बिहार के मुख्य सचिव बने अमृत लाल मीणा

राजस्थान के करौली जिले के है मूल निवासी

किसान के घर में जन्मे, सरकारी विद्यालय में शिक्षा प्राप्त कर बने IAS
जाने कौन हैं अमृत लाल मीणा ?

किसी भी आईएएस अफसर के लिए मुख्य सचिव बनना उनके करियर के लिए सबसे महत्वपूर्ण पद में से एक होता है। अब इस दौड़ में वरिष्ठ आईएएस अमृतलाल मीणा भी शामिल हो गए हैं। भारतीय प्रशासन सेवा के अधिकारी अमृतलाल मीणा को बिहार का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया गया हैं। शनिवार को सामान्य प्रशासनिक विभाग की ओर से इसकी अधिसूचना जारी कर दी गयी। मुख्य सचिव बनने के बाद अमृतलाल मीणा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके सरकारी आवास एक आणे मार्ग पर जाकर मुलाकात की। इस दौरान सेवानिवृत्त मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा भी मौजूद रहे।

बिहार के मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने दूरभाष पर मदन मोहन भास्कर को जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार के कार्यक्रमों और कल्याणकारी योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाना उनकी प्राथमिकता रहेगी। उनका लक्ष्य यही रहेगा कि अंतिम पंक्ति के लोगों को योजनाओं का लाभ मिले और साथ ही सभी विभागों में बेहतरीन समन्वय स्थापित करने और विकास के कार्यों की गति तेज करने पर भी गंभीरता से पहल की जायेगी।

कोयला सचिव सहित कई महत्वपूर्ण पदों पर निभा चुके हैं जिम्मेदारी

अमृतलाल मीणा कोयला सचिव के रूप में एक नवंबर 2022 से पोस्टेड है। इसके पहले यहाँ OSD के रूप में भी तैनात रहे थे। अमृतलाल 10 सितंबर 2021 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गए थे। दिल्ली प्रतिनियुक्ति पर 19 अक्टूबर 2022 तक कॉमर्स एंड इंडस्ट्री प्रमोशन का इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड के स्पेशल सेक्रेटरी रहे।फिलहाल केंद्रीय कोयला सचिव के पद पर कार्यरत थे, लेकिन केंद्र सरकार ने उन्हें उनके मौजूदा पद से मुक्त कर वापस मूल कैडर यानी बिहार भेज दिया है। मीणा बिहार के मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भी रहे। प्राप्त जानकारी के अनुसार बिहार सरकार ने केंद्र सरकार से अमृत लाल मीणा को बिहार भेजने का अनुरोध किया था। ये लंबे समय तक बिहार के कई विभागों के लिए बेहतरीन काम कर चुके हैं। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने से पहले वो बिहार के मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भी रह चुके हैं, केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने के पहले वह बिहार में पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव थे। इसके पूर्व वह नगर विकास एवं आवास विभाग तथा पंचायती राज विभाग का दायित्व भी संभाल चुके हैं।इसके अलावा वे ग्रामीण विकास विभाग, कृषि विभाग और पथ निर्माण विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभागों में प्रधान सचिव और अपर मुख्य सचिव के पद पर भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। वरीयता को ध्यान में रख कर उन्हें मुख्य सचिव बनाया गया है। इनके पास 35 साल का प्रशासनिक अनुभव भी हैं। केंद्र में ग्रामीण विकास मंत्री रहे रघुवंश प्रसाद सिंह के सचिव भी रहे हैं। अब उन्हें बिहार के मुख्य सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मीणा 31 अगस्त 2025 को रिटायर होंगे। सेवानिवृत्त मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा भी 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। 04 मार्च 2024 से ये मुख्य सचिव के रूप में कार्यरत हैं। नए मुख्य सचिव के नाम को लेकर विगत एक माह से कई तरह के कयास लगाये जा रहे थे। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से अलग भारतीय प्रशासनिक सेवा के जिन अधिकारियों के नाम वरीयता की वजह से चर्चा है, उनमें विकास आयुक्त, चैतन्य प्रसाद प्रमुख है। वह 1990 बैच के हैं।

3 बार मिला नेशनल अवार्ड

आईएएस अमृतलाल मीणा को 2003, 2013 और 2014 में विभिन्न योजनाओं में उत्कृष्ट कार्य करने पर नेशनल अवार्ड मिल चुके है।मीणा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गतिशक्ति योजना के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भागीदारी रही हैं।

एसडीओ से मुख्य सचिव बनने तक का सफर

अमृतलाल मीणा की पहली पोस्टिंग वर्ष 1991 में सब डिविजनल ऑफीसर के तौर पर हुई। लिंक्डईन प्रोफाइल के अनुसार इसके बाद उन्हें वर्ष 1993 में डीसी बनाया गया। इसके बाद ये 9 वर्षों तक कई जिलों में डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के पद पर कार्यरत रहे। बाद में वर्ष 2004 में सेंट्रल डेपुटेशन पर ग्रामीण विकास मंत्रालय में कैबिनेट मंत्री के पद के तौर पर दिल्ली में रहे हैं।

