शारदा यूनिवर्सिटी छात्रा सुसाइड केस में यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एचओडी और डीन समेत चार और प्रोफेसर सस्पेंड

नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (बीडीएस) की छात्रा ज्योति के सुसाइड केस में यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एचओडी और डीन समेत चार और प्रोफेसर को सस्पेंड कर दिया। इस मामले में जेल भेजे गए दो प्रोफेसर पहले ही सस्पेंड किए जा चुके हैं।

शारदा यूनिवर्सिटी के मंडेला गर्ल्स हॉस्टल में शुक्रवार की शाम गुरुग्राम की रहने वाली बीडीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा ज्योति ने फांसी का फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली थी। सुसाइड नोट में फैकल्टी को मानसिक रूप से उत्पीड़न करने का जिम्मेदार ठहराया था। सुसाइड नोट में दो प्रोफेसर का नाम लिखा गया था। छात्रा के पिता ने डीन समेत छह नामजद और कुछ अज्ञात स्टाफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया। पुलिस ने महिला प्रोफेसर सैरी वशिष्ठ और प्रोफेसर महेंद्र सिंह चौहान को गिरफ्तार कर लिया, जबकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने दोनों प्रोफेसर को सस्पेंड कर दिया था।

शारदा विश्वविद्यालय के डायरेक्टर पीआर डॉ. अजित कुमार ने बताया कि इस प्रकरण में नामजद एचओडी प्रोफेसर आशीष चौधरी, डीन प्रोफेसर एम सिद्धार्थ, प्रोफेसर अनुराग और सुरभि को भी सस्पेंड कर दिया गया है। इस घटना की प्रो वाइस चांसलर की अध्यक्षता में कमेटी जांच कर रही है। जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

छात्रा ज्योति को इंसाफ दिलाने के लिए कैंडल मार्च की घोषणा करने वाले सपा छात्र सभा के जिला अध्यक्ष मोहित नागर और उनके एक साथी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इसके बाद सोमवार को प्रस्तावित कैंडल मार्च का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया। मोहित नागर ने रविवार को सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर कैंडल मार्च का ऐलान किया था। छात्रा की खुदकुशी की घटना के बाद परिजनों और विश्वविद्यालय के छात्रों ने करीब 16 घंटे तक प्रदर्शन किया था। छात्रों के आक्रोश को देखते हुए विश्वविद्यालय में अब भी पुलिस बल तैनात है। सोमवार को कैंडल मार्च और शोक सभा के आयोजनों को देखते हुए पुलिस काफी सतर्क रही। दूसरी ओर, घटना के बाद से मीडिया के प्रवेश पर लगी पाबंदी जारी है।

उल्लेखनीय है कि इस मामले में छात्रा की मां सुनीता, पिता रमेश जांगड़ा और छात्र-छात्राओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर ज्योति के उत्पीड़न का आरोप लगाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि घटना के चार घंटे तक किसी को कुछ नहीं बताया गया और ज्योति को फंदे से उतारकर घसीटते हुए अस्पताल तक पहुंचाया गया। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर घटना की गंभीरता से जांच करने की मांग की थी।

 एक वकील और उनके साथियों ने कलेक्ट्रेट में डीएम को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की। पुलिस पर लाठीचार्ज करने का आरोप लगाते हुए विरोध जताया। इस मौके पर एडवोकेट नीरज भाटी, पवन भाटी, विशाल नागर, सचिन भाटी, प्रिंस भाटी, मोहित भाटी आदि शामिल रहे।

मामले में गिरफ्तार किए गए दो प्रोफेसर जेल जा चुके हैं। एडीसीपी सुधीर कुमार ने बताया कि यूनिवर्सिटी प्रशासन की कमेटी ने पांच दिन का समय लिया है। जांच रिपोर्ट में जिनकी भी लापरवाही सामने आएगी, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पुलिस भी अपने स्तर पर जांच कर रही है। घटना के समय की सीसीटीवी फुटेज कब्जे में लेकर जांच की जा रही है।

फेडरेशन ऑफ आरडब्ल्यूए का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को जिलाधिकारी मनीष वर्मा से मिला। मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर प्रकरण की मजिस्ट्रेट से जांच कराने की मांग की। फेडरेशन के पूर्व महासचिव दीपक भाटी ने बताया कि ज्योति की आत्महत्या के मुकदमे में निष्पक्ष कानूनी कार्रवाई करने, जिलाधिकारी के नेतृत्व में एक प्रशासनिक कमेटी और सभी संस्थानों में छात्रों की समस्याओं व शिकायतों के लिए जिलाधिकारी के नेतृत्व में सामाजिक लोगों के साथ एक संयुक्त कमेटी गठित करने की मांग की गई है।

छात्रा ज्योति की आत्मा की शांति के लिए शारदा विश्वविद्यालय में सोमवार को श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। इस दौरान दो मिनट का मौन रखकर शोक संवेदना व्यक्त की गई। विश्वविद्यालय के चांसलर पीके गुप्ता ने कहा कि इस दुखद घटना को लेकर हमारी संवेदना मृतक छात्रा के परिवार के साथ है। इस तरह की घटना से संस्थान का नाम खराब होता है। शिक्षक और छात्रों के बीच ऐसा रिश्ता होना चाहिए जो अपनी समस्या बिना संकोच बता सकें। इस दौरान विश्वविद्यालय के प्रो चांसलर वाइके गुप्ता, वाइस चांसलर डॉ. सिबाराम खारा, रजिस्ट्रार डॉ.विवेक कुमार, एडमिशन डायरेक्टर डॉ. राजीव गुप्ता, डीन रिसर्च डॉ. भुवनेश कुमार समेत स्कूलों के डीन, एचओडी, फैकल्टी और छात्र मौजूद रहे।

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