” मुझे इलाहाबाद में धमकी दी गई है कि दो हफ्ते के अंदर में मुझे किसी बहाने से जेल से निकालेंगे और निबटा देंगे. एक बड़े अफसर ने धमकी दी है. …मैं उनका नाम नहीं बता सकता हूं. जी वह यूपी पुलिस के हैं. ..मैं पूरी बात नहीं बता सकता. मेरी हत्या होती है तो एक बंद लिफाफा चीफ जस्टिस आफ इंडिया , इलाहाबाद हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को वह बंद लिफाफा पहुंचा दिया जायेगा. ..उस लिफाफा में धमकी देने वाले अधिकारी का नाम होगा ”
माफिया अतीक अहमद के छोटे भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ ने 28 मार्च को यह बात उस वक्त कही थी जब उसे प्रयागराज में पेशी के बाद बरेली जेल भेजा जा रहा था. अपनी हत्या के बारे में अशरफ अहमद ने करीब दो हफ्ते पहले ही भविष्यवाणी कर दी थी. उसने एक बड़े पुलिस अधिकारी का हवाला देते हुए दावा किया था. माफिया के इस बयान को उस बक्त भले ही गंभीरता से नहीं लिया गया था. 20 पहले दिया गया बयान ने अब भूचाल ला दिया है. माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के बाद 20 दिन पुराने इस बयान ने पूरे मामले की जांच- नजरिये को बदल दिया है.
खालिद अजीम उर्फ अशरफ ने 28 मार्च को जिस लिफाफे का जिक्र किया था, वह माफिया अतीक अहमद ने जेल से आते वक्त सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को संबोधित करते हुए लिखा था. इसमें अपनी सुरक्षा को खतरा बताते हुए सीलबंद कर दिया था. लिफाफा अतीक अहमद के पूर्व सांसद वाले लैटर हेड पर लिखा गया है. लिफाफा में प्रेषक वाले स्थान पर भी अतीक अहमद , पूर्व सांसद लिखा हुआ है.
यह सीलबंद लिफाफा चीफ जस्टिस आफ इंडिया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेज दिया गया है.माफिया के अतीक के वकील विजय मिश्रा ने इसकी पुष्टि की है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मिश्रा सोमवार की शाम को इलाहाबाद हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस से मुलाकात कर उस लिफाफे को सौंप सकते हैं.
अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल को रात करीब साढ़े दस बजे पुलिस कस्टडी में गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. माफिया ब्रदर्स कॉल्विन अस्पताल के बाहर पत्रकारों से बात कर रहे थे तभी तीन शूटरों ने उन पर गोलियों की बौछार कर दी. अतीक-अशरफ को मेडिकल टेस्ट के लिए अस्पताल लाया गया था. हमलावर पत्रकारों के भेष में पहुंचे थे.