आप” सरकार का ऐतिहासिक फैसला- डीटीसी के संविदा ड्राइवरों-कंडक्टरों की तनख्वाह बढ़ाई जाएगी; दैनिक भत्ते की जगह अब मासिक तौर पर मिलेगा बेसिक-पे, ग्रेड-पे और डीए

आप” सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए डीटीसी के संविदा ड्राइवरों-कंडक्टरों की तनख्वाह बढ़ाने का निर्णय लिया है। अब इन संविदा ड्राइवरों-कंडक्टरों को दैनिक भत्ते की जगह अब मासिक तौर पर बेसिक-पे, ग्रेड-पे और डीए मिलेगा।

इस विषय में साझा करते हुए सीएम आतिशी ने कहा कि, 21918 रुपये प्रतिमाह की जगह अब डीटीसी के संविदा ड्राइवरों को ₹32,918 प्रतिमाह और संविदा कंडक्टरों को ₹29,250 की प्रतिमाह तनख्वाह मिलेगा। वेतन वृद्धि में 222 करोड़ रुपये खर्च होंगे जिसका पूरा वहन दिल्ली सरकार उठाएगी।

सीएम आतिशी ने कहा कि, आप सरकार डीटीसी संविदा ड्राइवरों-कंडक्टरों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस वेतन वेतन वृद्धि में आने वाले पूरे खर्चे का वहन दिल्ली सरकार करेगी। सीएम आतिशी ने कहा कि, डीटीसी की सीएनजी बसों में लगे संविदा ड्राइवर अब इलेक्ट्रिक बसों में भी तैनात होंगे और उन्हें ई-बस चलाने के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी। 

साथ ही डीटीसी ड्राइवर-कंडक्टर अब नई पॉलिसी से ऑनलाइन एप्लीकेशन के ज़रिए घर के नजदीकी डिपो में ट्रांसफर के लिए आवेदन कर सकेंगे। 

सीएम आतिशी ने कहा कि,”दिल्ली में डीटीसी बसें दिल्ली की लाइफलाइन है। ये दिल्ली की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। दिल्ली में रोज सुबह लोग अलग-अलग हिस्से से काम पर निकलते है, लंबी दूरियाँ तय करते है। बच्चे स्कूल-कॉलेज जाते है। इस सबमें डीटीसी की बस सेवा शहर को चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।”

उन्होंने कहा कि, “डीटीसी में कई हज़ार कांट्रैक्ट कर्मचारी डीटीसी के बस ड्राइवर-कंडक्टर के तौर पर काम कर रहे है। अभी डीटीसी में 4564 कांट्रैक्चुअल ड्राइवर है और 17,850 कांट्रैक्चुअल कंडक्टर्स है। इन सभी की वर्किंग कंडीशंस को लेकर कई मांगें थी। कुछ दिनों पहले वो हड़ताल पर भी गए थे। जब वो हड़ताल पर गए तब दिल्ली सरकार की ओर से उनसे लंबी बातचीत हुई। ड्राइवर्स-कंडक्टर्स ने अपनी बहुत सी मांगे हमारे समक्ष रखी।”

सीएम आतिशी ने कहा कि, “इनमें से बहुत सी मांगे एकदम जायज है। इसके लिए मैं डीटीसी के ड्राइवर्स-कंडक्टर्स का धन्यवाद करना चाहूँगी कि उन्होंने हमारे आश्वासन पर हमारी बात पर भरोसा करते हुए अपनी हड़ताल को बंद किया और फिर से डीटीसी की बसों को चलाया ताकि दिल्ली की अर्थव्यवस्था ठीक तरीक़े से चल सके। उन्होंने कहा कि, दिल्ली सरकार द्वारा डीटीसी ड्राइवरों की कई मांगों को पूरा कर दिया गया है।”

सीएम आतिशी ने साझा किया कि, “सबसे पहली माँग जिसकी वजह से ये हड़ताल शुरू हुई थी वो थी सरोजनी नगर में पिंक डिपो का बनना। कई महिला ड्राइवर और कंडक्टर इस बात से नाखुश थी कि, उन्हें अलग-अलग बस डिपो से उनके घरों से काफ़ी दूर सरोजनी नगर के बस डिपो में लाया गया। ये महिला ड्राइवर और कंडक्टर ट्रांसफ़र लेकर अपने घर के पास के डिपो में काम करना चाहती थी। तो इनसे मीटिंग के अगले ही दिन 20 नवम्बर को एक आदेश जारी किया गया जिसमें पिंक डिपो से जो जो महिला ड्राइवर अपने डिपो में वापिस जाना चाहती थी, उनका ट्रांसफर कर दिया गया।”

