की अधिसूचना को वापस लेकर निरस्त करें, लेकिन अफसर बता रहे हैं कि हाउस टैक्स के जरिये यूजर चार्ज लागू करने के लिए भाजपा का उन पर बहुत दबाव है।

अगर यूजर चार्ज लेने का आदेश वापस नहीं होगा तो आप आंदोलन करेगी। उन्होंने कहा कि जब आप सरकार थी तो कूड़े पर शुल्क लगाना रोक रखा था, लेकिन रविवार को आननफानन में एमसीडी सदन में बिना कोई प्रस्ताव लाए और मेयर को बिना जानकारी दिए यूजर चार्ज लेने की अधिसूचना जारी कर दी गईं। सोमवार को मेयर महेश खींची ने कमिश्नर को विस्तृत आदेश जारी कर कहा कि यूजर चार्ज को तुरंत निरस्त किया जाए।

वहीं, मेयर ने कहा कि आयुक्त और निगम अधिकारियों ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के तहत ये यूजर चार्ज लगाए गए हैं और इसे हाउस टैक्स के साथ जोड़ा गया है। इसे हर साल हाउस टैक्स के साथ लिया जाएगा। यह गलत है। हम इसका विरोध करते हैं। ये प्रस्ताव 2016 से केंद्र सरकार लाई थी।

एमसीडी ने घर-घर से कूड़ा उठाने की सेवा पर यूजर चार्ज लागू कर दिया है, लेकिन हकीकत यह है कि बहुत से इलाकों में लोगों को यह सेवा या तो समय पर नहीं मिल रही या फिर कई-कई दिन तक ऑटो टिप्पर नहीं आता। इनका रूट और समय भी तय नहीं है। ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि जब नियमित सेवा ही नहीं है तो फिर शुल्क वसूलने का क्या औचित्य है। लोगों का कहना है कि शहर के अनेक क्षेत्रों में कूड़ा उठाने वाले ऑटो टिप्पर कभी आत हैं तो कभी नहीं।

दरअसल, एमसीडी निजी कंपनियों के माध्यम से कूड़ा उठवाती है। कंपनियों ने घरों से कूड़ा उठाने के लिए 2500 ऑटो टिप्पर लगा रखे हैं, जबकि दिल्ली में लगभग 40 लाख मकान हैं जिनसे रोजाना कचरा निकलता है। ऐसे में अगर गणना की जाए, तो हर टिप्पर को प्रतिदिन 1600 घरों से कूड़ा उठाना चाहिए, जो व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है। यही कारण है कि कई बार हफ्ते में एक बार ही यह सेवा उपलब्ध होती है। एक ऑटो टिप्पर एक दिन में 250 मकानों का ही कूड़ा उठा पाता है।

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