उपायुक्त सचिन गुप्ता ने अधिकारियों को दिए ग्राम पंचायत अनुसार विकास कार्यों की सूची तैयार करने के निर्देश

विशेष संवाददाता चिमन लाल

रोहतक

उपायुक्त सचिन गुप्ता ने ग्रामीण क्षेत्र में विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि अधिकारी प्रत्येक गांव में ऐसी 10 सुविधाओं की पहचान करें जो ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए आवश्यक है। जिला की सभी 142 ग्राम पंचायतों की विकास कार्यों की ग्राम पंचायत अनुसार सूची तैयार की जाए। ग्रामीण क्षेत्र में स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए भी कार्य किया जाए। ग्राम पंचायत की पंचायती भूमि की रिपोर्ट भी तैयार की जाए। सचिन गुप्ता स्थानीय लघु सचिवालय स्थित सभागार में विकास एवं पंचायत, जिला परिषद के अधिकारियों के साथ ग्राम विकास की योजनाओं के क्रियान्वयन एवं विकास कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अधिकारी गांवों में स्ट्रीट लाइटों व स्वच्छता के लिए भी आवश्यक कार्रवाई करें। ग्राम पंचायत, पंचायत समिति एवं जिला परिषद द्वारा ग्रामीण विकास के कार्य करवाए जा रहे है। उन्होंने कहा कि अधिकारी समीक्षा बैठक में जिला स्तर व मुख्यालय स्तर के मुद्दों की जानकारी दें ताकि उनका समाधान किया जा सके और गांवों के विकास की गति को बढ़ाया जा सके। अधिकारी पारदर्शिता से कार्य सुनिश्चित करें।
उपायुक्त सचिन गुप्ता ने कहा कि सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में शामलात भूमि पर गत 20 वर्षों से बने ऐसे मकानों को नियमित करने की गति को बढ़ाया जाए जो सार्वजनिक रास्तों अथवा तालाब की भूमि पर न बने हो। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा शुरू किए गए एचईडब्ल्यूपी पोर्टल के माध्यम से ग्राम विकास के कार्यों के नियमानुसार टेंडर किए जाए तथा टेंडर अलॉट करने में किसी प्रकार की देरी न की जाए। उन्होंने कहा कि जिला में ग्रामीण क्षेत्र में स्ट्रीट लाइटें लगाने के लिए दो चरणों में जिला के 51 गांव चुने गए है। प्रथम चरण में चयनित किए गए 26 गांवों में से 6 गांवों में कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा शेष 20 गांवों में स्ट्रीट लाइटें लगाने का कार्य जारी है। दूसरे चरण में चुने गए 25 गांवों में से 12 गांवों में कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा 13 गांवों में कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि जिला की 16 फिरनियों को विकसित करने के लिए मंजूरी प्राप्त हुई है, जिनमें से 7 फिरनियों का कार्य पूर्ण किया जा चुका है तथा 9 पर कार्य जारी है। जिला के 26 गांवों में से 24 गांवों में महिला सांस्कृतिक केंद्र बनाए गए है तथा 17 गांवों में आवश्यक उपकरण उपलब्ध करवा दिए गए है।
उपायुक्त सचिन गुप्ता ने कहा कि जिला में चिन्हित गांवों को मॉडल गांव के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसके तहत गांव की फिरनियों को पक्का करने के साथ-साथ स्ट्रीट लाइटें व बैंच इत्यादि लगाए जा रहे है। उन्होंने खंड विकास एवं पंचायत अधिकारियों से गांवों में कचरा एकत्रित करने व इस कचरे को एक स्थान पर भंडारण करने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण की प्रगति की समीक्षा की तथा अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रदीप कौशिक ने मॉडल गांवों व स्वच्छ भारत मिशन के बारे में विस्तृत जानकारी दी। जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी राजपाल चहल, पंचायतीराज विभाग के कार्यकारी अभियंता नवीन कुमार तथा खंड विकास एवं पंचायत अधिकारियों ने ग्राम विकास के कार्यों की रिपोर्ट दी। इस मौके पर रोहतक व सांपला के खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी रोहताश, कलानौर के खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी अश्वनी, महम के खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी मुकुल दहिया, लाखनमाजरा के खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी रोहन दहिया आदि उपस्थित रहे।

आदर्श ग्राम विकास हेतु 10-सूत्री एजेंडा :-

  1. स्वच्छ एवं हरित गलियाँ, गड्ढों से मुक्त गाँव की गलियाँ, कार्यशील नालियाँ और नियमित सफाई सुनिश्चित करें। वृक्षारोपण और पार्क/व्यायामशाला विकास कार्य करें।
  2. जल सुरक्षा एवं प्रबंधन – पेयजल उपलब्धता, तालाबों का पुनरुद्धार, गाद निकासी, ग्रेवाटर प्रबंधन और आवश्यकतानुसार पाइपलाइन/सीवर बिछाना सुनिश्चित करें।
  3. ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन – घर-घर जाकर ठोस अपशिष्ट संग्रहण, पृथक्करण और निपटान की व्यवस्था लागू करें। बायोगैस/गोबरधन संयंत्र और तरल अपशिष्ट प्रबंधन परियोजनाओं को लागू करें।
  4. स्मार्ट स्ट्रीट लाइटिंग और सीसीटीवी – 100 प्रतिशत एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगाएँ/मरम्मत करें और सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से संवेदनशील स्थानों की कवरेज सुनिश्चित करें।
  5. डिजिटल एवं शैक्षिक केंद्र – डिजिटल पुस्तकालयों, महिला सांस्कृतिक केंद्रों, व्यायामशालाओं को सुदृढ़ बनाएँ और स्कूलों एवं आंगनवाडिय़ों की मरम्मत/रखरखाव सुनिश्चित करें।
  6. सामुदायिक संपत्तियों का पुनरुद्धार – चौपालों, शिवधाम, बस कतार आश्रयों, ग्राम सचिवालयों और अन्य सामुदायिक संपत्तियों का जीर्णोद्धार।
  7. स्वास्थ्य एवं स्वच्छता अवसंरचना – प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों/उप स्वास्थ्य केंद्रों की मरम्मत करें और सुनिश्चित करें कि सभी सार्वजनिक/सामुदायिक शौचालय और मूत्रालय कार्यात्मक और स्वच्छ हों।
  8. खेल एवं युवा जुड़ाव – ग्रामीण खेल स्टेडियमों, ओपन जिमों का उन्नयन करें और युवा क्लबों, खेलों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को बढ़ावा दें।
  9. हरित ऊर्जा और स्थिरता – सौर स्ट्रीट लाइटों, नवीकरणीय ऊर्जा समाधानों और पर्यावरण-अनुकूल बायोगैस/अपशिष्ट से ऊर्जा पहलों को बढ़ावा दें।
  10. समावेशी शासन और निगरानी – गाँव की संपत्तियों का सामाजिक ऑडिट करें, ग्राम सभा प्रस्तावों के माध्यम से कार्यों को प्राथमिकता दें और विकास पर नजर रखने के लिए डिजिटल डैशबोर्ड बनाए रखें।

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