एमसीडी के अनुसार, इन अवैध कॉलोनियों में भवन निर्माण की कोई योजना स्वीकृत नहीं की जाती। इसके बावजूद, स्थानीय स्तर पर बिना तकनीकी निरीक्षण और सुरक्षा मानकों की अनदेखी करते हुए लगातार मंजिलें जोड़ी जा रही थीं।
इस घटना के बाद एमसीडी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए पूर्व में तैनात रहे कनिष्ठ अभियंता (JE) फैजान रजा को बर्खास्त कर दिया है। फैजान रजा मार्च 2019 से अगस्त 2021 तक इस क्षेत्र में कार्यरत थे और फैजान पर पहले भी कई बार अनुशासनात्मक कार्रवाई हो चुकी है।
इसके अलावा, तीन अन्य अधिकारियों पर भी कार्रवाई की गई ,जिसमे वर्तमान जेई रवि कुमार सिंह, जो 28 नवंबर 2024 से पद पर थे, को विभागीय जांच के दौरान भवन विभाग से हटाकर जजोन के अन्य विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया है। उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है।
एमसीडी ने इस क्षेत्र में 15 ऐसी बहुमंजिला इमारतों की पहचान की है जिन पर अवैध निर्माण के तहत कार्रवाई की जाएगी। विशेष रूप से पांच या उससे अधिक मंजिलों वाली इमारतों का सर्वे किया जा रहा है। प्लॉट संख्या 17, डी1 स्ट्रीट, डी-ब्लॉक पर 25 मार्च 2025 को ही ध्वस्तीकरण आदेश जारी किया जा चुका है, जिसे अब शीघ्र गिराने की तैयारी की जा रही है।
एमसीडी ने साफ किया है कि नागरिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है, जहां कहीं भी अवैध निर्माण या ढांचागत खतरा पाया जाएगा, वहां तत्काल कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह इमारत किसी भी इलाके में हो और चाहे उस पर कोई भी प्रभावशाली व्यक्ति क्यों न हो।
दिल्ली में अवैध निर्माण से संबंधित नियम ?
दिल्ली नगर निगम अधिनियम, 1957 और यूनिफाइड बिल्डिंग बायलॉज, 2016 के तहत निर्धारित हैं. इन नियमों का पालन दिल्ली नगर निगम (MCD) और अन्य संबंधित प्राधिकरण सुनिश्चित करते हैं. नीचे अवैध निर्माण से जुड़े प्रमुख नियम और प्रावधानों को आसान भाषा में समझाया गया है.
मुख्य नियम और प्रावधान
मंजिलों की सीमा: दिल्ली में सामान्य रूप से भूतल सहित अधिकतम तीन मंजिल (कुछ मामलों में चार) की अनुमति है. इससे अधिक मंजिलें (जैसे पांचवीं या छठी) बिना विशेष अनुमति के अवैध हैं.
स्वीकृत नक्शा अनिवार्य: कोई भी निर्माण शुरू करने से पहले MCD से नक्शा स्वीकृत कराना जरूरी है. बिना स्वीकृति के निर्माण अवैध है.
जर्जर भवन: पुराने और खतरनाक मकानों को MCD द्वारा “खतरनाक भवन” घोषित किया जा सकता है. ऐसे मकानों को नोटिस देकर हटाने या मरम्मत का आदेश दिया जाता है.
प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन पर रोक: अवैध निर्माण वाले मकानों की बिक्री या पंजीकरण पर MCD रोक लगा सकता है.
जुर्माना और कार्रवाई: अवैध निर्माण पर जुर्माना, सीलिंग या तोड़फोड़ की कार्रवाई हो सकती है.
MCD की कार्रवाई प्रक्रिया
सर्वे और नोटिस: MCD अवैध निर्माण की शिकायत या सर्वे के आधार पर नोटिस जारी करता है.
सुनवाई का मौका: मालिक को जवाब देने और नियमित करने का मौका दिया जाता है.
तोड़फोड़: यदि मालिक नियमों का पालन नहीं करता, तो MCD अवैध हिस्से को तोड़ सकता है.
खतरनाक भवन विभाग: यह विभाग जर्जर और असुरक्षित इमारतों की पहचान कर कार्रवाई करता है.
विशेष क्षेत्रों में नियम और कानूनी परिणाम
– मुस्लिम बहुल या अन्य घनी आबादी वाले क्षेत्रों में अवैध निर्माण की शिकायतें आम हैं. MCD को इन क्षेत्रों में नियम लागू करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन नियम सभी क्षेत्रों के लिए एक समान हैं.
– विशेष अनुमति (जैसे ऊंची इमारतों के लिए) लेने पर ही अतिरिक्त मंजिलें बनाई जा सकती हैं.
– अवैध निर्माण करने वालों को जुर्माना, कानूनी कार्रवाई या संपत्ति जब्त होने का सामना करना पड़ सकता है.
– खतरनाक मकानों के कारण हुए हादसों में मालिक जिम्मेदार ठहराए जा सकते हैं.
MCD द्वार नियम के अनुसार आमलोगों को सुझाव
– निर्माण से पहले MCD से अनुमति लें और स्वीकृत नक्शे का पालन करें.
– जर्जर मकानों की मरम्मत या पुनर्निर्माण के लिए MCD से संपर्क करें.
– अवैध निर्माण की शिकायत के लिए MCD की वेबसाइट या हेल्पलाइन का उपयोग करें.