समाज के विकास में महिला पंच सरपंचों की सक्रिय भागीदारी जरूरी : तहसीलदार सृष्टि

विशेष संवाददाता चिमन लाल

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को लेकर महिला पंच सरपंचों की एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

बेरी (झज्जर)

महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मंगलवार को बेरी बीडीपीओ कार्यालय परिसर में एसडीएम रेणुका नांदल के मार्गदर्शन में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत समाज के उत्थान में महिला सरपंचों-पंचों की सक्रिय भागीदारी को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि तहसीलदार सृष्टि दूहन मलिक ने कार्यशाला का उदघाटन करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा महिला शसक्तीकरण को बढ़ावा देते हुए महिलाओं को पंचायतों में 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है, ताकि वे देश व समाज के उत्थान में अपने दायित्वो का सक्रियता से निर्वहन कर सकें ।
मुख्य अतिथि सृष्टि दूहन मलिक ने कहा कि महिला सरपंच और पंच के रूप में उनकी सक्रिय भागीदारी न केवल उनके गांव या समुदाय के लिए लाभकारी है, बल्कि समाज में समानता और न्याय की स्थिति को भी मजबूत करती हैं। गांव की छोटी सरकार को मजबूती के साथ चलाते हुए गांवों में नशा, बाल विवाह, कन्या भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक कुरीतियों को जड़मूल से समाप्त करने का संकल्प लें, जिससे देश व समाज और तेज गति से विकास कर सके। उन्होंने दोहराया कि महिला पंच- सरपंच के रूप में सक्रिय भागीदारी समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। महिलाएं जब नेतृत्व की भूमिका में आती हैं, तो वे न केवल अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाती हैं, बल्कि अपने समुदाय की समस्याओं को भी समझती हैं और समाधान खोजने में मदद करती हैं।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए सीडीपीओ सबिता मलिक ने कहा कि महिलाओं के विकास को लेकर केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं,महिलाओ को इन योजनाओं का बढ़ चढ़ कर लाभ उठाना चाहिए। उन्होने कार्यशाला में उपस्थित महिला पंच सरपंच का आह्वान किया कि वे गांवों में आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से जो सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं, महिलाओं को लाभ लेने के लिए प्रेरित करें, साथ प्ले स्कूलों में ज्यादा से ज्यादा पंजीकरण कराएं। जिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी करमिंद्र कौर ने कार्यशाला में बाल विवाह निषेध अधिनियम की विस्तार से जानकारी दी और कहा कि 18 वर्ष से कम आयु की लड़की और 21 वर्ष से कम आयु के लड़के का विवाह निषेध है, इस तरह के विवाह को रोकना हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी भी है। पंच सरपंच महिलाएं गांवों में नियमित बैठक करें, जिसमें उनकी समस्याओं और सुझावों पर चर्चा हो सके। समय समय पर लोकल लेवल पर महिला सशक्तिकरण और विकास के लिए इस प्रकार की कार्यशालाएँ और प्रशिक्षण कार्यक्रम जरूर आयोजित किए जाएं। इस अवसर पर एम डी डी संस्था के जिला कोर्डीनेटर ने बाल विवाह के खिलाफ शपथ दिलवाई। इस कार्यक्रम में बेरी खंड की समस्त महिला पंच सरपंच और महिला बाल विकास विभाग की सभी सुपरवाइजर उपस्थित रहीं।

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