दो सहपाठी बने दो राज्यों के मुख्य सचिव

बिहार के नव नियुक्त मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा और तमिलनाडु के मुख्य सचिव शिवदास मीणा दोनों सहपाठी रह चुके है। जिन्होंने पढ़ाई भी साथ साथ की, कोटा शहर में एक ही कमरे में साथ साथ रहे, MNIT में चयन भी एक ही साथ हुआ और इंजीनियरिंग भी साथ ही उत्तीर्ण की, सौभाग्य की बात ये हुई कि यूपीएससी में चयन भी एक ही साथ हुआ और अब दोनों सहपाठी दो राज्यों के मुख्य सचिव बन गये। ये बेहद खुशी की बात है ।

करौली में सबसे पहले मनरेगा की थी शुरुआत

वर्ष 2005 में केंद्र सरकार द्वारा राजस्थान के आठ जिलों में मनरेगा योजना की शुरुआत की थी। उस वक्त अमृतलाल मीणा ग्रामीण विकास मंत्रालय में केंद्रीय मंत्री के निजी सचिव थे। जिनके प्रयास से ही करौली जिले में मनरेगा योजना संचालित हुई थी।

गाँव के सरकारी विद्यालय से हासिल की शिक्षा

बिहार के चीफ सेक्रेटरी बनाए गये सीनियर आईएएस अमृतलाल मीणा
के छोटे भाई शरद कुमार मीणा ने बताया कि बड़े भैया बचपन से ही पढ़ाई में होशियार थे। उनकी शुरुआती शिक्षा गाँव के ही सरकारी स्कूल से हुई और आठवीं तक इसी सरकारी विद्यालय में पढ़े। इसके बाद वह पढ़ाई के लिए गंगापुर सिटी चले गए। इसके बाद उन्होंने मालवीय नेशनल इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी (एमएनआईटी) जयपुर से इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बी.ई. की डिग्री हासिल की। इसके बाद वर्ष 1989 में यूपीएससी के जरिए आईएएस में उनका चयन हो गया। पिताजी की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण गरीबी में जीवन यापन करना पड़ा था।पिताजी अमर लाल कहते थे कि
‘कम खाओ, मगर अपने बच्चों को जरूर पढाओ। शिक्षा से ही बदलाव सम्भव है।’
पिताजी ने किसान होते हुए भी सभी भाई और बहिन को शिक्षा के प्रति जागरूक किया और आज पिताजी और माताजी की ही प्रेरणा का असर जो किसान का बेटा मुख्य सचिव बना है।

पत्नी का हमेशा मिला साथ

कहते है कि किसी भी सफलता के पीछे पत्नी का हाथ होता है। ऐसा ही यहां हुआ। बर्फी देवी ने बताया कि मैंने अपने पति का हमेशा कदम कदम पर साथ दिया है। मैं गृहणी महिला हूं। मैंने पोष्टिक आहार से लेकर दैनिक जीवन की हर जरूरत का ध्यान रखा। बर्फी देवी ग्रेजुएट है और इनका मायका गंगापुर जिले के कटकड गाँव में है जो शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी है।

राजस्थान के करौली जिले के है मूल निवासी

करौली जिले के सपोटरा उपखण्ड के गाँव डाबरा के रहने वाले है। अनुसूचित जनजाति समुदाय के ये दूसरे आईएएस अफसर है जो ब्यूरोक्रेसी के मुखिया बने है।
इससे पहले जयपुर निवासी शिवदास मीणा को तमिलनाडु का मुख्य सचिव बनाया गया था। अमृतलाल मीणा को बिहार प्रदेश का मुख्य सचिव नियुक्त करने पर गाँव जिले में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के लोगों में खुशी की लहर छाई हुई है। सोशल मीडिया से लेकर परिजनों को घर जाकर लोग बधाई दे रहे हैं। बधाई
देने वाला का तांता लगा हुआ है। लोग अमृतलाल मीणा के मुख्य सचिव बनने पर मिठाई खिलाकर जश्न मना रहे है। जिले में किसी त्योहार जैसा माहौल बना हुआ है। अमृतलाल मीणा पर्यावरण के प्रति रुचि रखते है इसलिए उन्होनें डाबरा के प्रसिद्ध क्षेत्रपाल धाम को विकसित करने में अपनी अहम भूमिका निभाई और आज भी पैतृक गाँव से जुड़े हुए हैं। बिहार में मुख्य सचिव बने अमृतलाल मीणा पाँच भाई- बहनों में सबसे बड़े हैं। उनके दो संतान है। जिसमें लड़का एमबीए कर रहा है जबकि लड़की लखनऊ एम्स में पीजी कर रही है। उनका छोटा भाई भरत लाल जयपुर एफसीआई में मैनेजर पद है। तीसरा भाई शरद कुमार मीणा सार्वजनिक निर्माण विभाग में अधिशासी अभियंता है। चौथा भाई रामअवतार पावर ग्रिड दौसा में डीजीएम है और बहिन सरिता का देवली में पैट्रोल पंप व जयपुर में होटल का व्यवसाय है।

लेखक

मदन मोहन भास्कर
हिण्डौन सिटी, करौली
मो. 9783900300

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