प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए दिल्ली नगर निगम ने अब नया आदेश जारी किया है कि बिना डीपीसीसी ने पंजीकरण के कोई भी बिल्डिंग प्लान स्वीकृत नहीं किया जाएगा। उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। एमसीडी की ओर से जानकारी दी गई है कि हर निर्माण स्थल पर डीपीसीसी पोर्टल पंजीकरण पहचान पत्र के साथ डिस्प्ले बोर्ड लगाना भी जरूरी होगा।
एमसीडी ने यह कदम वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के मार्गदर्शन में उठाया है। दिल्ली में चल रहे कई निर्माण कार्यों से उत्पन्न पीएम 10 और पीएम 2.5 का स्तर लगातार बढ़ रहा है। इसे रोकने के लिए एमसीडी को अपने बिल्डिंग प्लान अप्रूवल सिस्टम को डीपीसीसी डस्ट पोर्टल से जोड़ने का निर्देश दिया गया है ताकि निगरानी और नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जा सके।
एमसीडी सीमा क्षेत्र में आने वाले सभी प्रोजेक्ट्स को हर 15 दिन में डीपीसीसी पोर्टल पर स्व-घोषणा पत्र अपलोड करना होगा। इसके साथ ही उन्हें (बिल्डरों को) निर्माण स्थल पर 360 डिग्री पैन-टिल्ट-जूम (पीटीजेड) वीडियो सर्विलांस और कम लागत वाले पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) सेंसर डिवाइस लगाना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही निर्धारित धूल नियंत्रण नियमों का भी पालन करना होगा।