दिल्ली में लागू की गई नई शराब नीति से जुड़े कथित घोटालों का मामला शांत नहीं हुआ था कि राजधानी में शराब से जुड़ा एक और मामला तूल पकड़ता जा रहा है.
आपको बता दें कि राजधानी दिल्ली के ज्यादातर ठेकों में ग्राहकों को उनके फेवरेट ब्रांड की बीयर नहीं मिल रही है. बढ़ती गर्मियों के साथ दिल्ली में ठंडी बीयर की डिमांड बढ़ने लगी है लेकिन शराब ठेकों से ग्राहकों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है. कई कस्टमर्स का कहना है कि ठेकों पर उनके फेवरेट ब्रांड के बीयर नहीं मिल रही है, वहीं लोकल ब्रांड की बीयर बेची जा रही है. हालांकि आबकारी विभाग से जुड़े अधिकारियों ने इस बात को नकार दिया है.
ग्राहकों ने अपनी समस्या के लिए शराब विक्रेताओं से शिकायत भी की है. आबकारी विभाग से जुड़े अधिकारियों ने इस बात को माना है कि दिल्ली के ठेकों पर ‘रेफ्रिजरेटर’ और ‘चिलर’ की कमी है. आपको बता दें कि दिल्ली सरकार के 4 डिपार्टमेंट इस मामले में डायरेक्ट दखल रखते हैं जिनमें दिल्ली स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (DSIIDC), दिल्ली उपभोक्ता सहकारी थोक भंडार (DCCWS), दिल्ली स्टेट सिविल सप्लाइज कॉरपोरेशन लिमिटेड (DSCSC) और दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम (DTTDS) शामिल है. इनके द्वारा दिल्ली में करीब 550 से ज्यादा शराब की दुकानों का संचालन किया जाता है.
आपको बता दें कि ठेका चलाने वाले कई लोगों ने इस बात को माना है कि उनके पास रेफ्रिजरेटर उपलब्ध नहीं होने की वजह से ठंडी बीयर रखना थोड़ी मुश्किल है. एक ओर जहां जगह-जगह पर ग्राहक फेवरेट ब्रांड की बीयर न मिलने की शिकायत कर रहे हैं, वहीं आबकारी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की कोई शिकायत उन्हें नहीं मिली है, हालांकि वह रेफ्रिजरेटर की कमी की बात जरूर स्वीकार करते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अकेले दिल्ली में हर साल करीब 15 करोड़ रुपए के बीयर के बोतलों की बिक्री की जाती है.