उन्होंने कहा कि, “दूसरा ड्राइवर-कंडक्टरों की माँग थी कि, अक्सर उनकी पोस्टिंग उनके घर से बहुत दूर होती है। ऐसे में उनकी माँग थी कि उनके घर के पास के डिपो में ही उनकी पोस्टिंग की जाए। इसके लिए डीटीसी द्वारा एक नई पॉलिसी जारी की गई है जिसके तहत ये प्रयास किया जाएगा कि, डीटीसी के ड्राइवरों-कंडक्टरों का उनके घर के पास के डिपो में ट्रांसफर किया जाए। इसके लिए पारदर्शी तरीके से एक ऑनलाइन एप्लीकेशन बनाई जाएगी, जिसमें ड्राइवर-कंडक्टर अपना निवास स्थान बता पाएंगे और ऑनलाइन लिस्ट निकाली जाएगी ताकि उन्हें अपने घर के पास पोस्टिंग मिल सके।”

सीएम अतिशी ने कहा कि, “डीटीसी के कांट्रैक्चुअल ड्राइवर्स की ये माँग थी कि, उन्हें ये डर था कि, अब जब सभी बसों की फ्लीट को इलेक्ट्रिक किया जा रहा तो फिर जब सीएनजी बसों को हटाया जाएगा तो उनकी नियुक्ति का क्या होगा? इनकी इस मांगों को 2 तरीके से पूरा करने की कोशिश की जा रही है। जो-जो ड्राइवर्स प्रमोट हो रहे है और असिस्टेंट टिकट इंस्पेक्टर(एटीआई) बन रहे है। उनके स्थान पर कांट्रैक्ट ड्राइवर्स को पहली वरीयता दी जाएगी। 

उन्होंने कहा कि, “डीटीसी के सभी कांट्रैक्ट ड्राइवरों को इलेक्ट्रिक बसों को चलाने के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी। ताकि जैसे जैसे इलेक्ट्रिक बसें डीटीसी के बेड़े में शामिल होती जाए वैसे वैसे इन कांट्रैक्ट ड्राइवरों को इलेक्ट्रिक बस चलाने का मौका मिले। इसके लिए एक पूरा ट्रेनिंग शेड्यूल निकाला गया है जिसके तहत सभी डीटीसी कांट्रैक्ट ड्राइवरों को इलेक्ट्रिक बस ड्राइविंग की ट्रेनिंग दी जाएगी।”

सीएम आतिशी ने कहा कि, “डीटीसी ड्राइवरों-कंडक्टरों की चौथी और बहुत बड़ी माँग ये थी कि उन्हें दैनिक आधार पर भुगतान मिलता है। उन्हें 843 रुपये रोजाना के आधार पर मिलते है। यानी हर महीने तक़रीबन 21918 रुपये तनख़्वाह मिलती है। साथ ही उन्हें न तो डीए मिलता है, ग्रेड पे के अनुसार बाक़ी भत्ते नहीं मिलते। तो ड्राइवर और कंडक्टरों की ये माँग थी कि उन्हें दैनिक भत्ते के बजाय एक मासिक आधार पर भुगतान किया जाए। बतौर मिनिस्टर इंचार्ज और डीटीसी चेयरमैन आज मैंने इस प्रस्ताव को इन-प्रिंसिपल मंजूरी दे दी है।”

उन्होंने कहा कि, अब ये प्रस्ताव एलजी साहब के पास जाएगा और मुझे पूरी उम्मीद है कि, आने वाले 1-2 महीने में डीटीसी के ड्राइवर और कंडक्टरों को 21918 रुपये से बढ़ाकर उनके ग्रेड-पे के अनुसार वेतन दिया जाएगा। इसके तहत कंडक्टर्स पे-ग्रेड लेवल 2 में रहेंगे और उनकी बेसिक पे 19200 रुपये और ग्रेड पे 1900 रहेगी। और कुल मिलाकर उनका मासिक वेतन बढ़कर 29250 रुपये हो जाएगा। 

ड्राइवर पे मैट्रिक्स लेवल 3 पर रहेंगे। उनका बेसिक पे 21700 और ग्रेड पे 2000 रुपये रहेगी और उनका वेतन बढ़कर 32918 रुपये हो जाएगा। और जैसे बाक़ी कर्मचारियों को डीए मिलता है उन्हें भी मिलेगा। 

सीएम आतिशी ने कहा कि, “इसका पूरा खर्चा दिल्ली सरकार के ऊपर 222 करोड़ रुपये का आयेगा।  दिल्ली सरकार जैसे आजतक सभी कांट्रैक्चुअल कर्मचारियों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है, इस पूरे खर्चे का वहन दिल्ली सरकार करेगी। इसका प्रस्ताव आने वाले कुछ दिनों के कैबिनेट में पास किया जाएगा।”

सीएम आतिशी ने कहा कि, “मुझे पूरा भरोसा है कि जिस प्रकार डीटीसी के ड्राइवर और कंडक्टर के प्रति दिल्ली सरकार अपनी जिम्मेदारी निभा रही है। उसी तरह ये सभी दिल्ली वालों के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभायेंगे और दिल्ली की लाइफलाइन डीटीसी को जिस मेहनत से चलाते आए है आगे भी चलाते रहेंगे।”

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