बच्चों के अटेंडेंस को बढ़ाने से लेकर स्कूल में पढ़ाई और अनुशासन का बेहतर माहौल तैयार करने तक प्रिंसिपलों ने दिए शानदार सुझाव, शिक्षा मंत्री से मिली सराहना- कहा प्रिंसिपलों के ये सुझाव नई नीतियाँ बनाने में कारगर साबित होंगे
नई दिल्ली
मौजूदा सत्र में केजरीवाल सरकार के स्कूलों में सीखने संबंधी लक्ष्य और रणनीति तय करने के लिए शिक्षा मंत्री आतिशी ने बुधवार को दिल्ली सरकार के स्कूलों के प्रिंसिपलो के साथ संवाद किया| सर्वोदय को-एड विद्यालय कालकाजी में आयोजित इस कार्यक्रम में दिल्ली सरकार के स्कूलों के 250 से अधिक स्कूल के स्कूल प्रमुखों ने भाग लिया।
इस मौके पर प्रिंसिपलों से चर्चा करते हुए शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि, प्रिंसिपल होना एक बहुत ही चुनौती भरा कार्य है लेकिन उनके काम और मेहनत की बदौलत हजारों बच्चों की जिन्दगी संवरती है| उन्होंने आगे कहा कि किसी भी स्कूल में सबसे बड़े बदलाव लाने का काम वहां के प्रिंसिपल ही कर सकते है| प्रिंसिपल स्कूल का जिस दिशा में नेतृत्व करेंगे स्कूल में वैसे बदलाव ही देखने को मिलेंगे| उन्होंने कहा कि एक प्रिंसिपल का व्यक्तित्व जैसा होता है स्कूल का वातावरण भी वैसा ही होता है|
शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्कूल में और बच्चों के जीवन में जमीनी स्तर पर बदलाव लाने का काम प्रिंसिपल ही करते है| यहाँ सरकार और शिक्षा विभाग ग्राउंड स्टाफ के रूप में काम करता है| उन्होंने कहा कि सरकार नीतियाँ बनाती है, सुविधाएँ मुहैया करवाती है, विज़न देती है लेकिन उसे हकीकत में बदलने का काम प्रिंसिपल करते है| और हमें गर्व है कि हमारे प्रिंसिपलों के इसी मेहनत की बदौलत आज दिल्ली सरकार के स्कूलों की चर्चा देश-विदेश में हो रही है|
संवाद के दौरान प्रिंसिपलों ने साझा किया कि कैसे अनूठे तरीकों को अपनाते हुए उन्होंने अपने स्कूलों में बच्चों के अटेंडेंस को बढ़ाया, व्यक्तिगत रूप से ध्यान देते हुए बच्चों के रिजल्ट में सुधार किया, उनकी आदतों को बदलने का काम किया, टीचर्स को गाइड किया और स्कूल में सीखने सीख्नाने का शानदार माहौल तैयार किया| स्कूल में बेहतर वातावरण बनाने के लिए प्रिंसिपलों द्वारा उठाए गए क़दमों की शिक्षा मंत्री ने सराहना की|
इसपर शिक्षा मंत्री ने कहा कि, प्रिंसिपल केवल एडमिनिस्ट्रेटर नहीं स्कूल के अकेडमिक लीडर भी होता है| ऐसे में एक लीडर के रूप में शिक्षकों और बच्चों से सुझाव लेते हुए प्रिंसिपल का काम अपने स्कूलों में सीखने का शानदार वातावरण तैयार करना होता है और मुझे ख़ुशी है कि दिल्ली सरकार के स्कूलों के प्रिंसिपलों इस दिशा में काम कर रहे है|
उन्होंने स्कूल प्रमुखों को निर्देश दिया कि सभी स्कूल प्रमुख अब अपने स्कूल में स्कूल की बिल्डिंग, साफ़-सफाई, क्लासरूम की सुन्दरता, माहौल और बच्चों की पढ़ाई के स्तर को लेकर मिनिमम बेंचमार्क तैयार करें| उन्होंने कहा पिछले 8 सालों में सरकार ने स्कूलों पर काफी काम किया है और शिक्षा का एक शानदार मॉडल दिया है| लेकिन अब ये स्कूल प्रमुखों की जिम्मेदारी है कि वह अपनी जबाबदेही तय करने हुए अपने स्कूल के लिए स्वयं एक न्यूनतम बेंचमार्क तैयार करें और ये सुनिश्चित करें कि हर बच्चे का लर्निंग लेवल एक न्यूनतम रेखा से नीचे न हो|
*देशभक्ति करिकुलम के बेहतर क्रियान्वयन पर दिया जोर*
दिल्ली सरकार द्वारा अपने स्कूलों में शुरू किए गए देशभक्ति करिकुलम पर चर्चा करते हुए शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि वर्तमान की चुनौतियों को देखते हुए देशभक्ति करिकुलम इस दौर की एक बड़ी जरुरत है| जहाँ हम अपने स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों में एक ग्रोथ माइंडसेट विकसित कर उन्हें सोचना सीखाना है, उनकी आदतें बदलनी है|
उन्होंने आगे कहा कि स्कूल इन करिकुलम को अच्छी तरह से लागू कर रहे हैं और उसके बेहतर परिणाम मिले हैं। लेकिन इसे एक बड़ी सफलता बनाने के लिए स्कूल प्रमुखों को और आगे आकर काम करना होगा| इसलिए मौजूदा सत्र में सभी प्रिंसिपल इस करिकुलम को अपने स्कूल में बेहतर ढंग से लागू करने की पूरी जिम्मेदारी ले|
उल्लेखनीय है कि कार्यक्रम में दिल्ली सरकार के 250 से अधिक स्कूल प्रमुखों ने भाग लिया| साथ ही शिक्षा सचिव अशोक कुमार, शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता, प्रधान शिक्षा सलाहकार शैलेन्द्र शर्मा, निदेशक एससीईआरटी दिल्ली रीता शर्मा सहित शिक्षा निदेशालय के अन्य अधिकारी मौजूद रहे|
बता दे कि शिक्षा अगले चार दिनों में दिल्ली सरकार के सभी स्कूलों के 1000 से अधिक प्रिंसिपलों से संवाद करेंगी। इस श्रृंखला में आज शिक्षा मंत्री आतिशी ने पहले बैच में 250 से अधिक प्रिंसिपलों से संवाद किया।